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कोरोना संकट: लॉकडाउन के कारण सैकड़ों वकीलों की रोजी रोटी पर पड़ा बुरा असर

कोरोना वायरस के चलते हर किसी को मुश्किल हालातों का सामना करना पड़ा है. ऐसे में शायद ही कोई सेक्टर होगा जिस पर कोरोना की मार ना पड़ी हो. कोरोना के कारण जहां कई काम धंधे बंद हो गए तो वहीं कुछ बंद होने की कगार पर हैं. वहीं वकील भी इससे अछूते नहीं रहे और उन पर भी कोरोना की मार पड़ी है. ईटीवी भारत ने चंडीगढ़ के वकीलों से बात की और उनका दर्द जानने की कोशिश की.

lockdown effect advocates haryana
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Published : Jul 1, 2020, 7:11 PM IST

चंडीगढ़: कोरोना महामारी के कारण लगे लॉकडाउन में हर किसी को मुश्किल हालातों का सामना करना पड़ा है. व्यापारी परेशान हैं, कर्मचारियों को समझ नहीं आ रहा है कि वे क्या करें. आज कोरोना की मार पड़ने से हर वर्ग परेशान नजर आ रहा है. वहीं अगर बात की जाए वकीलों की तो, सैकड़ों वकीलों की रोजी रोटी पर कोरोना वायरस का बेहद बुरा असर पड़ा है.

चंडीगढ़ की जिला अदालत और पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट में सैकड़ों वकील रोजी रोटी के लिए तरस रहे हैं. कोरोना वायरस के कारण पेशेवर वकीलों के सामने समस्याएं लगातार मंडरा रही हैं. लॉकडाउन के दौरान देशभर में अदालतें बंद रही. वहीं चंडीगढ़ में भी सिर्फ जरूरी मामलों की सुनवाई होती रही, बाकी सिविल, मैट्रिमोनियल और कई अन्य मामलों की सुनवाई नहीं होने के कारण वकीलों की आमदनी भी नहीं हुई. ऐसे में वकीलों के लिए घर का खर्चा चलाना भी मुश्किल हो गया. हालांकि बार एसोसिएशन और बार काउंसिल द्वारा नए वकीलों की मदद तो की गई, लेकिन बावजूद इसके वकीलों को अभी भी कोर्ट खुलने का इंतजार है.

जूनियर वकीलों को हुई ज्यादा परेशानी

बात करें चंडीगढ़ जिला अदालत की तो यहां पर लॉकडाउन से पहले कई मामले विचाराधीन थे और लॉकडाउन के दौरान भी कई मामले रजिस्टर्ड किए गए हैं, जिन पर सुनवाई अभी तक शुरू नहीं हुई है. चंडीगढ़ जिला अदालत बार काउंसिल के प्रधान एनके नंदा बताते हैं कि लॉकडाउन का ऐलान होते ही सुप्रीम कोर्ट की ओर से यह निर्देश दिए गए कि सिर्फ जरूरी मामलों की सुनवाई होगी, जिसमें सुरक्षा के मामले, जमानत से जुड़े मामले शामिल रहे. ऐसे में काफी समस्याएं आई और जो वकील जूनियर थे जिन्होंने अपना कैरियर अभी शुरू ही किया था उनकी आमदनी पर भी असर पड़ा.

लॉकडाउन के कारण सैकड़ों वकीलों की रोजी रोटी पर पड़ा बुरा असर, देखिए ये रिपोर्ट.

हालांकि ऑर्डिनरी केस की फाइलिंग शुरू भले ही कर दी गई है, लेकिन उसमें भी तारीखें ही पड़ रही हैं और अभी भी केवल जरूरी मामलों की सुनवाई ही की जा रही है क्योंकि कोर्ट में जज भी एक या दो ही बैठ रहे हैं. जिस वजह से मामले लंबित होते जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि वकीलों की आजीविका अदालतों में चलने वाले केसों पर निर्भर होती है. पूर्ण रूप से वकीलों के कोर्ट में नहीं जाने से इस लीगल प्रैक्टिस इंडस्ट्री में संकट आ गया है. जो वकील कामयाब हैं और सीनियर हैं वह तो किसी तरह अपना गुजारा कर ही रहे हैं, लेकिन जूनियर वकीलों को अपना गुजारा करना मुश्किल हो रहा है.

बार एसोसिएशन ने भी की आर्थिक सहायता

इतना ही नहीं वकीलों के साथ जुड़े लोगों को लॉकडाउन के कारण काफी परेशानी हो रही है क्योंकि अदालतों में सिर्फ वकील ही नहीं और भी कई लोग काम करते हैं, उनकी आजीविका पर भी असर पड़ रहा है. वहीं पंजाब-हरियाणा बार एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष वकील फतेह जीत सिंह बताते हैं कि उनकी एसोसिएशन द्वारा नए वकीलों की और ऐसे वकीलों की जिन्हें आर्थिक सहायता की जरूरत है, उन्हें सहायता प्रदान की गई. वकीलों को ऑनलाइन सुनवाई में भी दिक्कतें आ रही हैं क्योंकि कभी इंटरनेट का कनेक्शन भी खो जाता है तो कभी दूसरे की आवाज नहीं आती ऐसे में जज भी मामले की सुनवाई स्थगित कर देते हैं या अगली तारीख दे देते हैं.

बता दें कि, पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट में 13,000 वकील हैं. इसके अलावा हाई कोर्ट का अपना स्टाफ भी है. कोषाध्यक्ष ने कहा कि कोरोना वायरस के कारण लगे लॉकडाउन के दौरान इन सभी के सामने दो वक्त की रोटी जुटाना भी मुश्किल हो गया और परेशानियां अभी भी जस की तस है. इसलिए पंजाब-हरियाणा बार एसोसिएशन ये मांग करती है कि जल्द से जल्द कोर्ट को पहले की तरह संचालित किया जाए, जो भी नियम बनाए जाएंगे कोर्ट में काम करने वाला हर एक व्यक्ति उनकी पालना करेगा.

ये भी पढ़ें- गरीब कल्याण रोजगार योजना को लेकर सीएम ने ट्वीट कर प्रधानमंत्री का किया आभार

चंडीगढ़: कोरोना महामारी के कारण लगे लॉकडाउन में हर किसी को मुश्किल हालातों का सामना करना पड़ा है. व्यापारी परेशान हैं, कर्मचारियों को समझ नहीं आ रहा है कि वे क्या करें. आज कोरोना की मार पड़ने से हर वर्ग परेशान नजर आ रहा है. वहीं अगर बात की जाए वकीलों की तो, सैकड़ों वकीलों की रोजी रोटी पर कोरोना वायरस का बेहद बुरा असर पड़ा है.

चंडीगढ़ की जिला अदालत और पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट में सैकड़ों वकील रोजी रोटी के लिए तरस रहे हैं. कोरोना वायरस के कारण पेशेवर वकीलों के सामने समस्याएं लगातार मंडरा रही हैं. लॉकडाउन के दौरान देशभर में अदालतें बंद रही. वहीं चंडीगढ़ में भी सिर्फ जरूरी मामलों की सुनवाई होती रही, बाकी सिविल, मैट्रिमोनियल और कई अन्य मामलों की सुनवाई नहीं होने के कारण वकीलों की आमदनी भी नहीं हुई. ऐसे में वकीलों के लिए घर का खर्चा चलाना भी मुश्किल हो गया. हालांकि बार एसोसिएशन और बार काउंसिल द्वारा नए वकीलों की मदद तो की गई, लेकिन बावजूद इसके वकीलों को अभी भी कोर्ट खुलने का इंतजार है.

जूनियर वकीलों को हुई ज्यादा परेशानी

बात करें चंडीगढ़ जिला अदालत की तो यहां पर लॉकडाउन से पहले कई मामले विचाराधीन थे और लॉकडाउन के दौरान भी कई मामले रजिस्टर्ड किए गए हैं, जिन पर सुनवाई अभी तक शुरू नहीं हुई है. चंडीगढ़ जिला अदालत बार काउंसिल के प्रधान एनके नंदा बताते हैं कि लॉकडाउन का ऐलान होते ही सुप्रीम कोर्ट की ओर से यह निर्देश दिए गए कि सिर्फ जरूरी मामलों की सुनवाई होगी, जिसमें सुरक्षा के मामले, जमानत से जुड़े मामले शामिल रहे. ऐसे में काफी समस्याएं आई और जो वकील जूनियर थे जिन्होंने अपना कैरियर अभी शुरू ही किया था उनकी आमदनी पर भी असर पड़ा.

लॉकडाउन के कारण सैकड़ों वकीलों की रोजी रोटी पर पड़ा बुरा असर, देखिए ये रिपोर्ट.

हालांकि ऑर्डिनरी केस की फाइलिंग शुरू भले ही कर दी गई है, लेकिन उसमें भी तारीखें ही पड़ रही हैं और अभी भी केवल जरूरी मामलों की सुनवाई ही की जा रही है क्योंकि कोर्ट में जज भी एक या दो ही बैठ रहे हैं. जिस वजह से मामले लंबित होते जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि वकीलों की आजीविका अदालतों में चलने वाले केसों पर निर्भर होती है. पूर्ण रूप से वकीलों के कोर्ट में नहीं जाने से इस लीगल प्रैक्टिस इंडस्ट्री में संकट आ गया है. जो वकील कामयाब हैं और सीनियर हैं वह तो किसी तरह अपना गुजारा कर ही रहे हैं, लेकिन जूनियर वकीलों को अपना गुजारा करना मुश्किल हो रहा है.

बार एसोसिएशन ने भी की आर्थिक सहायता

इतना ही नहीं वकीलों के साथ जुड़े लोगों को लॉकडाउन के कारण काफी परेशानी हो रही है क्योंकि अदालतों में सिर्फ वकील ही नहीं और भी कई लोग काम करते हैं, उनकी आजीविका पर भी असर पड़ रहा है. वहीं पंजाब-हरियाणा बार एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष वकील फतेह जीत सिंह बताते हैं कि उनकी एसोसिएशन द्वारा नए वकीलों की और ऐसे वकीलों की जिन्हें आर्थिक सहायता की जरूरत है, उन्हें सहायता प्रदान की गई. वकीलों को ऑनलाइन सुनवाई में भी दिक्कतें आ रही हैं क्योंकि कभी इंटरनेट का कनेक्शन भी खो जाता है तो कभी दूसरे की आवाज नहीं आती ऐसे में जज भी मामले की सुनवाई स्थगित कर देते हैं या अगली तारीख दे देते हैं.

बता दें कि, पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट में 13,000 वकील हैं. इसके अलावा हाई कोर्ट का अपना स्टाफ भी है. कोषाध्यक्ष ने कहा कि कोरोना वायरस के कारण लगे लॉकडाउन के दौरान इन सभी के सामने दो वक्त की रोटी जुटाना भी मुश्किल हो गया और परेशानियां अभी भी जस की तस है. इसलिए पंजाब-हरियाणा बार एसोसिएशन ये मांग करती है कि जल्द से जल्द कोर्ट को पहले की तरह संचालित किया जाए, जो भी नियम बनाए जाएंगे कोर्ट में काम करने वाला हर एक व्यक्ति उनकी पालना करेगा.

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