हिसार: आदमपुर में भजनलाल परिवार के किले में सेंध लगाने के लिए विपक्षी दल पूरी ताकत लगाने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन उनकी राह आसान दिखाई नहीं देती है. ऐसा इसलिए क्योंकि कांग्रेस पार्टी पिछले करीब 8 साल से अभी तक प्रदेश में अपने संगठन को खड़ा नहीं कर पाई है. दूसरा ये कि पार्टी के अंदर अभी भी गुटबाजी साफ तौर पर दिखाई देती है. इस बार सबसे ज्यादा मुखर पार्टी की वरिष्ठ नेता किरण चौधरी नजर आती हैं. ऐसे में एक तरफ जहां पार्टी का संगठन कमजोर है, तो वहीं पार्टी के अंदर ही नेताओं के अलग-अलग रुख से कांग्रेस के लिए आदमपुर की राह मुश्किल लगती है.
कांग्रेस पार्टी अभी तक अपने उम्मीदवार (Congress Candidate in Adampur by Election) के नाम का भी ऐलान नहीं कर पाई है. इसके लिए अभी कुछ इंतजार और करना पड़ेगा. नामांकन का आखिरी दिन 14 अक्टूबर है. वहीं आदमपुर चुनाव को लेकर दिल्ली में कांग्रेस पार्टी की अहम बैठक हुई. इस बैठक के बाद नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि जल्दी ही पार्टी प्रत्याशी के नाम का ऐलान करेगी. 14 अक्टूबर को नामांकन दाखिल हो जाएगा.
अभी तक कांग्रेस उम्मीदवार घोषित नहीं- हैरत इस बात की है कि कांग्रेस पार्टी प्रत्याशी का चयन तो नहीं कर पाई है लेकिन स्टार प्रचारकों की सूची तैयार कर ली गई है. सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस पार्टी आदमपुर में जिन नेताओं पर दांव वो चुनाव लड़ने के इच्छुक नजर नहीं आ रहे हैं. कुलदीप बिश्नोई की खानदानी सीट होने के नाते सभी को पता है कि जीत आसान नहीं है. ऐसे में यह भी दिलचस्प होगा कि पार्टी किस नेता को आदमपुर के चुनावी दंगल में उतारती है.
AAP की जोर आजमाइश- पहली बार हरियाणा में अपने लिए राजनीतिक जमीन तलाश रही आम आदमी पार्टी के लिए भी आदमपुर की राह आसान नहीं है. भले ही पार्टी के उम्मीदवार ने नामांकन भी दाखिल कर लिया हो लेकिन बीजेपी से आम आदमी पार्टी में आए सत्येंद्र सिंह के चुनावी मैदान में उतरने की वजह से पार्टी के अंदर फूट नजर आई है. जिसकी वजह से पार्टी के हलका अध्यक्ष और एक प्रवक्ता ने पार्टी छोड़ दी है. अभी पार्टी के पास हरियाणा में वह संगठन और वोट बैंक नहीं है जो उसे आदमपुर में जीत दिला सके. ऐसे में उसके लिए भी आदमपुर की राह आसान दिखाई नहीं दे रही है.
ये भी पढ़ें- आदमपुर उपचुनाव: बीजेपी ने कुलदीप बिश्नोई के बेटे भव्य बिश्नोई को बनाया अपना उम्मीदवार
भव्य बिश्नोई मजबूत उम्मीदवार- सत्ताधारी बीजेपी के उम्मीदवार भव्य बिश्नोई भजनलाल परिवार की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए आदमपुर उप चुनाव को जीतने के लिए पूरा दमखम लगाए हुए हैं. इस सबके बीच बीजेपी की गठबंधन सहयोगी पार्टी जेजेपी प्रचार के लिए इस्तेमाल किए जा रहे पोस्टरों से उनके नेताओं के चेहरे ना होने से नाराज दिखाई दे रही थी. जिसके बाद जेजेपी की दिल्ली में बैठकों का दौर जारी रहा. राजनीतिक हलकों में इस बात के कयास लगाए जाने लगे कि हो सकता है जेजेपी आदमपुर में किसी को उम्मीदवार के तौर पर उतार दे लेकिन अब इस पर भी विराम लगता दिखाई दे रहा है.
जेजेपी की बैठक- दिल्ली में कल जननायक जनता पार्टी के संसदीय बोर्ड की बैठक हुई. जिसके बाद आज पार्टी के जिला अध्यक्षों की भी बैठक बुलाई गई. जानकारी के मुताबिक जेजेपी आदमपुर विधानसभा के उपचुनाव में उम्मीदवार नहीं उतरेगी. पार्टी बीजेपी के उम्मीदवार का समर्थन और सहयोग करेगी. साथ ही पार्टी पंचायत चुनाव में चुनाव चिन्ह पर चुनाव नहीं लड़ेगी. यानि इस सब के बाद कहीं ना कहीं बीजेपी के आदमपुर सीट पर उम्मीदवार ने भी राहत की सांस ली होगी.
बीजेपी और जेजेपी में पोस्टर विवाद- इससे पहले कल हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पोस्टरों में जेजेपी नेताओं के चेहरे ना होने पर कहा था कि अभी पार्टी ने अपने स्तर पर प्रचार शुरू नहीं किया है जो प्रचार हो रहा है वह स्थानीय स्तर पर नेता कर रहे हैं. साथ ही उन्होंने कहा था कि पार्टी के नाते आदमपुर चुनाव के लिए अभी कोई रणनीति नहीं बनी है. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया था कि बीजेपी और जेजेपी की आदमपुर चुनाव के लिए साझा रणनीति बनेगी. इस मुद्दे पर कुलदीप बिश्नोई की ओर से भी कहा गया है कि जननायक जनता पार्टी के नेताओं के भी पोस्टर लगाए जा रहे हैं. इसके साथ ही पार्टी के स्तर पर जेजेपी से बात भी की जाएगी. उन्होंने कहा कि भव्य बिश्नोई गठबंधन के उम्मीदवार के तौर पर चुनावी मैदान में हैं.
हाशिये पर इनेलो- प्रदेश में एकमात्र विधायक वाली इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) ने भी अभी तक अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है. पार्टी के मुताबिक उम्मीदवार के नाम को तय करने के लिए कल गुरुग्राम में बैठक होगी. जिसके बाद हो सकता है कि पार्टी कल शाम या परसों यानि 14 अक्टूबर के उम्मीदवार के नाम का ऐलान करे. जिसके बाद पार्टी का उम्मीदवार नामांकन दाखिल करेगा. यानि इनेलो भी अभी कांग्रेस की राह पर ही दिखाई देती है, जिसे अभी अपने उम्मीदवार के चेहरे की घोषणा करना बाकी है. ऐसे में किस तरह से विपक्ष आदमपुर में भजन लाल के परिवार के किले में सेंध कक पाएगा यह देखना दिलचस्प होगा.
ये भी पढ़ें- आदमपुर विधानसभा उपचुनाव: कुलदीप बिश्नोई की राह इस बार मुश्किल, जानिए क्या हैं समीकरण
आदमपुर उपचुनाव की तारीख- कुलदीप ने 2019 के चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर जीत हासिल की थी. तीन अगस्त को कुलदीब बिश्नोई ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था और 4 अगस्त को दिल्ली में वो बीजेपी में शामिल हो गये थे. आदमपुर उपचुनाव के लिए 3 नवंबर को वोट डाले जाएंगे और 6 नवंबर को मतगणना होगी. 14 अक्तूबर नामांकन की आखिरी तारीख है.
ये भी पढ़ें- 6 बार विधायक रहे ये नेता आदमपुर उपचुनाव में कुलदीप बिश्नोई को दे सकते हैं टक्कर