नई दिल्ली/चंडीगढ़: राजनीतिक गलियारों में हरियाणा मंत्रिमंडल में विस्तार की चर्चाएं चल रही थीं जिन पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने विराम लगा दिया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर कोई चर्चा नहीं है. जब मंत्रिमंडल का विस्तार करना होगा तब हो जाएगा, लेकिन फिलहाल विस्तार की जरूरत नहीं है.
सीएम ने किया हरियाणा पुलिस का बचाव
वहीं विकास दुबे के मामले में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने फरीदाबाद पुलिस का बचाव किया है. उन्होंने कहा कि हरियाणा में फरीदाबाद पुलिस को जो जानकारी मिली थी, उसके हिसाब से छापेमारी की गई. हमारी टीम जब पहुंची तो एक आदमी हाथ लगा, दूसरा अपराधी रेड के वक्त तक निकल चुका था. इसमें हरियाणा पुलिस की चूक का सवाल ही नहीं है.
फरीदाबाद में रुका था विकास दुबे
बता दें कि, उत्तर प्रदेश के कानपुर से फरार हुए विकास दुबे की हरियाणा में होने की आशंका जताी गई थी. फरीदाबाद के बड़खल चौक के पास एक होटल में विकास दुबे और उसके दो गुर्गों के छिपे होने के खबर पर मंगलवार को अचानक कई थानों और क्राइम ब्रांच की टीमें पहुंची थी. इसके बाद होटल कर्मियों को अंदर लेकर तलाशी ली गई लेकिन पुलिस को कमरे खाली मिले. पुलिस सूत्रों ने तब बताया था कि बड़खल चौक स्थित एक ओयो होटल में विकास दुबे रुका था और पुलिस के आने से सिर्फ 3 घंटे पहले ही फरार हो गया.
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इसके बाद फरीदाबाद क्राइम ब्रांच, उत्तर प्रदेश एसटीएफ और राजस्थान क्राइम ब्रांच ने संयुक्त ऑपरेशन चलाया. ऑपरेशन के दौरान विकास दुबे तो पुलिस के हाथ नहीं लगा, लेकिन पुलिस ने उसके तीन साथियों को गिरफ्तार करने में जरूर सफलता हासिल की थी. गिरफ्तार किए गए तीन आरोपियों में प्रभात मिश्रा ( विकास दुबे का भांजा ), अंकुर ( विकास दुबे का दोस्त ) और अंकुर का पिता श्रवण है.
विकास दुबे ने की थी 8 पुलिसकर्मियों की हत्या
गौरतलब है कि बीती 3 जुलाई को यूपी के कानपुर में गैंगस्टर विकास दुबे के घर दबिश देने गई युपी पुलिस टीम पर विकास दुबे और उसके साथियों ने जमकर फायरिंग की थी. इस हमले में डिप्टी एसपी समेत 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे, जिसके बाद पूरे प्रदेश भर में हड़कंप मच गया था. बताया जा रहा है कि विकास दुबे को पुलिस की दबिश की पहले से जानकारी थी. जब पुलिस वहां पहुंची तो विकास दुबे और उसको साथी पूरी तरीके से तैयार थे और उन्हें अपने साथियों को बुलाने का मौका मिल गया.
उन्होंने एक नहीं बल्कि आसपास के तीन चार मकानों की छतों से चढ़कर घेराबंदी की थी. जैसे ही पुलिस पार्टी वहां पहुंची, उन्होंने अंधाधुंध फायरिंग करना शुरू कर दिया, जिससे पुलिस के पास संभलने तक का वक्त नहीं मिला. एक लाख का इनामी विकास दुबे और उसके गुर्गे ने पेशेवर शूटरों की तरीके से ऊंचाई का भरपूर लाभ उठाते हुए पुलिसकर्मियों को निशाना बनाया. पुलिसकर्मियों की हत्या करने बाद विकास दुबे फरार हो गया था जोकि 6 दिन बाद अब मध्य प्रदेश के उज्जैन से गिरफ्तार किया गया है.
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