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किसानों के लिए बनेंगे 'किसान मित्र क्लब', मिलेगी हरसंभव सहायता- सीएम - किसान मित्र क्लब हरियाणा

हरियाणा सरकार किसानों की सहायता के लिए 'किसान मित्र क्लब' बनाने जा रही है, जिसमें प्रोग्रेसिव किसान, अधिकारी, वॉलिंटियर्स भी होंगे. इस योजना के जरिए किसान मित्र हर किसान परिवार को वित्तीय प्रबंधन, फसल लगाने समेत अन्य चीजों में सहायता करेंगे. सरकार ने अगले साल तक इस योजना को शुरू करने की घोषणा की है.

kisan mitra club haryana
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Published : Jun 10, 2020, 10:57 PM IST

चंडीगढ़: प्रदेश के किसानों को किसी प्रकार की परेशानी ना हो और उन्हें समय पर आसानी से सहायता मिल जाए इसके लिए सरकार ने नई योजना की घोषणा की है. इस योजना के तहत सरकार प्रदेश में किसानों के लिए 'किसान मित्र क्लब' बनाने जा रही है, जिनके जरिए किसानों की हर तरह से मदद की जाएगी. इस योजना के तहत वॉलिंटियर्स खेती और फाइनेंशियल प्रोग्रेस के बारे में किसानों को जागरूक करेंगे.

'किसानों को लिए हमारी सरकार ने किया काम'

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इस योजना की घोषणा करते हुए कहा कि हरियाणा में 17 लाख किसान परिवार हैं. इन किसान परिवारों की मदद करने का प्रयास हमेशा रहता है, लेकिन किसानों के नाम पर पहले सिर्फ होहल्ला ही हुआ है, काम नहीं हुआ. किसानों का सिर्फ इस्तेमाल किया गया है, लेकिन हम किसानों का सही विकास करना चाहते हैं. हमने किसानों की भूमि का रिकॉर्ड तैयार किया है, गांव की जमीन को लाल डोरा मुक्त बनाया गया है. हमनें 75 गावों की भूमि का लैंड रिकॉर्ड तैयार कर लिया है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने 'मेरी फसल मेरा ब्यौरा' पोर्टल शुरू किया, जिससे किसानों की फसल का ब्यौरा तैयार किया है. सीएम मनोहर लाल ने 'किसान मित्र क्लब' योजना की घोषणा करते हुए कहा कि सरकार अगले साल तक ये योजना बनाएगी. प्रति 100 किसानों पर एक मित्र यानि 17 लाख किसानों पर 17 हजार किसान मित्र बनेंगे. हर किसान परिवार को वित्तीय प्रबंधन, फसल लगाने समेत तमाम चीजों के लिए किसान मित्र काम करेंगे. जो अपने जैसे अच्छे किसान खड़े करेगा उसको भी लाभ देंगे.

आवारा सांड़ों की समस्या को लेकर बोले मुख्यमंत्री

आवारा सांड़ों को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वक्त 40 हजार सांड सड़कों पर आवारा घूम रहे हैं. इनमें से 20 हजार सांडों को पंचायतें अपनी गौशालाओं में रखेंगे जबकि 20 हजार सांडों को नंदीशाला बनाकर रखा जाएगा. सरकार और समाज के सहयोग से नंदीशाला बनाई जाएंगी. सरकार नंदीशालाओं के लिए 1 हजार रुपया प्रति एकड़ के साथ जमीन देगी जबकि ग्रांट भी दी जाएगी. वहीं गौशालाओं में जितने बेसहारा पशु रखे जाएंगे उतनी ग्रांट भी अधिक दी जाएगी. अर्बनलॉक बॉडी डिपार्टमेंट और पंचायत विभाग की तरफ से अब तक इस काम को देखा जाता था, लेकिन अब इसे पशुपालन डिपार्टमेंट देखेगा. वहीं नंदीशालाओं की ग्रांट 15 से 20 लाख तक बढ़ाई जाएगी.

ये भी पढ़ें- पलवल: ग्राहकों के इंतजार में सब्जी किसान, दो वक्त की रोटी कमाना भी हुआ मुश्किल

मुख्यमंत्री ने कहा कि 10 फीसदी मिलों से रिकवरी प्रदेश में बढ़ी है. अतिरिक्त नहरी पानी के लिए बनाई गई राइस शूट पॉलिसी में बदलाव किया गया है. 2003 में 150 रुपये प्रति एकड़ की दर से पैसा लिया जाता था जो 2018 में डबल किया गया है, अब 300 रुपये प्रति एकड़ किया गया है. विपक्ष के मित्र आलोचना कर रहें है क्योंकि इसमें मोनोपली को हमनें तोड़ा है. राइस शूट पॉलिसी में कुछ किसान 25 साल से फायदा ले रहें थे जिसे खत्म करके सभी किसानों को फायदा देने का फैसला किया.

'फसल बीमा योजना से किसान को हुआ फायदा'

वहीं फसल बीमा योजना पर उन्होंने कहा कि फसल बीमा योजना किसानों के लिए शुरू की थी. फसल बीमा अब किसानों से पूछकर किया जा रहा है. 12 लाख किसानों ने अभी तक अपनी फसल का बीमा कराया है. किसानों को साढ़े तीन गुना क्लेम की राशि मिली है. हर किसान को सम्मान निधि के रूप में 6 हजार रुपये सालाना दिया जा रहा है. प्रदेश सरकार की तरफ से भी किसानों को परिवार समृद्धि योजना के तहत 6 हजार रुपये दिए जा रहे हैं. मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि हमनें 'मेरा पानी मेरी विरासत' योजना शुरू की, लेकिन विपक्ष ने इसका विरोध किया. कुछ राजनीति करने वाले किसान संगठनों ने भी इसका विरोध किया, लेकिन हमनें सर्वे करवाया है.

सीएम ने कहा एसवाईएल पर हम गम्भीर हैं और जरूरी कदम उठाए गए हैं. लखवार और किशाऊ डैम पर भी बातचीत की और उसे आगे बढ़ाया गया. यमुना भी हरियाणा के अकेले के पास नहीं है और हमारे पास जल स्त्रोत ज्यादा नहीं है. इसलिए मेरा पानी मेरी विरासत योजना की शुरुआत भविष्य के लिए की गई है. जल परीक्षण प्रयोगशाला की संख्या प्रदेश में बढ़ाई गई है. जो महंगी किसानी मशीनरी है वो किसानों को किराए पर मिल सके इसलिए कस्टम हायरिंग सेंटर बनाए गए हैं. शुगर मिलों को लेकर सीएम ने कहा कि प्रदेश के सभी शुगर मिलों की क्षमता सरकार ने बढ़ाने का फैसला किया है. करनाल, पानीपत, शाहाबाद, पलवल, जींद और कैथल शुगर मिलों की क्षमता बढ़ाई जाएगी.

ये भी पढ़ें- फरीदाबाद रेलवे स्टेशन पर ना मिले सैनिटाइजर ना हो रही है स्क्रीनिंग, कोरोना का डर खत्म !

चंडीगढ़: प्रदेश के किसानों को किसी प्रकार की परेशानी ना हो और उन्हें समय पर आसानी से सहायता मिल जाए इसके लिए सरकार ने नई योजना की घोषणा की है. इस योजना के तहत सरकार प्रदेश में किसानों के लिए 'किसान मित्र क्लब' बनाने जा रही है, जिनके जरिए किसानों की हर तरह से मदद की जाएगी. इस योजना के तहत वॉलिंटियर्स खेती और फाइनेंशियल प्रोग्रेस के बारे में किसानों को जागरूक करेंगे.

'किसानों को लिए हमारी सरकार ने किया काम'

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इस योजना की घोषणा करते हुए कहा कि हरियाणा में 17 लाख किसान परिवार हैं. इन किसान परिवारों की मदद करने का प्रयास हमेशा रहता है, लेकिन किसानों के नाम पर पहले सिर्फ होहल्ला ही हुआ है, काम नहीं हुआ. किसानों का सिर्फ इस्तेमाल किया गया है, लेकिन हम किसानों का सही विकास करना चाहते हैं. हमने किसानों की भूमि का रिकॉर्ड तैयार किया है, गांव की जमीन को लाल डोरा मुक्त बनाया गया है. हमनें 75 गावों की भूमि का लैंड रिकॉर्ड तैयार कर लिया है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने 'मेरी फसल मेरा ब्यौरा' पोर्टल शुरू किया, जिससे किसानों की फसल का ब्यौरा तैयार किया है. सीएम मनोहर लाल ने 'किसान मित्र क्लब' योजना की घोषणा करते हुए कहा कि सरकार अगले साल तक ये योजना बनाएगी. प्रति 100 किसानों पर एक मित्र यानि 17 लाख किसानों पर 17 हजार किसान मित्र बनेंगे. हर किसान परिवार को वित्तीय प्रबंधन, फसल लगाने समेत तमाम चीजों के लिए किसान मित्र काम करेंगे. जो अपने जैसे अच्छे किसान खड़े करेगा उसको भी लाभ देंगे.

आवारा सांड़ों की समस्या को लेकर बोले मुख्यमंत्री

आवारा सांड़ों को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वक्त 40 हजार सांड सड़कों पर आवारा घूम रहे हैं. इनमें से 20 हजार सांडों को पंचायतें अपनी गौशालाओं में रखेंगे जबकि 20 हजार सांडों को नंदीशाला बनाकर रखा जाएगा. सरकार और समाज के सहयोग से नंदीशाला बनाई जाएंगी. सरकार नंदीशालाओं के लिए 1 हजार रुपया प्रति एकड़ के साथ जमीन देगी जबकि ग्रांट भी दी जाएगी. वहीं गौशालाओं में जितने बेसहारा पशु रखे जाएंगे उतनी ग्रांट भी अधिक दी जाएगी. अर्बनलॉक बॉडी डिपार्टमेंट और पंचायत विभाग की तरफ से अब तक इस काम को देखा जाता था, लेकिन अब इसे पशुपालन डिपार्टमेंट देखेगा. वहीं नंदीशालाओं की ग्रांट 15 से 20 लाख तक बढ़ाई जाएगी.

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मुख्यमंत्री ने कहा कि 10 फीसदी मिलों से रिकवरी प्रदेश में बढ़ी है. अतिरिक्त नहरी पानी के लिए बनाई गई राइस शूट पॉलिसी में बदलाव किया गया है. 2003 में 150 रुपये प्रति एकड़ की दर से पैसा लिया जाता था जो 2018 में डबल किया गया है, अब 300 रुपये प्रति एकड़ किया गया है. विपक्ष के मित्र आलोचना कर रहें है क्योंकि इसमें मोनोपली को हमनें तोड़ा है. राइस शूट पॉलिसी में कुछ किसान 25 साल से फायदा ले रहें थे जिसे खत्म करके सभी किसानों को फायदा देने का फैसला किया.

'फसल बीमा योजना से किसान को हुआ फायदा'

वहीं फसल बीमा योजना पर उन्होंने कहा कि फसल बीमा योजना किसानों के लिए शुरू की थी. फसल बीमा अब किसानों से पूछकर किया जा रहा है. 12 लाख किसानों ने अभी तक अपनी फसल का बीमा कराया है. किसानों को साढ़े तीन गुना क्लेम की राशि मिली है. हर किसान को सम्मान निधि के रूप में 6 हजार रुपये सालाना दिया जा रहा है. प्रदेश सरकार की तरफ से भी किसानों को परिवार समृद्धि योजना के तहत 6 हजार रुपये दिए जा रहे हैं. मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि हमनें 'मेरा पानी मेरी विरासत' योजना शुरू की, लेकिन विपक्ष ने इसका विरोध किया. कुछ राजनीति करने वाले किसान संगठनों ने भी इसका विरोध किया, लेकिन हमनें सर्वे करवाया है.

सीएम ने कहा एसवाईएल पर हम गम्भीर हैं और जरूरी कदम उठाए गए हैं. लखवार और किशाऊ डैम पर भी बातचीत की और उसे आगे बढ़ाया गया. यमुना भी हरियाणा के अकेले के पास नहीं है और हमारे पास जल स्त्रोत ज्यादा नहीं है. इसलिए मेरा पानी मेरी विरासत योजना की शुरुआत भविष्य के लिए की गई है. जल परीक्षण प्रयोगशाला की संख्या प्रदेश में बढ़ाई गई है. जो महंगी किसानी मशीनरी है वो किसानों को किराए पर मिल सके इसलिए कस्टम हायरिंग सेंटर बनाए गए हैं. शुगर मिलों को लेकर सीएम ने कहा कि प्रदेश के सभी शुगर मिलों की क्षमता सरकार ने बढ़ाने का फैसला किया है. करनाल, पानीपत, शाहाबाद, पलवल, जींद और कैथल शुगर मिलों की क्षमता बढ़ाई जाएगी.

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