चंडीगढ़: मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर द्वारा बिजली चोरी में लिप्त अधिकारियों पर एक छोटी सी कार्रवाई अमल में लाई गई है. मुख्यमंत्री ने बिजली विभाग के उच्च अधिकारियों पर बिजली की चोरी करने पर एक-एक लाख 50- 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. लेकिन किसी तरह का कोई मुकदमा दर्ज नहीं करवाया गया है.
बिजली मंत्री ने पकड़ी थी चोरी
बता दें कि बिजली मंत्री रणजीत सिंह चौटाला ने पानीपत थर्मल प्लांट कॉलोनी में अधिकारियों को बिजली चोरी करते पकड़ा था. बिजली मंत्रालय की ओर से मुख्यमंत्री को इन अधिकारियों पर कार्रवाई के लिए एक रिपोर्ट दी गई थी. जिस पर मुख्यमंत्री ने अब कार्रवाई की है.
सिर्फ जुर्माना क्यों?
इस कार्रवाई के बाद अब सवाल ये खड़ा होता है कि जब जनता द्वारा बिजली की चोरी करने के मामले में पकड़े जाने के बाद मोटा जुर्माना लगता है साथ में मुकदमा आदि भी दर्ज किए जाते रहे हैं. लेकिन मुख्यमंत्री के संज्ञान में आने के बावजूद भी सिर्फ जुर्माना ही क्यों लगाया गया.
सीएम को सौंपी गई थी रिपोर्ट
इस विषय पर बिजली मंत्री रणजीत सिंह चौटाला से पत्रकारों द्वारा सवाल भी किया गया था कि बिजली विभाग आप के अधीन आता है और ये चोरी भी आपके ही द्वारा पकड़ी गई तो फिर कार्रवाई या जुर्माना आपके द्वारा क्यों नहीं लगाया गया तो इस पर रंजीत सिंह चौटाला ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के संज्ञान में ये मामला लाया गया था और मामले की रिपोर्ट उन्हें सौंप दी गई थी और कार्रवाई के लिए भी उन्हीं को कहा गया था. उन्होंने ये भी बताया कि जब वो पहुंचे तो ये अधिकारी स्ट्रीट लाइट से अपने घरों को रोशन कर रहे थे.
बता दें बिजली मंत्री रणजीत चौटाला द्वारा पानीपत थर्मल प्लांट में विभाग से जुड़े कुछ अधिकारियों द्वारा अवैध तरीके से बिजली का इस्तेमाल किए जाने का मामला पकड़ा गया था. लेकिन उस पर किसी तरह की कार्रवाई सामने नहीं आ रही थी. अब जब मुख्यमंत्री द्वारा कार्रवाई की गई तो उससे तो यही लगता है कि कहीं ना कहीं अधिकारियों पर थोड़ी नर्मी बरती गई है.
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