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सीएम के अधिकारियों को आदेश, जल्द शुरू करें किसान मित्र योजना

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने राज्य के दो एकड़ या इससे कम भूमि वाले किसानों को उनके लिए बनाई गई योजनाओं का लाभ मिले, इस दिशा में पहल करते हुए अधिकारियों को ‘किसान मित्र योजना’ जल्द शुरू करने के आदेश दिए हैं.

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Published : Jun 7, 2020, 9:08 PM IST

Updated : Jun 7, 2020, 11:03 PM IST

Kisan mitra yojana haryana
Kisan mitra yojana haryana

चंडीगढ़: राज्य में छोटे किसानों को योजनाओं का लाभ मिल सके इसके लिए सरकार ने ‘किसान मित्र योजना’ को जल्द शुरू करने के निर्देश दिए हैं. इसके अतिरिक्त, मुख्यमंत्री ने हरियाणा को प्रति व्यक्ति दूध उत्पादकता में भी देश का एक अग्रणी राज्य बनाने के लिए किसान क्रेडिट कार्ड की तर्ज पर पशुधन क्रेडिट कार्ड योजना पर तेजी से कार्य करने को कहा है. मुख्यमंत्री ने ये निर्देश पशुपालन एवं डेयरी विभाग के अधिकारियों की बुलाई गई समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए दिए.

सीएम ने पशुपालन एवं डेयरी विभाग की बैठक ली

बैठक में पशुपालन एवं डेयरी मंत्री जेपी दलाल, पशुधन विकास बोर्ड के पूर्व चेयरमैन तथा विधायक सोमबीर सांगवान भी उपस्थित थे. मुख्यमंत्री ने इस बात की जानकारी दी कि प्रदेश में लगभग 16 लाख परिवार ऐसे हैं, जिनके पास दुधारु पशु उपलब्ध हैं. हर पशु की टैगिंग की जा रही है. प्रदेश की गौशालाओं में लगभग साढ़े चार लाख पशु रखे गए हैं, जिनमें से 3 लाख 68 हजार की टैगिंग की जा चुकी है. कोविड-19 के दौरान 8400 पशुओं को विभिन्न गौशालाओं में भेजा गया है.

इसके अलावा मुख्यमंत्री ने कहा कि छोटे किसानों की आय पशुपालन व अन्य सम्बद्ध क्षेत्रों से बढ़े, इसके लिए हमें योजनाएं बनानी होंगी. भौगोलिक दृष्टि से दिल्ली व आसपास के लगभग 5 करोड़ जनसंख्या की रोजमर्रा की जरूरतें, जैसे कि फल, फूल, सब्जी, दूध, अण्डे, मांस इत्यादि को पूरा करने में हरियाणा सबसे उपयुक्त स्थल है और हरियाणा के किसान की पकड़ इस बाजार पर हो, इस दिशा में और आगे बढ़ना चाहिए. प्रगतिशील किसान छोटे किसानों को किस प्रकार प्रेरित करें, कृषि के साथ-साथ पशुपालन, डेयरी, बागवानी व अन्य संबद्ध क्षेत्रों से किसानों को लाभ मिले, इसके लिए ‘किसान मित्र’ नाम से योजना तैयार की जा रही है, जिसे जल्द से जल्द शुरू किया जाए.

ये भी पढ़ें- हरियाणा में शनिवार को मिले 355 नए कोरोना संक्रमित, अब एक्टिव केस 2648

विभाग के प्रधान सचिव राजा शेखर वुंडरू ने योजनाओं पर प्रस्तुतिकरण देते हुए मुख्यमंत्री को अवगत करवाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के देश में चलाए जा रहे पशुधन विकास कार्यक्रम में हरियाणा के गाय और भैसों को मुंह-खुर व गलघोटू रोग से मुक्त करने के लिए एफएमडी+एचएस संयुक्त वैक्सीन कार्यक्रम सफल रहा और इसके परिणामस्वरूप पिछले एक साल से इन बीमारियों का कोई मामला सामने नहीं आया. केन्द्र सरकार ने अपने राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत इसे एक पायलट प्रोजैक्ट के रूप में घोषित किया है. इस कार्यक्रम के लिए हरियाणा को 15 करोड़ रुपये का अतिरिक्त अनुदान मिलेगा.

हरियाणा में प्रति व्यक्ति दूध की उत्पादकता 1087 ग्राम

वहीं महानिदेशक डॉ. ओपी छिक्कारा ने मुख्यमंत्री को अवगत करवाया कि राज्य में लगभग 36 लाख दुधारू पशु हैं और प्रति व्यक्ति दूध की उत्पादकता 1087 ग्राम है. दूध उत्पादन में पंजाब के बाद हरियाणा देश में पहले स्थान पर है. उन्होंने कहा कि पशुधन क्रेडिट कार्ड योजना के तहत पशुपालक को पशुओं के रखरखाव के लिए ऋण के रूप में सहायता दी जाएगी और यह अधिकतम तीन लाख रुपये होगी. ये सहायता राशि भैंस, गाय, भेड़, बकरी, सुअर, मुर्गी तथा ब्रायलर इत्यादि के लिए दी जाएगी.

मुख्यमंत्री ने कहा कि हर पशु की टैगिंग की जानी चाहिए, चाहे वह गौशाला का है या किसी पशुपालक का है. मुख्यमंत्री को अवगत करवाया गया कि टैगिंग की जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध करवाने के लिए वेबसाइट पर कार्य लगभग पूरा हो चुका है. इसी प्रकार, गौशालाओं के अलावा अलग से नंदीशालाओं का निर्माण भी किया जा रहा है. इसके लिए फतेहाबाद जिले के बनवाली व मताना गांव में बनाए गये नंदियों के लिए बनाए गये कम लागत के नंदीशाला मॉडल को अपनाया जाएगा. एक नंदीशाला के निर्माण पर लगभग 15 लाख रुपये का खर्च आता है तथा हरियाणा पशुधन विकास बोर्ड के माध्यम से यह कार्य किया जा रहा है.

ये भी पढ़ें- कीटनाशकों के बैन की अधिसूचना पर बोले किसान- विकल्प दे सरकार, नहीं तो होगा भारी नुकसान

चंडीगढ़: राज्य में छोटे किसानों को योजनाओं का लाभ मिल सके इसके लिए सरकार ने ‘किसान मित्र योजना’ को जल्द शुरू करने के निर्देश दिए हैं. इसके अतिरिक्त, मुख्यमंत्री ने हरियाणा को प्रति व्यक्ति दूध उत्पादकता में भी देश का एक अग्रणी राज्य बनाने के लिए किसान क्रेडिट कार्ड की तर्ज पर पशुधन क्रेडिट कार्ड योजना पर तेजी से कार्य करने को कहा है. मुख्यमंत्री ने ये निर्देश पशुपालन एवं डेयरी विभाग के अधिकारियों की बुलाई गई समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए दिए.

सीएम ने पशुपालन एवं डेयरी विभाग की बैठक ली

बैठक में पशुपालन एवं डेयरी मंत्री जेपी दलाल, पशुधन विकास बोर्ड के पूर्व चेयरमैन तथा विधायक सोमबीर सांगवान भी उपस्थित थे. मुख्यमंत्री ने इस बात की जानकारी दी कि प्रदेश में लगभग 16 लाख परिवार ऐसे हैं, जिनके पास दुधारु पशु उपलब्ध हैं. हर पशु की टैगिंग की जा रही है. प्रदेश की गौशालाओं में लगभग साढ़े चार लाख पशु रखे गए हैं, जिनमें से 3 लाख 68 हजार की टैगिंग की जा चुकी है. कोविड-19 के दौरान 8400 पशुओं को विभिन्न गौशालाओं में भेजा गया है.

इसके अलावा मुख्यमंत्री ने कहा कि छोटे किसानों की आय पशुपालन व अन्य सम्बद्ध क्षेत्रों से बढ़े, इसके लिए हमें योजनाएं बनानी होंगी. भौगोलिक दृष्टि से दिल्ली व आसपास के लगभग 5 करोड़ जनसंख्या की रोजमर्रा की जरूरतें, जैसे कि फल, फूल, सब्जी, दूध, अण्डे, मांस इत्यादि को पूरा करने में हरियाणा सबसे उपयुक्त स्थल है और हरियाणा के किसान की पकड़ इस बाजार पर हो, इस दिशा में और आगे बढ़ना चाहिए. प्रगतिशील किसान छोटे किसानों को किस प्रकार प्रेरित करें, कृषि के साथ-साथ पशुपालन, डेयरी, बागवानी व अन्य संबद्ध क्षेत्रों से किसानों को लाभ मिले, इसके लिए ‘किसान मित्र’ नाम से योजना तैयार की जा रही है, जिसे जल्द से जल्द शुरू किया जाए.

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विभाग के प्रधान सचिव राजा शेखर वुंडरू ने योजनाओं पर प्रस्तुतिकरण देते हुए मुख्यमंत्री को अवगत करवाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के देश में चलाए जा रहे पशुधन विकास कार्यक्रम में हरियाणा के गाय और भैसों को मुंह-खुर व गलघोटू रोग से मुक्त करने के लिए एफएमडी+एचएस संयुक्त वैक्सीन कार्यक्रम सफल रहा और इसके परिणामस्वरूप पिछले एक साल से इन बीमारियों का कोई मामला सामने नहीं आया. केन्द्र सरकार ने अपने राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत इसे एक पायलट प्रोजैक्ट के रूप में घोषित किया है. इस कार्यक्रम के लिए हरियाणा को 15 करोड़ रुपये का अतिरिक्त अनुदान मिलेगा.

हरियाणा में प्रति व्यक्ति दूध की उत्पादकता 1087 ग्राम

वहीं महानिदेशक डॉ. ओपी छिक्कारा ने मुख्यमंत्री को अवगत करवाया कि राज्य में लगभग 36 लाख दुधारू पशु हैं और प्रति व्यक्ति दूध की उत्पादकता 1087 ग्राम है. दूध उत्पादन में पंजाब के बाद हरियाणा देश में पहले स्थान पर है. उन्होंने कहा कि पशुधन क्रेडिट कार्ड योजना के तहत पशुपालक को पशुओं के रखरखाव के लिए ऋण के रूप में सहायता दी जाएगी और यह अधिकतम तीन लाख रुपये होगी. ये सहायता राशि भैंस, गाय, भेड़, बकरी, सुअर, मुर्गी तथा ब्रायलर इत्यादि के लिए दी जाएगी.

मुख्यमंत्री ने कहा कि हर पशु की टैगिंग की जानी चाहिए, चाहे वह गौशाला का है या किसी पशुपालक का है. मुख्यमंत्री को अवगत करवाया गया कि टैगिंग की जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध करवाने के लिए वेबसाइट पर कार्य लगभग पूरा हो चुका है. इसी प्रकार, गौशालाओं के अलावा अलग से नंदीशालाओं का निर्माण भी किया जा रहा है. इसके लिए फतेहाबाद जिले के बनवाली व मताना गांव में बनाए गये नंदियों के लिए बनाए गये कम लागत के नंदीशाला मॉडल को अपनाया जाएगा. एक नंदीशाला के निर्माण पर लगभग 15 लाख रुपये का खर्च आता है तथा हरियाणा पशुधन विकास बोर्ड के माध्यम से यह कार्य किया जा रहा है.

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Last Updated : Jun 7, 2020, 11:03 PM IST
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