चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक निगरानी कमेटी का गठन किया है. जिसका काम केन्द्र सरकार द्वारा घोषित एमएसएमई के लिए आत्म-निर्भर भारत कार्यक्रम के अनुसार मजदूरी एवं वेतन का भुगतान करने और अन्य आवश्यकताओं के लिए सम्बन्धित वित्तीय संस्थानों या बैंकों से ऋण या वर्किंग कैपिटल लोन प्राप्त करने में एमएसएमई की सहायता करना है.
वित्त विभाग, उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के प्रशासकीय सचिव, एसएलबीसी के सदस्य सचिव और एमएसएमई एसोसिएशन के दो नामित सदस्य इस कमेटी के सदस्य और महानिदेशक, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम इसके सदस्य सचिव होंगे.
उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के एक प्रवक्ता ने ये जानकारी देते हुए बताया कि यह कमेटी ऊपर वर्णित योजनाओं व कार्यक्रमों के क्रियान्वयन की निगरानी करेगी और एमएसएमई को देय लाभों का सुचारू व समय से वितरण सुनिश्चित करेगी. ये एमएसएमई के हित में अपेक्षित राज्य योजना के प्रावधानों के सरलीकरण या इनमें छूट देने की सिफारिश करने में भी सक्षम होगी.
गौरतलब है कि मजदूरी एवं वेतन का भुगतान करने तथा अन्य आवश्यकताओं के लिए सम्बन्धित वित्तीय संस्थानों या बैंकों से सावधि ऋण या वर्किंग कैपिटल लोन प्राप्त करने में एमएसएमई की सहायता के लिए निगरानी कमेटी गठित की गई है. मुख्य सचिव की अध्यक्षता में यह कमेटी एमएसएमई के हित में अपेक्षित राज्य योजना के प्रावधानों के सरलीकरण या इनमें छूट देने की सिफारिश करने में भी सक्षम होगी.
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