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चंडीगढ़ मेयर चुनाव के लिए जोड़-तोड़ में लगी सभी पार्टियां, जानिए क्या बन रहे समीकरण

चंडीगढ़ नगर निगम के चुनाव परिणाम (Chandigarh Municipal Corporation Election Result) में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला है. ऐसे में मेयर चुनाव के लिए सभी दल जोड़-तोड़ करने में लग गए हैं. जानिए चंडीगढ़ मेयर चुनाव के लिए क्या समीकरण बन रहे हैं, और कौन सी पार्टी बाजी मार सकती है.

Chandigarh mayor election
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Published : Dec 27, 2021, 8:47 PM IST

चंडीगढ़: चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव के परिणाम (Chandigarh Municipal Corporation Election Result) आ चुके हैं. जिसमें आम आदमी पार्टी ने शानदार प्रदर्शन किया. हालांकि किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला, जो मेयर बनाने के लिए जरूरी होता है. चंडीगढ़ में इस बार नगर निगम चुनाव 35 वार्डों में लड़ा गया था. यहां एक लोकसभा सांसद की भी सीट है इसलिए प्रत्येक पार्टी को मेयर बनाने के लिए 19 पार्षदों की जरूरत होती है, लेकिन किसी भी पार्टी की झोली में 19 सीटें नहीं आई.

चुनाव नतीजों में आम आदमी पार्टी को 14, भाजपा को 12, कांग्रेस को 8 और अकाली दल को 1 सीट‌ मिली है. जिससे किसी भी पार्टी के पास पूर्ण बहुमत नहीं है. अगर किसी पार्टी के पास 19 सीटें होती तो वह पार्टी अगले 5 सालों के लिए खुद के मेयर चुनने की शक्ति रखती, लेकिन फिलहाल चंडीगढ़ में जो हालात हैं उसे देखते हुए मेयर चुनाव (Chandigarh mayor election) को लेकर संशय बरकरार है.

ये भी पढ़ें- चंडीगढ़ निगम चुनाव के नतीजों का पंजाब विधानसभा चुनावों पर रहेगा कैसा असर? जानिए क्या कहना है राजनीतिक विशेषज्ञ का

मेयर चुनाव जनवरी के पहले सप्ताह में होने हैं. ऐसे में सभी पार्टियों ने जोड़-तोड़ करनी शुरू कर दी है. माना जा रहा है कि तीनों मुख्य पार्टियां मेयर चुनाव में अपना उम्मीदवार खड़ा करेंगी. ऐसे में ये जरूरी नहीं कि किसी उम्मीदवार की झोली में 19 वोट आएंगे वह तभी मेयर बनेगा बल्कि जिस उम्मीदवार की झोली में सबसे ज्यादा वोट आएंगे उसे ही मेयर चुना जाएगा. इसलिए सभी पार्टियां इस समय अपने उम्मीदवार को मेयर बनाने के लिए जोड़-तोड़ में लग गई है.

अगर आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार को अपने सभी 14 पार्षदों की वोट मिल जाती है. दूसरी ओर भाजपा अपने लिए मात्र 2 वोट और हासिल कर लेती है और सांसद का वोट मिलाकर 15 वोट अपने उम्मीदवार को दिलाने में कामयाब हो जाती है तो ऐसे में भाजपा अपना उम्मीदवार बनाने में भी कामयाब हो जाएगी, लेकिन अगर सभी पार्षद अपनी-अपनी पार्टियों के साथ रहते हैं तब आम आदमी पार्टी 14 वोट के साथ ही अपना मेयर बनाने में सक्षम होगी. वहीं कयास लगाए जा रहे हैं कि कांग्रेस के पार्षद आप उम्मीदवार को मेयर बनवा सकते हैं. इस तरह मेयर का चुनाव सभी पार्टियों के लिए टक्कर पेश करने वाला होगा.

ये भी पढ़ें- चंडीगढ़ की जीत तो ट्रेलर है, पूरी फिल्म पंजाब में दिखाएंगे- प्रेम कुमार गर्ग

बता दें कि चंडीगढ़ में नगर निगम के चुनाव तो 5 साल में एक बार होते हैं, लेकिन मेयर के चुनाव हर साल होते हैं. जिस तरह से पार्टियों को पूर्ण बहुमत नहीं मिला है उसे देखते हुए कहा जा सकता है कि अब हर साल में चुनाव में पार्टियों को वोटों का जुगाड़ करना पड़ेगा.

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चंडीगढ़: चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव के परिणाम (Chandigarh Municipal Corporation Election Result) आ चुके हैं. जिसमें आम आदमी पार्टी ने शानदार प्रदर्शन किया. हालांकि किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला, जो मेयर बनाने के लिए जरूरी होता है. चंडीगढ़ में इस बार नगर निगम चुनाव 35 वार्डों में लड़ा गया था. यहां एक लोकसभा सांसद की भी सीट है इसलिए प्रत्येक पार्टी को मेयर बनाने के लिए 19 पार्षदों की जरूरत होती है, लेकिन किसी भी पार्टी की झोली में 19 सीटें नहीं आई.

चुनाव नतीजों में आम आदमी पार्टी को 14, भाजपा को 12, कांग्रेस को 8 और अकाली दल को 1 सीट‌ मिली है. जिससे किसी भी पार्टी के पास पूर्ण बहुमत नहीं है. अगर किसी पार्टी के पास 19 सीटें होती तो वह पार्टी अगले 5 सालों के लिए खुद के मेयर चुनने की शक्ति रखती, लेकिन फिलहाल चंडीगढ़ में जो हालात हैं उसे देखते हुए मेयर चुनाव (Chandigarh mayor election) को लेकर संशय बरकरार है.

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मेयर चुनाव जनवरी के पहले सप्ताह में होने हैं. ऐसे में सभी पार्टियों ने जोड़-तोड़ करनी शुरू कर दी है. माना जा रहा है कि तीनों मुख्य पार्टियां मेयर चुनाव में अपना उम्मीदवार खड़ा करेंगी. ऐसे में ये जरूरी नहीं कि किसी उम्मीदवार की झोली में 19 वोट आएंगे वह तभी मेयर बनेगा बल्कि जिस उम्मीदवार की झोली में सबसे ज्यादा वोट आएंगे उसे ही मेयर चुना जाएगा. इसलिए सभी पार्टियां इस समय अपने उम्मीदवार को मेयर बनाने के लिए जोड़-तोड़ में लग गई है.

अगर आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार को अपने सभी 14 पार्षदों की वोट मिल जाती है. दूसरी ओर भाजपा अपने लिए मात्र 2 वोट और हासिल कर लेती है और सांसद का वोट मिलाकर 15 वोट अपने उम्मीदवार को दिलाने में कामयाब हो जाती है तो ऐसे में भाजपा अपना उम्मीदवार बनाने में भी कामयाब हो जाएगी, लेकिन अगर सभी पार्षद अपनी-अपनी पार्टियों के साथ रहते हैं तब आम आदमी पार्टी 14 वोट के साथ ही अपना मेयर बनाने में सक्षम होगी. वहीं कयास लगाए जा रहे हैं कि कांग्रेस के पार्षद आप उम्मीदवार को मेयर बनवा सकते हैं. इस तरह मेयर का चुनाव सभी पार्टियों के लिए टक्कर पेश करने वाला होगा.

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बता दें कि चंडीगढ़ में नगर निगम के चुनाव तो 5 साल में एक बार होते हैं, लेकिन मेयर के चुनाव हर साल होते हैं. जिस तरह से पार्टियों को पूर्ण बहुमत नहीं मिला है उसे देखते हुए कहा जा सकता है कि अब हर साल में चुनाव में पार्टियों को वोटों का जुगाड़ करना पड़ेगा.

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