चंडीगढ़: मलोया थाने में दो दिन से चल रही रिश्वतखोरी के दो मामले सामने आए हैं. एक मामले में एसएसपी यूटी को शिकायत दी गई है, जबकि दूसरे मामले का खुलासा सीबीआई ने किया. एक युवक पर झूठा एनडीपीएस का मामला दर्ज नहीं करने के एवज में रिश्वत मांगी जा रही थी.
मामले में सीबीआई ने एक बिचौलिए को गिरफ्तार कर लिया है. तीन मुलाजिम अभी गिरफ्त से बाहर है. पुलिस डिपार्टमेंट ने तीनों मुलाजिमों को सस्पेंड कर दिया है, लेकिन इस थाने में डीएसपी ट्रेनिंग समेत एक अन्य इंस्पेक्टर तैनात है, जिस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है.
वीरवार को सीबीआई के ट्रैप से पहले एसएसपी यूटी को बुधवार को दो लाख रुपए रिश्वत मांगने की शिकायत मिली थी. लेकिन उस पर कोई एक्शन नहीं लिया गया. वहीं सीबीआई द्वारा एफआईआर रजिस्टर करने के बाद तीनों पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया. इनकी पहचान कॉन्स्टेबल शिव, काॅन्स्टेबल नसीब खान और काॅन्स्टेबल कृष्ण मलिक के रूप में हुई है. जबकि बिचौलिए रजत को गिरफ्तार कर लिया गया है. पता चला है कि कॉन्स्टेबल शिव एसएचओ का ड्राइवर है.
सीबीआई को दी गई शिकायत के मुताबिक मलोया स्मॉल फ्लैट के रहने वाले दीपक साहनी अपने दोस्तों के साथ 15 मई को घर के बाहर बैठे हुए थे. इसी दौरान पुलिसकर्मी आए, जिन्हें देखकर सभी लोग भाग गए. इसके बाद दीपक अपने घर चला गया. लेकिन बाद में बिचौलिए की भूमिका निभाने वाले रजत खुद ही दीपक के घर गया और उसे बोला कि पुलिस चौकी में बुलाया है.
दीपक पुलिस चौकी में गया, जहां उसे रात तक बैठाकर रखा गया. बिचौलिए रजत ने बोला कि उसे 20 हजार रुपए रिश्वत देनी होगी, तभी पुलिस उसे छोड़ेगी. इस पर दोनों के बीच 14 हजार में सौदा तय हो गया. शिकायतकर्ता की जेब में 4300 रुपए पड़े हुए थे. जेब से ये रुपए निकालकर रजत बोला कि बाकी के 10 हजार बाद में लेकर आना. इसके बाद शिकायतकर्ता ने सीबीआई को मामले में शिकायत दी.
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