चंडीगढ़: प्रशासन का बुलडोजर एक बार फिर से चलने वाला है. चंडीगढ़ के सेक्टर 25 (slums in chandigarh sector 25) के पास बनी अवैध झुग्गी बस्ती को हटाने की तैयारी है. प्रशासन कॉलोनी नंबर 4 में हजारों मकान पहले भी तोड़कर वहां से अवैध अतिक्रमण को हटवा चुका है. इस बार सेक्टर 25 में बनी अवैध बस्ती को तोड़ने जा रहा है. बुलडोजर चलाने से पहले वहां रह रहे लोगों को नोटिस भेज दिए गए हैं. इस बस्ती में करीब 5000 घर हैं और यह कई एकड़ में फैली है. चंडीगढ़ प्रशासन कभी भी इस बस्ती को तोड़ने की कार्रवाई शुरु कर सकता है.
चंडीगढ़ प्रशासन (chandigarh administration) ने सेक्टर 25 की झुग्गी में रहने वालों को पहले ही नोटिस भेजकर घर खाली करने का आदेश दे चुका है. इससे पहले चंडीगढ़ की 4 नंबर कॉलोनी में ऐसी कार्रवाई की जा चुकी है. जिसे देखते हुए सेक्टर 25 की बस्ती से भी लोग अपना सामान निकालने लगे हैं. बहुत से लोग यहां से सामान लेकर जा चुके हैं और जो बच गए हैं वह भी धीरे-धीरे अपना घर खाली कर रहे हैं.
ईटीवी भारत ने सेक्टर 25 में रह रहे लोगों से बातचीत की. लोगों ने बताया कि वह इस बस्ती में 15 से 20 सालों से रह रहे हैं. वह गरीब लोग हैं. उनके पास इतने पैसे नहीं हैं कि वह चंडीगढ़ जैसे शहर में किराए के घर में कहीं रह सकें. इसलिए वे यहां पर अपनी झोपड़ी बनाकर रह रहे थे. हालांकि चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से साल 2006 में एक सर्वे करवाया था. जिसमें कहा गया था कि यहां पर रहने वाले लोगों से अगर यह जगह खाली कराई जाएगी तो बदले में उन्हें पक्का मकान दिया जाएगा. वह सर्वे हुए भी कई साल बीत चुके हैं लेकिन अभी तक उन्हें मकान नहीं दिया गया. लोगों का आरोप है कि अब सरकार हमारे ऊपर से कच्ची छत भी छीन रही है और हमारे पास रहने का ठिकाना भी नहीं है.
अगर प्रशासन लोगों को पहले मकान मुहैया करवा देता और फिर यह कार्रवाई करता तो अच्छा होता. हमें नहीं पता कि हमें कब तक मकान मिलेगा. फिलहाल हमें यहां से बेघर किया जा रहा है. यहां पर बेहद गरीब लोग रहते हैं. जो रेहड़ी फड़ी लगाने का काम करते हैं या रिक्शा चलाते हैं. यह लोग बड़ी मुश्किल से दो वक्त की रोटी का जुगाड़ कर पाते हैं. ऐसे में यह किराए के घर में रहने की सोच भी नहीं सकते. मोहम्मद इरफान, निवासी, सेक्टर 25 की झुग्गी बस्ती
हालांकि इस बस्ती में कुछ ऐसे लोग भी हैं जिनका घरों के लिए हुए सर्वे में नाम नहीं है. ऐसे में उनके पास तो कोई विकल्प ही नहीं बचता. क्योंकि सर्वे में नाम ना होने की वजह से उन्हें घर मिलने की कोई संभावना नहीं है. उन लोगों को तो यहां से कहीं भी जाना होगा और अपने लिए छत का जुगाड़ खुद करना होगा.
आपको बता दें कि चंडीगढ़ में कई ऐसी बस्तियां हैं जो अवैध रूप से सरकारी जमीन पर बसी हैं. चंडीगढ़ प्रशासन ने साल 2014 में भी कार्रवाई करते हुए इस तरह की कई अवैध कॉलोनियों को तोड़ा था. एक बार फिर से प्रशासन वैसी ही कार्रवाई कर रहा है. पिछले हफ्ते चंडीगढ़ प्रशासन ने इंडस्ट्री एरिया फेस 1 के पीछे बनी 4 नंबर कॉलोनी को हटाया था. जो चंडीगढ़ की सबसे बड़ी बस्ती मानी जाती थी. अब प्रशासन सेक्टर 25 की बस्ती को हटाने जा रहा है. उसके बाद संजय कॉलोनी को हटाने की तैयारी है. इन तीनों बस्तियों को हटाने के बाद प्रशासन को अरबों रुपए कीमत की 60 एकड़ जमीन वापस मिल जायेगी.