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घोटालों की जांच को लेकर सरकार ने नहीं सुनी बात इसलिए किया वॉकआउट: हुड्डा - भूपेंद्र सिंह हुड्डा बयान मानसून सत्र

हरियाणा विधानसभा के मानसून सत्र की कार्यवाही को लेकर पूर्व सीएम और नेता विपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि सत्र से पहले सरकार द्वारा ये कहा गया था कि जरूरी बिल पेश किए जाएंगे, लेकिन फिर ये 15 बिल ले आएं.

bhupinder singh hooda on monsoon session
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Published : Aug 26, 2020, 6:40 PM IST

चंडीगढ़: बुधवार को हरियाणा विधानसभा का एक दिवसीय मानसून सत्र हुआ. जिसके बाद सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई. सदन की कार्यवाही के दौरान विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया. कार्यवाही के बीच में कांग्रेस ने बॉयकाट भी किया.

सदन की कार्यवाही को लेकर पूर्व सीएम और नेता विपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि विधानसभा का जिस परिस्थितियों में सेशन हुआ उसको देखते हुआ ये फैसला हुआ था कि सेशन एक दिन का रखा जाए. पीटीआई, घोटालों पर, टिड्डी दल पर, जल भराव, शिक्षा, रोड नेटवर्किंग पर, पेट्रोल डीजल की कीमत बढ़ाने पर हमारे कॉलिंग अटेंशन थे. सत्र से पहले ये कहा गया था जरूरी बिल पेश किए जाएंगे, लेकिन फिर ये 15 बिल ले आएं.

ये भी पढ़ें- पंचकूला में खेलो इंडिया-2021 के साथ होगा ब्रिक्स गेम्स का आयोजन: किरण रिजिजू

सरकार बीएसी के फैसले के बाद भी 15 बिल ले आई. कोरोना की आड़ में जो घोटाले हो रहे हैं सरकार उसकी चर्चा नहीं करना चाहती. 2017 में भी अर्बन डिवलेपमेंट का बिल संशोधित किया था जिसके बाद आज भी ले आए. इसके बाद से बहुत सारी अवैध कॉलोनी आ गई. घोटालों को लेकर हमने सीबीआई से जांच, हाईकोर्ट के पूर्व जज से जांच या फिर हाउस कमेटी बनाने के लिए कहा, लेकिन सरकार ने नहीं माना. हर महीने में एक घोटाला ये करते हैं, हमारी फिर भी नहीं सुनी तो हमनें हाउस का वॉकआउट किया.

तीन कृषि अध्यादेश जो लेकर आए हैं उससे किसानों को हानि है इसीलिए हमनें कहा एक और अध्यादेश लाओ जिसमें एमएसपी का जिक्र होना चाहिए. कॉन्टेक्ट फार्मिंग में विवाद होने पर किसान कोर्ट में जा ही नहीं पाएगा. आलू, प्याज आवश्यक वस्तु से हटा दिया जिससे फसल आने पर किसानों को भाव नहीं मिलेगा और बाद में आम लोगों को ये फसल महंगी मिलेंगी.

ये भी पढ़ें- कोरोना के खतरे के बीच सरकारी दफ्तर खुले, तो सैनिटाइजेशन टनल हो गई बंद

चंडीगढ़: बुधवार को हरियाणा विधानसभा का एक दिवसीय मानसून सत्र हुआ. जिसके बाद सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई. सदन की कार्यवाही के दौरान विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया. कार्यवाही के बीच में कांग्रेस ने बॉयकाट भी किया.

सदन की कार्यवाही को लेकर पूर्व सीएम और नेता विपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि विधानसभा का जिस परिस्थितियों में सेशन हुआ उसको देखते हुआ ये फैसला हुआ था कि सेशन एक दिन का रखा जाए. पीटीआई, घोटालों पर, टिड्डी दल पर, जल भराव, शिक्षा, रोड नेटवर्किंग पर, पेट्रोल डीजल की कीमत बढ़ाने पर हमारे कॉलिंग अटेंशन थे. सत्र से पहले ये कहा गया था जरूरी बिल पेश किए जाएंगे, लेकिन फिर ये 15 बिल ले आएं.

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सरकार बीएसी के फैसले के बाद भी 15 बिल ले आई. कोरोना की आड़ में जो घोटाले हो रहे हैं सरकार उसकी चर्चा नहीं करना चाहती. 2017 में भी अर्बन डिवलेपमेंट का बिल संशोधित किया था जिसके बाद आज भी ले आए. इसके बाद से बहुत सारी अवैध कॉलोनी आ गई. घोटालों को लेकर हमने सीबीआई से जांच, हाईकोर्ट के पूर्व जज से जांच या फिर हाउस कमेटी बनाने के लिए कहा, लेकिन सरकार ने नहीं माना. हर महीने में एक घोटाला ये करते हैं, हमारी फिर भी नहीं सुनी तो हमनें हाउस का वॉकआउट किया.

तीन कृषि अध्यादेश जो लेकर आए हैं उससे किसानों को हानि है इसीलिए हमनें कहा एक और अध्यादेश लाओ जिसमें एमएसपी का जिक्र होना चाहिए. कॉन्टेक्ट फार्मिंग में विवाद होने पर किसान कोर्ट में जा ही नहीं पाएगा. आलू, प्याज आवश्यक वस्तु से हटा दिया जिससे फसल आने पर किसानों को भाव नहीं मिलेगा और बाद में आम लोगों को ये फसल महंगी मिलेंगी.

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