दिल्ली/चंडीगढ़ः भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कुमारी सैलजा को कांग्रेस में अभी नई जिम्मेदारी मिली है. जिसके बाद वो काफी सक्रिय दिखाई दे रहे हैं, लेकिन ये सक्रियता क्या वक्त पर आई है क्योंकि बहुत जल्द हरियाणा में विधानसभा चुनाव शुरू होने वाले हैं. किसी भी दिन चुनाव का ऐलान हो सकता है और अब कांग्रेस कह रही है कि हम चुनावी मोड में आएंगे.
भूपेंद्र हुड्डा ने क्या कहा ?
सीएलपी लीडर भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि अब कांग्रेस पूरी तरह से चुनाव में जुट जाएगी. उन्होंने कहा कि जल्द ही मेनिफेस्टो कमेटी बनेगी उसके अलावा भी कई कमेटियां बनाई जानी अभी बाकी हैं. भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने खुद के नेता प्रतिपक्ष बनने पर कहा कि हम पहले से ही विपक्ष की भूमिका निभाते आ रहे हैं. इनेलो ने तो मुख्य विपक्षी दल होने के बाद भी अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई.
कुमारी सैलजा ने क्या कहा ?
कांग्रेस की नई प्रदेश अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने कहा कि कांग्रेस चुनावी मैदान में जाने के लिए तैयार है अगर चुनाव आयोग आज भी चुनाव का ऐलान करता है तो हम आज ही चुनाव में जाने को तैयार हैं. उन्होंने आगे कहा कि हमारी मेनिफेस्टो कमेटी जल्द बनने वाली है. जो जनता से फीडबैक लेकर मेनिफेस्टो तैयार करेगी और सोनिया गांधी के साथ भी हमारी मीटिंग है. जिसमें चुनाव पर चर्चा होगी.
कांग्रेस में ये बदलाव हुए थे
जब से अशोक तंवर का कार्यकाल खत्म हुआ था, तभी से हुड्डा गुट अशोक तंवर को हटाकर हुड्डा के हाथ में प्रदेश की कमान देने की मांग कांग्रेस हाईकमान से कर रहा था. लेकिन बहुत दिनों तक उनकी बात सुनी नहीं गई. 18 अगस्त को भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने एक रैली कर कांग्रेस हाईकमान पर दबाव डालने की कोशिश की. उनकी ये रणनीति काम आई और अशोक तंवर को हटा दिया गया लेकिन हुड्डा को प्रदेश अध्यक्ष नहीं बनाया गया बल्कि प्रदेश कांग्रेस की कमान कांग्रेस के एक और दलित चेहरे कुमारी सैलजा को दे दी गई. भूपेंद्र सिंह हुड्डा को खुश करने के लिए किरण चौधरी को हटाकर उन्हें सीएलपी लीडर बना दिया गया. साथ ही इलेक्शन मैनेजमेंट कमेटी की कमान भी उन्हें ही दे दी गई.
कौन-सी पार्टी कितने चुनावी मोड में ?
अगर जमीन पर चुनावी मोड की बात की जाए तो बाकी पार्टियों से बीजेपी कई कदम आगे दिखाई देती है. क्योंकि प्रदेश की मौजूदा सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी कांग्रेस अब चुनावी मोड में आने की बात कर रही है. जबकि बीजेपी ने न सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली करवा दी है, बल्कि मुख्यमंत्री जन आशीर्वाद यात्रा लेकर पूरे प्रदेश में घूम चुके हैं. इसके अलावा इनेलो, जेजेपी और बीएसपी जैसी पार्टियों का हाल तो कांग्रेस से भी बुरा है. इनेलो और जेजेपी तो अभी पारिवारिक लड़ाई से ही बाहर नहीं निकल पाई हैं और बीएसपी गठबंधन करने और तोड़ने में ही लगी है.