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तेवर में तंवर: आजाद के रेड सिग्नल के बाद भी कमेटी को लेकर की बैठक

कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष अशोक तंवर ने मंगलवार को दिल्ली में इलेक्शन प्लानिंग एंड मैनेजमेंट कमेटी की बैठक ली. एक दिन पहले ही यानि सोमवार को हरियाणा कांग्रेस के प्रभारी गुलाम नबी आजाद ने इस कमेटी को खारिज कर दिया था और कहा था कि बिना एआईसीसी के अप्रूवल के यह कमेटी माननीय नहीं है.

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Published : Jul 9, 2019, 12:17 PM IST

ashok tanwar

चंडीगढ़/दिल्ली: इस बैठक के बाद एक बार फिर कांग्रेस की कलह को लेकर चर्चा शुरू हो गई है. एक दिन पहले जिस कमेटी को प्रदेश प्रभारी खारिज कर देते हैं अगले ही दिन उस कमेटी की हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष बैठक लेते हैं. बैठक के बाद अशोक तंवर ने कहा कि कुछ बातों के लिए गुमराह करने की कोशिश की गई है और कुछ कन्फ्यूजन है. इसका कोई ऑफिशियल कम्युनिकेशन तो नहीं किया गया है लेकिन प्रभारी को गलत फीडबैक दिया गया. उन्होंने कहा कि इस ग्रुप के पीछे इंटेंशन साफ था कि कांग्रेस को मजबूत किया जाए. जहां तक अप्रूवल की बात है वह आलाकमान को संज्ञान में लेकर सारी बातें करेंगे.

यहां देखें वीडियो.

वहीं बैठक में मौजूद रहे कांग्रेस नेता सुदेश अग्रवाल ने बताया कि इस बैठक के लिए भूपेंद्र सिंह हुड्डा, किरण चौधरी, कुमारी शैलजा, रणदीप सुरजेवाला, कैप्टन अजय यादव, कुलदीप बिश्नोई को निमंत्रण भेजा गया था लेकिन वो नहीं आए. इस कमेटी का नाम बदल दिया गया है. विधानसभा चुनाव को देखते हुए तैयारियों को लेकर चर्चा करने के लिए ये बैठक ली गई जिसमें कई फैसले लिए गए हैं.

गुलाम नबी आजाद के कमेटी को खारिज करने के बयान के बाद आज अशोक तंवर कमेटी का नाम लेने से कतराए और उन्होंने इसको को एक ग्रुप का नाम दिया. उन्होंने कई बड़े नेताओं को आमंत्रण दिया था लेकिन उनमें से यहां कोई नहीं पहुंचा. 8 सदस्यों में से केवल दो ही लोग बैठक में पहुंचे.

चंडीगढ़/दिल्ली: इस बैठक के बाद एक बार फिर कांग्रेस की कलह को लेकर चर्चा शुरू हो गई है. एक दिन पहले जिस कमेटी को प्रदेश प्रभारी खारिज कर देते हैं अगले ही दिन उस कमेटी की हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष बैठक लेते हैं. बैठक के बाद अशोक तंवर ने कहा कि कुछ बातों के लिए गुमराह करने की कोशिश की गई है और कुछ कन्फ्यूजन है. इसका कोई ऑफिशियल कम्युनिकेशन तो नहीं किया गया है लेकिन प्रभारी को गलत फीडबैक दिया गया. उन्होंने कहा कि इस ग्रुप के पीछे इंटेंशन साफ था कि कांग्रेस को मजबूत किया जाए. जहां तक अप्रूवल की बात है वह आलाकमान को संज्ञान में लेकर सारी बातें करेंगे.

यहां देखें वीडियो.

वहीं बैठक में मौजूद रहे कांग्रेस नेता सुदेश अग्रवाल ने बताया कि इस बैठक के लिए भूपेंद्र सिंह हुड्डा, किरण चौधरी, कुमारी शैलजा, रणदीप सुरजेवाला, कैप्टन अजय यादव, कुलदीप बिश्नोई को निमंत्रण भेजा गया था लेकिन वो नहीं आए. इस कमेटी का नाम बदल दिया गया है. विधानसभा चुनाव को देखते हुए तैयारियों को लेकर चर्चा करने के लिए ये बैठक ली गई जिसमें कई फैसले लिए गए हैं.

गुलाम नबी आजाद के कमेटी को खारिज करने के बयान के बाद आज अशोक तंवर कमेटी का नाम लेने से कतराए और उन्होंने इसको को एक ग्रुप का नाम दिया. उन्होंने कई बड़े नेताओं को आमंत्रण दिया था लेकिन उनमें से यहां कोई नहीं पहुंचा. 8 सदस्यों में से केवल दो ही लोग बैठक में पहुंचे.

Intro:अशोक तंवर ने आज दिल्ली में की इलेक्शन प्लानिंग एंड मैनेजमेंट कमेटी की बैठक । कल इस कमेटी को गुलाम नबी आजाद जो कि हरियाणा प्रदेश के प्रभारी हैं उन्होंने खारिज कर दिया था और कहा था कि बिना एआईसीसी के अप्रूवल के यह कमिटी माननीय नहीं है।


Body:बैठक के बाद अशोक तवर ने कहा कि कुछ बातों के लिए गुमराह करने की कोशिश की गई है और कुछ कंफ्यूजन है। उन्होंने कहा कि इसका कोई ऑफिशल कम्युनिकेशन तो नहीं किया गया है लेकिन प्रभारी जी को गलत फीडबैक दिया गया । उन्होंने कहा कि इस ग्रुप के पीछे इंटेंशन साफ था कि कांग्रेस को मजबूत किया जाए। उन्होंने कहा कि जहां तक अप्रूवल की बात है वह आईसीसी को संज्ञान में लेकर सारी बातें करेंगे।

बैठक के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि यहां सिर्फ कंसल्टेशन हुई है, लोग इंतजार में हैं कि उन्हें दिशा मिले और वह काम शुरू करें राहुल जी ने इस बात को कहा था कि अब बदलाव का समय है और कठोर निर्णय लेने पड़ेंगे। अगर हम कठोर निर्णय नहीं लेंगे तो मुझे नहीं लगता कि जिस तरह के परिणाम प्रदेश की जनता चाहती है वह मिलेंगे, अशोक तवर ने कहा।

उन्होंने कहा कि हरियाणा शायद एकमात्र प्रांत ऐसा है जहां ब्लॉक प्रेसिडेंट नहीं है डिस्टिक प्रेसिडेंट नहीं है और वह बहुत ज्यादा लेट हो रहे हैं और जिस तरह से पूरे असमंजस की स्थिति है उसमें कहीं ना कहीं पार्टी बिखरती जा रही है और इसीलिए इस तरह के ग्रुप के बनाने की जरूरत पड़ी। उन्होंने कहा कि डेढ़ महीना बीत गया लेकिन अभी तक जमीनी स्तर पर जिस तरह काम होना चाहिए था वैसे नहीं हुआ इसीलिए जरूरत महसूस हुई कि सब मिलकर चर्चा करें। ने कहा कि कांग्रेस फस कर रह गई है और अब रस्टिक स्टेप लेने पड़ेंगे जिसमें एआईसीसी से लेकर हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमिटी की सहयोग की अपेक्षा करते हैं वह।


Conclusion:गुलाम नबी आजाद के कमेटी को खारिज करने के बयान के बाद आज अशोक तवर कमेटी नाम लेने से कतराए और उन्होंने इसको को एक ग्रुप का नाम दिया ।उन्होंने 5 जुलाई को कई बड़े नेताओं को आमंत्रण दिया था जैसे कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा कुमारी शैलजा किरण चौधरी लेकिन उनमें से यहां कोई नहीं पहुंचा जिस पर अशोक तवर ने कहा कि आने वाले समय में वह सहयोग की अपेक्षा करते हैं।सदस्य के कुल 8 में से दो ही लोग पहुंच पहुंचे बैठक में।
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