चंडीगढ़: पाकिस्तान से आने वाले दुश्मन ने हरियाणा के किसानों की चिंता बढ़ा दी हैं. जो राजस्थान के रास्ते कभी भी हरियाणा में दाखिल हो सकता है. राजस्थान से सटी प्रदेश की सीमा से कुछ ही किलोमीटर दूर फसलों के दुश्मन टिड्डी दल पहुंच गया है. करोड़ों की संख्या में ये टिड्डी पलभर में किसानों की फसलों को बर्बाद कर देती हैं. इसको लेकर ईटीवी भारत ने हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल से खास बातचीत की.
सवाल- टिड्डी दल का हमला हो सकता है किसान भयभीत हैं, सरकार की क्या तैयारियां हैं?
जवाब - कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री मंत्री जेपी दलाल ने कहा कि 6 महीने से जनवरी के महीने से ही ऐसा लग रहा था कि कभी भी टिड्डी दल का हमला हो सकता है. कृषि मंत्री ने कहा कि अभी तक हम सौभाग्यशाली रहे कि टिड्डी दल ने हरियाणा में एंट्री नहीं की. अब केंद्र सरकार की तरफ से भी हिदायतें जारी की गई हैं. खतरा अभी है, ऐसे में पूरी सतर्कता बरती जा रही है.
ऐसे में विभाग की तरफ से किसानों को इसके प्रति जागरूक किया गया और टिड्डी दल को मारने की दवाइयां उपलब्ध करवाई गई हैं. जिला प्रशासन को तैयार रहने को कहा गया है. टिड्डी के रोकथाम और उसको मारने की दवाई उपलब्ध करवाई गई है. ट्रेक्टर माउंटेड स्प्रेयर मशीन तैयार हैं. जिला प्रशासन को तैयार रहने को कहा गया है. अगर टिड्डी दल की एंट्री हरियाणा में हो जाती है तो हमारा प्रयास रहेगा कि टिड्डी दल को यहीं खत्म कर दिया जाए.
सवाल- विभाग को क्या एहतियात बरतने को कहा गया है?
जवाब - कृषि मंत्री ने कहा कि सूचना मिलना आवश्यक है. जैसे ही टिड्डी दल की एंट्री होती है. इसकी जानकारी अगर समय पर मिल जाए तो रात के समय इन्हें स्प्रे कर मारा जा सकता है. रात के समय टिड्डी दल डेरा डालता है. जिसमें करोड़ों की संख्या होती है और कई किलोमीटर तक फैला रहता है. जैसे ही रात के समय टिड्डी दल कहीं विश्राम करेगा. उसको मारने का पूरा प्रयास रहेगा.
सवाल- हरियाणा में टिड्डी दल की एंट्री हुई तो क्या रणनीति रहेगी?
जवाब - कृषि मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान की तरफ से आने वाले टिड्डी दल का दक्षिण हरियाणा में खतरा ज्यादा है. राजस्थान के साथ लगते इलाके सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, भिवानी, रेवाड़ी और नूंह के इलाकों में ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है. अगर टिड्डी दल हरियाणा में एंटर होता है तो ये बड़ी आपदा की तरह रहेगा. जिससे लड़ाई के लिए हम तैयार हैं. इस मुकाबले के लिए हम पूरी तरह से तैयार हैं प्रशासन को अलर्ट पर रखा गया है.
पिछले 10 से 15 साल में हरियाणा में अभी तक कोई बड़ा नुकसान टिड्डी दल ने नहीं किया है. टिड्डी जहां पर बैठती है वहां पर कई किलोमीटर तक फसलों को नुकसान पहुंचा देती है. जहां बैठती है फसलों को चट कर देती है और लारवा छोड़ देते है.
लारवा से खतरा
कृषि मंत्री ने कहा कि टिड्डी दल रात के समय हरी फसलों पर आराम करते हैं और प्रजनन के बाद अपना लारवा छोड़ देते हैं. उन्होंने कहा कि लारवा छोड़ने के बाद टिड्डियां उड़ जाती हैं. ऐसे में इनको मारना जरूरी रहता है उनके लारवा को ही नष्ट करना आवश्यक रहता है. ऐसा नहीं करने पर 10 से 15 दिनों में लारवा से फिर बच्चे पैदा होते हैं और फिर नुकसान कर सकते हैं.
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