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हरियाणा सरकार का बड़ा फैसला, सरकारी नौकरी में 3 फीसदी खेल कोटा बहाल

हरियाणा सरकार के ग्रुप A, B और C की सीधी भर्ती में खेल कोटे (Haryana Sports Quota Reservation) को लेकर बड़ा फैसला लिया है. सरकार ने आउटसोर्सिंग स्पोर्ट्स पॉलिसी के तहत कोटे को बहाल कर दिया गया है.

sports quota restored in haryana
हरियाणा में 3 फीसदी कोटा बहाल
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Published : Mar 31, 2022, 3:26 PM IST

Updated : Mar 31, 2022, 7:52 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने ग्रुप A, B और C की सीधी भर्ती में खेल कोटे के आरक्षण को लेकर बड़ा फैसला लिया है. सरकार ने आउटसोर्सिंग स्पोर्ट्स पॉलिसी (Haryana Sports Quota Reservation) के तहत कोटे को बहाल कर दिया है. सीएम मनोहर लाल खट्टर और खेल मंत्री संदीप सिंह ने गुरुवार को मीटिंग के बाद 3 फीसदी कोटे को फिर से बहाल करने का फैसला लिया है. प्रदेश में यह मामला तूल पकड़ रहा था. खिलाड़ी सड़कों पर उतर कर विरोध जता रहे थे.

बैठक में यह भी फैसला लिया गया कि हरियाणा सरकार अपने 'पदक लाओ-पद पाओ' के नारे को सार्थक करती हुई खेल विभाग की उत्कृष्ट खिलाड़ी रोजगार नीति के तहत भविष्य में भी श्रेणी-A, B और D के पदों पर सीधी नौकरी देती रहेगी. विभिन्न खेल संघों से पिछले 10 साल तक की प्रतियोगिताओं के परिणाम मंगवाकर खिलाड़ियों का डाटा पब्लिक डोमेन में डाला जाएगा. इसके अलावा भविष्य में खेल संघों को प्रतियोगिता के 15 दिन के भीतर परिणाम खेल विभाग तैयार किए जा रहे पोर्टल पर अपलोड करेगा ताकि बाद में किसी प्रकार के बदलाव की गुंजाइश ना रहे.

कोटे के आधार पर इतने खिलाड़ियों को मिली नौकरी- सरकार ने यह भी निर्णय लिया है कि हर जिले में श्रेणी-क का एक पद 'जिला खेल मैनेजर' के नाम से सृजित किया जाएगा. इन पदों पर स्नातकोतर व खेल प्रबंधन में शैक्षणिक योग्यता व अनुभव रखने वाले युवाओं की सीधी भर्ती की जाएगी. वर्ष 2018 से अब तक 19 खिलाड़ियों को श्रेणी-A, 30 खिलाड़ियों को श्रेणी-B व 63 खिलाड़ियों को श्रेणी-C के पदों पर बिना किसी परीक्षा और साक्षात्कार के नियुक्ति पत्र दिए जा चुके हैं. इसके अतिरिक्त श्रेणी C में करीब 396 खिलाड़ियों को 3 फीसदी की दर से भी नौकरी दी जा चुकी है.

फर्जी सर्टिफिकेट वालों पर होगी सख्त कार्रवाई- खेल मंत्री संदीप सिंह ने कहा कि फेडरेशन फर्जी ग्रेडेशन सर्टिफिकेट बनाकर खिलाड़ियों की नौकरियों में हेरा फेरी कर रहे हैं. इस पर सरकार सख्त कदम उठाएगी. उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार हमेशा खिलाड़ियों के साथ खड़ी है. गोल्ड मेडल जीतने वाले खिलाड़ी को नौकरी देने में कोई समस्या नहीं आती है, लेकिन 3 प्रतिशत कोटा वाले खिलाड़ियों का रिव्यू करने में दिक्कत आती है. सरकारी नौकरी में A, B और C में तीन फीसदी कोटा और D के लिए 10 प्रतिशत कोटा बरकरार रहेगा.

जानिए खिलाड़ी क्यों कर रहे थे इस फैसले का विरोध- हरियाणा सरकार ने खेल कोटे (Haryana Sports Quota) में मिलने वाली आरक्षण पॉलिसी (Haryana Sports Quota Reservation) में बदलाव करते हुए अफसरों के ग्रुप A, B और कर्मचारियों के ग्रुप C की सीधी भर्ती में खेल कोटे का 3 फीसदी आरक्षण खत्म कर दिया है. हालांकि ग्रुप डी का आरक्षण जारी रहेगा. ग्रुप डी में पहले की ही तरह खेल कोटे का दस प्रतिशत आरक्षण मिलता रहेगा. सरकार के इस फैसले से खेल कोटा अब केवल खेल विभाग तक ही सीमित हो गया है. इस बदलाव के बाद प्रदेश के लगभग 81 विभागों और दो दर्जन के लगभग सरकारी उपकरणों में उच्च वर्ग की नौकरियों में अब खिलाड़ियों की भर्ती का रास्ता बंद हो गया है.

खेल विभाग ने जॉब पॉलिसी में किए थे बदलाव- राज्य सरकार ने पिछले साल खिलाड़ियों के लिए खेल विभाग में ग्रुप A, B और C के 550 पद बनाए थे. सरकार का कहना है कि बेहतर खिलाड़ियों के लिए ग्रुप A और ग्रुप B के पद अलग से बना दिए हैं, इसलिए सीधी भर्ती का लाभ कोई नहीं उठा रहा है. इस वजह से तीन प्रतिशत आरक्षण के ये पद खाली ही पड़े रहते हैं. इसी सिलसिले में खेल विभाग ने खिलाड़ियों की जॉब पॉलिसी से एचसीएस-एचपीएस के पद हटाकर खेल विभाग में पद तय किए थे. इसके अनुसार ग्रुप-A में डिप्टी डायरेक्टर के 50, ग्रुप-B में सीनियर कोच के 100, ग्रुप-B में कोच के 150 और ग्रुप-C में जूनियर कोच के 250 पद निर्धारित बनाये गये थे. इन पदों पर केवल खिलाड़ियों की ही भर्ती की जाएगी.

ये भी पढ़ें: खेल कोटा खत्म करने का मामला: बॉक्सर विजेंदर सिंह बोले- पद से इस्तीफा देकर खिलाड़ियों के साथ आएं खेल मंत्री

चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने ग्रुप A, B और C की सीधी भर्ती में खेल कोटे के आरक्षण को लेकर बड़ा फैसला लिया है. सरकार ने आउटसोर्सिंग स्पोर्ट्स पॉलिसी (Haryana Sports Quota Reservation) के तहत कोटे को बहाल कर दिया है. सीएम मनोहर लाल खट्टर और खेल मंत्री संदीप सिंह ने गुरुवार को मीटिंग के बाद 3 फीसदी कोटे को फिर से बहाल करने का फैसला लिया है. प्रदेश में यह मामला तूल पकड़ रहा था. खिलाड़ी सड़कों पर उतर कर विरोध जता रहे थे.

बैठक में यह भी फैसला लिया गया कि हरियाणा सरकार अपने 'पदक लाओ-पद पाओ' के नारे को सार्थक करती हुई खेल विभाग की उत्कृष्ट खिलाड़ी रोजगार नीति के तहत भविष्य में भी श्रेणी-A, B और D के पदों पर सीधी नौकरी देती रहेगी. विभिन्न खेल संघों से पिछले 10 साल तक की प्रतियोगिताओं के परिणाम मंगवाकर खिलाड़ियों का डाटा पब्लिक डोमेन में डाला जाएगा. इसके अलावा भविष्य में खेल संघों को प्रतियोगिता के 15 दिन के भीतर परिणाम खेल विभाग तैयार किए जा रहे पोर्टल पर अपलोड करेगा ताकि बाद में किसी प्रकार के बदलाव की गुंजाइश ना रहे.

कोटे के आधार पर इतने खिलाड़ियों को मिली नौकरी- सरकार ने यह भी निर्णय लिया है कि हर जिले में श्रेणी-क का एक पद 'जिला खेल मैनेजर' के नाम से सृजित किया जाएगा. इन पदों पर स्नातकोतर व खेल प्रबंधन में शैक्षणिक योग्यता व अनुभव रखने वाले युवाओं की सीधी भर्ती की जाएगी. वर्ष 2018 से अब तक 19 खिलाड़ियों को श्रेणी-A, 30 खिलाड़ियों को श्रेणी-B व 63 खिलाड़ियों को श्रेणी-C के पदों पर बिना किसी परीक्षा और साक्षात्कार के नियुक्ति पत्र दिए जा चुके हैं. इसके अतिरिक्त श्रेणी C में करीब 396 खिलाड़ियों को 3 फीसदी की दर से भी नौकरी दी जा चुकी है.

फर्जी सर्टिफिकेट वालों पर होगी सख्त कार्रवाई- खेल मंत्री संदीप सिंह ने कहा कि फेडरेशन फर्जी ग्रेडेशन सर्टिफिकेट बनाकर खिलाड़ियों की नौकरियों में हेरा फेरी कर रहे हैं. इस पर सरकार सख्त कदम उठाएगी. उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार हमेशा खिलाड़ियों के साथ खड़ी है. गोल्ड मेडल जीतने वाले खिलाड़ी को नौकरी देने में कोई समस्या नहीं आती है, लेकिन 3 प्रतिशत कोटा वाले खिलाड़ियों का रिव्यू करने में दिक्कत आती है. सरकारी नौकरी में A, B और C में तीन फीसदी कोटा और D के लिए 10 प्रतिशत कोटा बरकरार रहेगा.

जानिए खिलाड़ी क्यों कर रहे थे इस फैसले का विरोध- हरियाणा सरकार ने खेल कोटे (Haryana Sports Quota) में मिलने वाली आरक्षण पॉलिसी (Haryana Sports Quota Reservation) में बदलाव करते हुए अफसरों के ग्रुप A, B और कर्मचारियों के ग्रुप C की सीधी भर्ती में खेल कोटे का 3 फीसदी आरक्षण खत्म कर दिया है. हालांकि ग्रुप डी का आरक्षण जारी रहेगा. ग्रुप डी में पहले की ही तरह खेल कोटे का दस प्रतिशत आरक्षण मिलता रहेगा. सरकार के इस फैसले से खेल कोटा अब केवल खेल विभाग तक ही सीमित हो गया है. इस बदलाव के बाद प्रदेश के लगभग 81 विभागों और दो दर्जन के लगभग सरकारी उपकरणों में उच्च वर्ग की नौकरियों में अब खिलाड़ियों की भर्ती का रास्ता बंद हो गया है.

खेल विभाग ने जॉब पॉलिसी में किए थे बदलाव- राज्य सरकार ने पिछले साल खिलाड़ियों के लिए खेल विभाग में ग्रुप A, B और C के 550 पद बनाए थे. सरकार का कहना है कि बेहतर खिलाड़ियों के लिए ग्रुप A और ग्रुप B के पद अलग से बना दिए हैं, इसलिए सीधी भर्ती का लाभ कोई नहीं उठा रहा है. इस वजह से तीन प्रतिशत आरक्षण के ये पद खाली ही पड़े रहते हैं. इसी सिलसिले में खेल विभाग ने खिलाड़ियों की जॉब पॉलिसी से एचसीएस-एचपीएस के पद हटाकर खेल विभाग में पद तय किए थे. इसके अनुसार ग्रुप-A में डिप्टी डायरेक्टर के 50, ग्रुप-B में सीनियर कोच के 100, ग्रुप-B में कोच के 150 और ग्रुप-C में जूनियर कोच के 250 पद निर्धारित बनाये गये थे. इन पदों पर केवल खिलाड़ियों की ही भर्ती की जाएगी.

ये भी पढ़ें: खेल कोटा खत्म करने का मामला: बॉक्सर विजेंदर सिंह बोले- पद से इस्तीफा देकर खिलाड़ियों के साथ आएं खेल मंत्री

Last Updated : Mar 31, 2022, 7:52 PM IST
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