भिवानी: प्रदेशभर की अनाज मंडियों में गेहूं की खरीद को लेकर प्रदेश सरकार ने प्रयाप्त इंतजाम होने की बात कही थी. लेकिन प्रदेशभर की अनाज मंडियों में किसान को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. मंडियों में किसान की कोई सुनने वाला नहीं है. बता दें कि मंडियों में गेहूं का उठान नहीं होने के कारण किसान की फसल बारिस में भीग रही है. जिसके चलते किसान को नुकशान उठाना पड़ रहा है.
वहीं किसानों को हो रही परेशानी को लेकर स्वराज इंडिया पार्टी के अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने प्रैस वार्ता कर बताया कि प्रदेशभर की मंडियों में गेहूं का उठान नहीं होने के चलते किसानों की फसल बारिस में भीग रही है. जिसके चलते उन्हें भारी नुकशान हो रहा है. उन्होंने बताया कि ये किसानों को हो रहा नुकशान खाद्य सुरक्षा से जुड़ा मामला है.
उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार अभी तक कुल 990 लाख क्विंटल गेहूं में से मात्र 447 लाख क्विंटल गेहूं ही खरीद पाई है. अभी करीब 46 लाख क्विंटल गेंहूं बिना बिके मंडी में पड़ा हुआ है. वहीं मंडियों में बड़ी मात्रा में गेहूं का उठान नहीं हो पाया है. जिसके चलते बोरियों में बाहर पड़ा गेहूं बारिस में भीग रहा है. प्रदेश सरकार इस तरफ बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रही है.
योगेन्द्र यादव ने बताया कि मौसम जानकारी होने के बाद भी मंडियों में गेहूं का उठान तेजी से नहीं किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि मंडियों में गेहूं को भीगने से बचाने के लिए कोई प्रबंध नहीं किए गए हैं. सरकार को किसानों की कोई चिंता नहीं हैं. प्रदेश सरकार लंबी चादर तान कर सो रही है.
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स्वराज इंडिया पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राजीव गोदारा ने बताया कि मंडियों में भीग रहे गेहूं के लिए सरकार पूरी तरह से जिम्मेवार है. क्योंकि सरकार ने किसान के गेहूं को भीगने से बचाने के लिए कोई प्रबंध नहीं किए हैं. उन्होंने बताया कि सरकार ने गेहूं को ढकने के लिए तिरपाल और पॉलीथिन तक का प्रबंध नहीं किया है.वहीं महासचिव दीपक लाम्बा ने बताया कि सरकार को गेहूं खरीद और उठान की गति बढ़ानी चाहिए. ताकि किसान को हो रहे नुकशान से बचाया जा सके.