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पुरानी पेंशन नीति की बहाली को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे कर्मचारी

कर्मचारियों ने कहा कि एनपीएस स्कीम न होकर ये 'नो पेंशन' स्कीम है. इस स्कीम में कर्मचारी को कोई लाभ नहीं दिया गया है. पुरानी पेंशन पूर्णत्या सरकार के संरक्षण पर आधारित है जबकि नई पेंशन स्कीम निवेश कम्पनियों के जोखिम पर आधारित है.

प्रदर्शन करते कर्मचारी
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Published : Jul 14, 2019, 9:38 AM IST

भिवानी: पुरानी पेंशन नीति को बहाल करने की मांग को लेकर पेंशन बहाली संघर्ष समिति हरियाणा की भिवानी इकाई ने लघु सचिवालय के सामने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए भूख हड़ताल की है, जिसमें अनेक संगठनों के प्रतिनिधियों ने भी उनकी मांगों को लेकर समर्थन दिया.

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कर्माचारियों ने कहा कि 2005 में केंद्र और राज्य सरकार ने कर्मचारियों पर नई पेंशन स्कीम थोप दी, जिसका कर्मचारियों को कोई लाभ नहीं है, इसलिए वे लगातार अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन करते आ रहे हैं. यही नहीं कर्मचारियों ने कहा कि 20 तारीख को वे सीएम से मिलेंगे. यदि सीएम से मिलने के बाद भी उनकी मांगों को नहीं माना गया तो प्रदेश भर में कर्मचारी विधानसभा चुनाव में अपनी ताकत को मजबूत करेंगे जिसका खमियाजा सरकार को भुगतना पड़ेगा.

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ये भी पढ़ें- प्रदेश में सपना चौधरी पर सियासत जारी, बयान देकर चौतरफा घिरे दिग्विजय चौटाला

कर्मचारियों ने कहा कि एनपीएस स्कीम न होकर ये नो पेंशन स्कीम है. इस स्कीम में कर्मचारी को कोई लाभ नहीं दिया गया है. पुरानी पेंशन पूर्णत्या सरकार के संरक्षण पर आधारित है जबकि नई पेंशन स्कीम निवेश कम्पनियों के जोखिम पर आधारित है. कर्मचारियों ने पूरानी पेंशन बहाली की मांग की है.

भिवानी: पुरानी पेंशन नीति को बहाल करने की मांग को लेकर पेंशन बहाली संघर्ष समिति हरियाणा की भिवानी इकाई ने लघु सचिवालय के सामने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए भूख हड़ताल की है, जिसमें अनेक संगठनों के प्रतिनिधियों ने भी उनकी मांगों को लेकर समर्थन दिया.

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कर्माचारियों ने कहा कि 2005 में केंद्र और राज्य सरकार ने कर्मचारियों पर नई पेंशन स्कीम थोप दी, जिसका कर्मचारियों को कोई लाभ नहीं है, इसलिए वे लगातार अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन करते आ रहे हैं. यही नहीं कर्मचारियों ने कहा कि 20 तारीख को वे सीएम से मिलेंगे. यदि सीएम से मिलने के बाद भी उनकी मांगों को नहीं माना गया तो प्रदेश भर में कर्मचारी विधानसभा चुनाव में अपनी ताकत को मजबूत करेंगे जिसका खमियाजा सरकार को भुगतना पड़ेगा.

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कर्मचारियों ने कहा कि एनपीएस स्कीम न होकर ये नो पेंशन स्कीम है. इस स्कीम में कर्मचारी को कोई लाभ नहीं दिया गया है. पुरानी पेंशन पूर्णत्या सरकार के संरक्षण पर आधारित है जबकि नई पेंशन स्कीम निवेश कम्पनियों के जोखिम पर आधारित है. कर्मचारियों ने पूरानी पेंशन बहाली की मांग की है.

Intro:रिपोर्ट इन्द्रवेश दुहन भिवानी
दिनांक 13 जुलाई।
पेंशन बहाल संघर्ष समिति सदस्यों ने प्रदर्शन कर की भूख हड़ताल
सरकार पर लगाया वायदा खिलाफी का आरोप
सरकार जल्द से जल्द करे कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाल, नहीं तो विस चुनाव में भुगतना पड़ेगा खामियाजा
पेंशन बहाली संघर्ष समिति हरियाणा की भिवानी इकाई ने आज लघु सचिवालय के सामने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए भूख हड़ताल शुरू की है। जिसमें अनेक संगठनों के प्रतिनिधियों ने भी उनकी मांगों को लेकर समर्थन दिया।
Body:गौरतलब है की 2005 में केंद्र व् राज्य सरकार ने कर्मचारियों पर नई पेंशन स्कीम थोप दी,जिसका कर्मचारी को कोई लाभ नहीं है, इसलिए वे लगातार 2005 से अपनी मांगों को लेकर धरने प्रदर्शन करते आ रहे हैं पर सरकार ने इस बात पर कोई पर्तिकिर्या नहीं की है। यही नहीं कर्मचारियों ने कहा कि 20 तारीख वे सीएम से मिलेंगे यदि भूख हड़ताल व सीएम से मिलाने के बाद भी उनकी मांगों को नहीं माना गया तो प्रदेश भर में कर्मचारी विस् चुनाव में ताकत को मजबूत करेगा ,जिसका खमियाजा सरकार को भुगतना पड़ेगा।
Conclusion:कर्मचारी नेता राजेश कुमार ने कहा कि एनपीएस स्कीम न होकर यह नो पेंशन स्कीम है। इस स्कीम में कर्मचारी को कोई लाभ नहीं दिया गया है। पुरानी पेंशन पूर्णत्या सरकार के संरक्षण पर आधारित है जबकि नई पेंशन स्कीम निवेश कम्पनियों के जोखिम पर आधारित है। कर्मचारी नेता मनोज बल्लू बामला ने कहा कि पुरानी पेंशन सकीम में कर्मचारी को किसी प्रकार का अंशदान नहीं देना होगा जबकि नई पेंशन में 10 प्रतिशत अंशदान कर्मचारी को देना होगा और 10 प्रतिशत सरकार की तरफ से देना होता है जो कि शेयर मार्केट पर आधारित है। जिस समय कर्मचारी रिटायर्ड होगा शेयर मार्केट के उतार चढ़ाव के हालात को देखते हुए उनकों लाभ दिया जाएगा। जोकि सरासर गलत है। जिसे कर्मचारी किसी भी कीमत पर सहन नहीं करेंगे। कर्मचारियों के बुढ़ापे का एक ही सहारा है उसकी पेंशन बहाल की जाए। यदि पेंशन बहाल नहीं होती है तो प्रदेश का एक-एक पेंशनविहीन कर्मचारी सरकार का आने वाले चुनाव में सख्ता पलटने का कार्य करेगा।
Byte : राजेश कुमार & मनोज बल्लू कर्मचारी नेता
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