ETV Bharat / city

भिवानी में कपास पर सफेद मक्खी का प्रकोप, बारिश नहीं होने पर फसल खराब होने की संभावना

भिवानी में कपास की फसल में सफेद मक्खी लगने से किसानों की परेशानी बढ़ने लगी है. किसानों को चिंता है कि सफेद मक्खी कपास के टिंडे को बिल्कुल खत्म कर देगी. वहीं, इस मामले में भिवानी के कृषि उपनिदेशक डॉ. आत्माराम गोदारा ने किसानों को 13045 एनपीके खाद का हर 15 दिन में छिड़काव करने की सलाह दी है.

white fly in cotton crop in Bhiwani
भिवानी में कपास में सफेद मक्खी का प्रकोप
author img

By

Published : Sep 5, 2022, 8:34 AM IST

भिवानी: हरियाणा भिवानी जिले में कहीं-कहीं कपास की फसल में सफेद मक्खी का प्रकोप (white fly in cotton crop in Bhiwani) देखा गया है. जिसके चलते किसानों की चिंता बढ़ने लगी है. जिले के पालुवास गांव के किसानों ने सफेद मक्खी के कारण पसल खराब होने की आशंका जताई है. किसानों का कहना है कि इस बार बंपर फसल होने की संभावना है, लेकिन फसल के लिए पर्याप्त बारिश न होने के कारण कपास के फसल में मक्खी लगने से फसल खराब होने की संभावना है.

किसान सतबीर ने 5 एकड़ में कपास की फसल लगाई है, जिसमें अब सफेद मक्खी का प्रकोप है. उन्होंने कहा कि, मक्खी कपास के टिंडे को बिल्कुल खत्म कर देगी. वहीं, जिले के एक अन्य किसानों का कहना है कि इस बार कपास की पैदावार बहुत अच्छी है, साथ ही भाव भी बहुत अच्छे हैं. लेकिन सफेद मक्खी के कारण उनकी चिंता बढ़ने लगी है.

भिवानी में कपास में सफेद मक्खी का प्रकोप

क्या कहते हैं भिवानी के कृषि उपनिदेशक: वहीं, भिवानी के कृषि उपनिदेशक डॉ. आत्माराम गोदारा (Bhiwani Agriculture Deputy Director) ने कहा कि भिवानी जिले में इस बार बिट्टी कॉटन 2 लाख 22 हजार में बिजाई की गई है. पिछले साल की अपेक्षा इसकी बिजाई बढ़ी है, क्योंकि 14 हजार प्रति क्विंटल के भाव से बिका था. उन्होंने बताया कि जिले में 32 से 33 एकड़ में देसी कपास की बिजाई की गई. कृषि उपनिदेशक ने कहा कि देशी कपास की तरफ किसानों का रुझान बहुत कम था और विभाग की तरफ से स्कीम चलाई गई थी कि जो किसान बिट्टी कपास को छोड़कर देसी कपास की खेती करेगा, उसको 4 हजार प्रति एकड़ के हिसाब से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी.

डॉ. आत्माराम गोदारा ने बताया कि इस बार बिट्टी कॉटन की बंपर फसल (cotton cultivation in haryana) होगी. उन्होंने कहा कि फसल में फूल और टिंडा बनने का समय है. उन्होंने किसानों को सलाह दी है कि 13045 एनपीके खाद का हर 15 दिन में छिड़काव करें. उन्होंने कहा कि फसल में पीलापन होने की वजह से जिंक और यूरिया का स्प्रे करें. उन्हें बताया कि ढाई किलो यूरिया में 100 लीटर पानी के साथ आधा किलो जिंक मिलाकर छिड़का करें, जिससे टिंडा अच्छा होगा और फसल की पैदावार भी बढ़ेगी.

क्या है सफेद मक्खी: वैज्ञानिक भाषा में सफेद मक्खी पौधों से रस चूसने वाला एक कीट है. यह बहुभक्षी कीट है. इस सूक्ष्म कीट का आकार करीब आधा मिलीमीटर होता है और इसके पंख सफेद होते हैं. आर्थिक आधार का मतलब होता है एक पत्ते पर कीट की संख्या 9 या उससे कम होना. क्षेत्र में अभी यह रोग आर्थिक आधार की स्थिति में है. किसान कीटनाशक की मदद से रोग की रोकथाम कर सकते हैं.

भिवानी: हरियाणा भिवानी जिले में कहीं-कहीं कपास की फसल में सफेद मक्खी का प्रकोप (white fly in cotton crop in Bhiwani) देखा गया है. जिसके चलते किसानों की चिंता बढ़ने लगी है. जिले के पालुवास गांव के किसानों ने सफेद मक्खी के कारण पसल खराब होने की आशंका जताई है. किसानों का कहना है कि इस बार बंपर फसल होने की संभावना है, लेकिन फसल के लिए पर्याप्त बारिश न होने के कारण कपास के फसल में मक्खी लगने से फसल खराब होने की संभावना है.

किसान सतबीर ने 5 एकड़ में कपास की फसल लगाई है, जिसमें अब सफेद मक्खी का प्रकोप है. उन्होंने कहा कि, मक्खी कपास के टिंडे को बिल्कुल खत्म कर देगी. वहीं, जिले के एक अन्य किसानों का कहना है कि इस बार कपास की पैदावार बहुत अच्छी है, साथ ही भाव भी बहुत अच्छे हैं. लेकिन सफेद मक्खी के कारण उनकी चिंता बढ़ने लगी है.

भिवानी में कपास में सफेद मक्खी का प्रकोप

क्या कहते हैं भिवानी के कृषि उपनिदेशक: वहीं, भिवानी के कृषि उपनिदेशक डॉ. आत्माराम गोदारा (Bhiwani Agriculture Deputy Director) ने कहा कि भिवानी जिले में इस बार बिट्टी कॉटन 2 लाख 22 हजार में बिजाई की गई है. पिछले साल की अपेक्षा इसकी बिजाई बढ़ी है, क्योंकि 14 हजार प्रति क्विंटल के भाव से बिका था. उन्होंने बताया कि जिले में 32 से 33 एकड़ में देसी कपास की बिजाई की गई. कृषि उपनिदेशक ने कहा कि देशी कपास की तरफ किसानों का रुझान बहुत कम था और विभाग की तरफ से स्कीम चलाई गई थी कि जो किसान बिट्टी कपास को छोड़कर देसी कपास की खेती करेगा, उसको 4 हजार प्रति एकड़ के हिसाब से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी.

डॉ. आत्माराम गोदारा ने बताया कि इस बार बिट्टी कॉटन की बंपर फसल (cotton cultivation in haryana) होगी. उन्होंने कहा कि फसल में फूल और टिंडा बनने का समय है. उन्होंने किसानों को सलाह दी है कि 13045 एनपीके खाद का हर 15 दिन में छिड़काव करें. उन्होंने कहा कि फसल में पीलापन होने की वजह से जिंक और यूरिया का स्प्रे करें. उन्हें बताया कि ढाई किलो यूरिया में 100 लीटर पानी के साथ आधा किलो जिंक मिलाकर छिड़का करें, जिससे टिंडा अच्छा होगा और फसल की पैदावार भी बढ़ेगी.

क्या है सफेद मक्खी: वैज्ञानिक भाषा में सफेद मक्खी पौधों से रस चूसने वाला एक कीट है. यह बहुभक्षी कीट है. इस सूक्ष्म कीट का आकार करीब आधा मिलीमीटर होता है और इसके पंख सफेद होते हैं. आर्थिक आधार का मतलब होता है एक पत्ते पर कीट की संख्या 9 या उससे कम होना. क्षेत्र में अभी यह रोग आर्थिक आधार की स्थिति में है. किसान कीटनाशक की मदद से रोग की रोकथाम कर सकते हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.