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पशु चिकित्सकों ने सरकार से की कोरोना वॉरियर्स का दर्जा देने की मांग, सौंपा ज्ञापन - भिवानी जिला पशु चिकित्सक संघ खबर

जिला पशु चिकित्सक संघ ने सरकार से मांग की है कि उन्हें भी फ्रंट लाईन वॉरियर का दर्जा दिए जाए और बाकी कोरोना योद्धाओं की तरह बीमा सुविधा और कोरोना से निपटने के लिए पूरी किट उपलब्ध करवाई जाए.

Veterinarians demand Corona Warriors status
पशु चिकित्सकों ने सरकार से की कोरोना वॉरियर्स का दर्जा देने की मांग, सौंपा ज्ञापन
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Published : May 21, 2021, 10:56 PM IST

भिवानी: पशु चिकित्सकों की महत्ता पशुओं के साथ-साथ मनुष्यों को भी बीमारियों से बचाने की है, क्योंकि ज्यादातर रोग पशुओं के माध्यम से ही मनुष्यों को चपेट में लेते हैं. जिसके बावजूद भी पशु चिकित्सकों को फ्रंट लाईन वॉरियर का दर्जा नहीं मिला है.

इसी के चलते पशुपालन विभाग के पशु चिकित्सकों और अधीनस्थ स्टाफ को भी अंग्रिम पंक्ति में स्वास्थ्य कार्यकर्ता की तर्ज पर 50 लाख रूपये के कोविड बीमा सुविधा, स्टाफ और परिजनों की वरियता आधार पर कोविड टीकाकरण करने, फेस मास्क, ऑक्सीमीटर, पीपीई किट सहित अन्य संसाधन उपलब्ध करवाने की मांग को लेकर जिला पशु चिकित्सक संघ ने पशुपालन विभाग के उप निदेशक के माध्यम से महानिदेशक के नाम ज्ञापन सौंपा और अपनी मांगों को जल्द से जल्द पूरा किए जाने अपील की.

ये भी पढ़ें: अब हरियाणा के इस जिले में मिले ब्लैक फंगस के मरीज, प्रशासन हुआ अलर्ट

इस मौके पर जिला पशु चिकित्सक संघ के जिला प्रधान डॉ. सुरेश सांगवान, सचिव डॉ. अमित पुनिया व कोषाध्यक्ष डॉ. प्रदीप कुमार ने बताया कि ज्ञापन के माध्यम उन्होंने कहा कि पशुपालन विभाग में कार्यरत पशु चिकित्सक, वीएलडीए व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी पशु चिकित्सालयों में फ्रंट लाइन कोरोना वारियर बनकर पशुओं का उपचार कर रहे हैं.

कोरोना काल में पशु चिकित्सकों को प्रतिदिन ग्रामीणों के साथ संपर्क में रहना पड़ता है और उनके बीमार पशुओं के लिए कई बार पशु उपचार के लिए उनके घर भी जाना पड़ता है इसके अतिरिक्त जिले के कई पशु चिकित्सकों की ड्यूटी निजी कोविड अस्पतालों में नोडल अधिकारी के रूप में लगी हुई हैं और गांवों में स्थापित कोविड आईसोलेशन वार्ड में भी अपनी ड्यूटी दे रहे हैं.

ये भी पढ़ें: देश में 50 करोड़ वैक्सीन का उत्पादन होगा और अक्टूबर तक वैक्सीन की नहीं होगी कमी: राव इंद्रजीत सिंह

उन्होंने कहा कि इस दौरान पशु चिकित्सकों की कोविड संक्रमित होने की ज्यादा आशंका रहती है. यहां तक कि जिले के कई पशु चिकित्सक और उनके परिजन इस बीमारी से ग्रस्ति भी हो चुके है और एक पशु चिकित्सक के माता-पिता की मौत कोरोना संक्रमण के चलते हो चुकी है एवं दो अधीनस्थ स्टाफ कर्मचारियों की भी मृत्यु हो चुकी हैं और कई पशु चिकित्सक कोरोना संक्रमण की चपेट में आए हैं.

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उन्होंने विभाग के महानिदेशक से मांग की है कि उन्हें कोरोना वारियर्स की श्रेणी में शामिल किया जाए. कोरोना से बचाव के लिए पीपीई किट, मास्क, जीवन बीमा जैसी जरूरत की चीजे सरकार द्वारा उपलब्ध करवाई जाए.

भिवानी: पशु चिकित्सकों की महत्ता पशुओं के साथ-साथ मनुष्यों को भी बीमारियों से बचाने की है, क्योंकि ज्यादातर रोग पशुओं के माध्यम से ही मनुष्यों को चपेट में लेते हैं. जिसके बावजूद भी पशु चिकित्सकों को फ्रंट लाईन वॉरियर का दर्जा नहीं मिला है.

इसी के चलते पशुपालन विभाग के पशु चिकित्सकों और अधीनस्थ स्टाफ को भी अंग्रिम पंक्ति में स्वास्थ्य कार्यकर्ता की तर्ज पर 50 लाख रूपये के कोविड बीमा सुविधा, स्टाफ और परिजनों की वरियता आधार पर कोविड टीकाकरण करने, फेस मास्क, ऑक्सीमीटर, पीपीई किट सहित अन्य संसाधन उपलब्ध करवाने की मांग को लेकर जिला पशु चिकित्सक संघ ने पशुपालन विभाग के उप निदेशक के माध्यम से महानिदेशक के नाम ज्ञापन सौंपा और अपनी मांगों को जल्द से जल्द पूरा किए जाने अपील की.

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इस मौके पर जिला पशु चिकित्सक संघ के जिला प्रधान डॉ. सुरेश सांगवान, सचिव डॉ. अमित पुनिया व कोषाध्यक्ष डॉ. प्रदीप कुमार ने बताया कि ज्ञापन के माध्यम उन्होंने कहा कि पशुपालन विभाग में कार्यरत पशु चिकित्सक, वीएलडीए व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी पशु चिकित्सालयों में फ्रंट लाइन कोरोना वारियर बनकर पशुओं का उपचार कर रहे हैं.

कोरोना काल में पशु चिकित्सकों को प्रतिदिन ग्रामीणों के साथ संपर्क में रहना पड़ता है और उनके बीमार पशुओं के लिए कई बार पशु उपचार के लिए उनके घर भी जाना पड़ता है इसके अतिरिक्त जिले के कई पशु चिकित्सकों की ड्यूटी निजी कोविड अस्पतालों में नोडल अधिकारी के रूप में लगी हुई हैं और गांवों में स्थापित कोविड आईसोलेशन वार्ड में भी अपनी ड्यूटी दे रहे हैं.

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उन्होंने कहा कि इस दौरान पशु चिकित्सकों की कोविड संक्रमित होने की ज्यादा आशंका रहती है. यहां तक कि जिले के कई पशु चिकित्सक और उनके परिजन इस बीमारी से ग्रस्ति भी हो चुके है और एक पशु चिकित्सक के माता-पिता की मौत कोरोना संक्रमण के चलते हो चुकी है एवं दो अधीनस्थ स्टाफ कर्मचारियों की भी मृत्यु हो चुकी हैं और कई पशु चिकित्सक कोरोना संक्रमण की चपेट में आए हैं.

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उन्होंने विभाग के महानिदेशक से मांग की है कि उन्हें कोरोना वारियर्स की श्रेणी में शामिल किया जाए. कोरोना से बचाव के लिए पीपीई किट, मास्क, जीवन बीमा जैसी जरूरत की चीजे सरकार द्वारा उपलब्ध करवाई जाए.

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