भिवानी: अध्यापक संघ हरियाणा ने निकाले गए पीटीआई शिक्षकों ने समर्थन में बुधवार को भिवानी में प्रदर्शन कर शिक्षा मंत्री का पुतला फूंका. संघ ने मांग की है कि सरकार नौकरी ने निकाले गए पीटाआई शिक्षकों की जल्द भर्ती करे.
सभी अध्यापकों ने उपायुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भी भेजा. जिला प्रधान अजीत राठी ने कहा कि शिक्षा मंत्री एवं शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारी बार-बार पत्र लिखने के बावजूद अध्यापकों की समस्याओं पर बातचीत करने को तैयार नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकार कोरोना का आड़ में कर्मचारियों को नौकरी से निकाल रही है.
1983 हटाए गए पीटीआई और शिक्षकों के अन्य मुद्दों पर बातचीत के लिए समय नहीं देते. जिस कारण अध्यापकों ने सरकार के प्रति रोष है. शिक्षा विभाग से लगातार इस तरह के तुगलकी फरमान जारी किए जा रहे हैं. जिनके कारण अध्यापकों को अपनी जान से हाथ धोने पड़ रहे हैं. स्कूलों में बच्चे नहीं हैं. 10 जून को एक अस्पष्ट पत्र विभाग द्वारा जारी कर दिया जाता है. जिसका हर जिला शिक्षा अधिकारी अपने अपने स्तर पर उसका पालन करवा रहा है. स्कूलों में विद्यार्थी नहीं हैं. परिवहन व्यवस्था चल नहीं रही है.
उन्होंने कहा कि रैशनेलाइजेसन की कोई स्पष्ट नीति नहीं, लंबे समय से अध्यापकों की पदोन्नति अटकी हुई हैं, 2011 और 2017 में लगे अध्यापकों को स्थाई तौर पर जिले अलॉट करते हुए स्पष्ट स्थानांतरण नीति लागू की जाए. इन्हीं मांगों को लेकर अध्यापक संघ द्वारा बार-बार शिक्षा मंत्री और वित्तायुक्त एवं सचिव शिक्षा को समय देने के लिए पत्र लिखे गए हैं, लेकिन ना तो उच्च अधिकारी और ना ही शिक्षा मंत्री, शिक्षा के मुद्दों पर बैठ कर बात करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने उनकी मांगों की तरफ कोई संज्ञान नहीं लिया तो वे बड़ा आंदोलन करने पर मजबूर होंगे.
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