भिवानी: राष्ट्रीय ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर सभी कर्मचारी और मजदूर यूनियन संयुक्त रूप से 26 नवंबर को विरोध प्रदर्शन करेंगे. साथ ही 27 नवंबर को किसानों के साथ मिलकर दिल्ली का घेराव करेंगे. यूनियन नेता बलदेव सिंह घनघस ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने मजदूर, कर्मचारी और किसान के विरोध में कानून लाकर देश की जनता पर हमला बोला है.
बलदेव सिंह घनघस ने कहा कि सभी विभागों का निजीकरण किया जा रहा है. सरकार ने शिक्षा, स्वास्थ्य को बेच दिया है. उन्होंने कहा कि सरकार ने मेडिकल छात्रों की फीस 40 लाख रुपये करके गरीबों के बच्चों को डॉ. बनने से रोक दिया है. बलदेव सिंह घनघस ने कहा कि सरकार ने कृषि कानून लाकर किसान, मजदूर की कमर तोड़ने का काम किया है.
उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों को लूटने का लाईसेंस पूंजीपतियों को दे दिया है. वहीं एटक के जिला प्रधान ईश्वर शर्मा ने कहा कि सरकार ने केंद्र और प्रदेश की तमाम संसाधन जनता से छीनकर प्राइवेट कंपनियों के हवाले कर दिए हैं.
उन्होंने कहा कि जिसके चलते बेरोजगारी, महंगाई और भ्रष्टाचार बढ़ रहा है. ईश्वर शर्मा ने कहा कि सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ मजदूर,कर्मचारी और किसान आंदोलन के लिए मैदान में आए हैं.
उन्होंने कहा कि 26-27 नवंबर को पूरे देश में सरकार के विरूद्ध आंदोलन किया जाएगा. इस दौरान एटक के जिला प्रधान ईशवर शर्मा, सीटू के रत्न जिंदल, इंटक के रामौतार खोरड़ा, एआईयूटीयूसी के राज कुमार बासिया, सर्व कर्मचारी संघ के सूरजभान जटासरा, हरियाणा कर्मचारी महासंघ से ओमबीर हुडड़ा पार्क में मौजूद रहे.
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