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भिवानी: मजदूरों के लिए आई राहत भरी खबर, नहीं कटेगा वेतन

लॉकडाउन के दौरान गरीब और मजदूर के  लिए राहत भरी खबर सामने आई है. भिवानी जिलाधीश अजय कुमार ने बताया कि भारत सरकार के निर्देशानुसार कोविड-19 महामारी के चलते कोई भी उद्योग, दुकान, वाणिज्य और प्रतिष्ठान संचालक अपने संस्थान में काम करने वाले किसी भी मजदूर को काम से नहीं निकाल सकता है. और न ही उनका वेतन काट सकता है.अगर वो ऐसा करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

Lockdown: The wages of laborers working in industry, shop, commerce will not be deducted bhiwani
भिवानी:लॉकडाउन के दौरान गरीब और मजदूर के लिए आई राहत भरी खबर
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Published : Apr 2, 2020, 8:12 PM IST

भिवानी: देश और दुनिया में कोरोना वायरस लोगों के लिए यमराज बना हुआ. जो ऊंच नीच और बड़े – छोटे का भेद न करते हुए लोगों को मौत की नींद सुला रहा है. जिसके चलते लोगों में डर का माहौल बना हुआ है. वहीं इस महामारी को देश में फैलने से रोकने के लिए सरकार द्वारा 21 दिनों तक लॉकडाउन करने का फैसला लोगों के लिए जी जंजाल बना हुआ है. गरीब और मजदूर रोजी – रोटी के लिए मौहताज हो रहें है. लॉकडाउन के दौरान गरीब और मजदूर को एक तरफ कुआं है तो दूसरी तरफ खाई दिखाई दे रही है.

वहीं इस संकट की घड़ी में गरीब और मजदूर के लिए एक राहत भरी खबर सामने आई है. भिवानी जिलाधीश अजय कुमार ने बताया कि भारत सरकार के निर्देशानुसार कोविड-19 महामारी के चलते कोई भी उद्योग, दुकान, वाणिज्य और प्रतिष्ठान संचालक अपने संस्थान में काम करने वाले किसी भी मजदूर को काम से नहीं निकाल सकता है. और न ही उनका वेतन काट सकता है.

जिलाधीश अजय कुमार ने बताया कि अगर कोई इन आदेशों की अवेहलना करता पाया जाता है तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी. जिलाधीश ने बताया कि भारत सरकार के आदेशानुसार प्रतिष्ठानों में काम करने वाले लोगों को लॉकडाउन के दौरान वेतन देने की जिम्मेदारी उद्योग संचालकों की है. साथ ही उन्होंने मकान मालिक को भी हिदायद देते हुए कहा वो प्रतिष्ठानों में काम करने वाले लोगों को लॉकडाउन को दौरान मकान से नहीं निकाल सकते हैं. साथ ही इन लोगों से एक माह का किराया भी नहीं लिया जाएगा.

जिलाधीश ने बताया कि सरकार के आदेश अनुशार कोई भी प्रतिष्ठान और उद्योग संचालक अपने श्रमिकों को इस संकट की गड़ी में काम से नहीं निकाल सकता है. लॉकडाउन के दौरान भी उनके कर्मचारी ड्यूटी पर ही माने जाएंगे. जिलाधीश ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 में निहित प्रावधानों के अंतगर्त प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए आदेश दिए हैं कि जिला में किसी भी श्रमिक और कर्मचारी जो जिला की विभिन्न ईकाईयों, उद्योगों,कार्यालयों में कार्यरत हैं. लॉकडाउन के दौरान उन्हें पूरा वेतन दिया जाएगा और श्रमिकों को नौकरी से नहीं निकाला जाएगा.

ये भी पढ़िए: हरियाणा डेंटल मैकेनिकल एसोसिएशन ने की एक दिन का वेतन देने की घोषणा

जिलाधीश ने बताया कि आदेशों की उल्लंघन करने वालों के खिलाफ राष्ट्रीय आपदा अधिनियम 2005 की धारा 51 के तहत कार्रवाई की जाएगी. जिसमें एक साल की सजा और जुर्माना दोनों का प्रावधान है. यदि किसी को जानमाल की हानि होती है तो दो वर्ष की सजा का भी प्रावधान है. जिलाधीश ने बताया कि प्रशासन द्वारा इस संबंध में सूचना के लिए कंट्रोल रूम बनाएं गए हैं. जिलाधीश ने बताया कि अगर कोई प्रतिष्ठान और उद्योग संचालक आदेशों अवेहला करता है तो आप इन नंबरों पर जानकारी दे सकतें हैं. 1077, 01664-242893, 9817887242. आदेशों की अवेहलना करने वालों के खिलाफ प्रशासन द्वारा तुरंत कार्रवाई की जाएगी.

भिवानी: देश और दुनिया में कोरोना वायरस लोगों के लिए यमराज बना हुआ. जो ऊंच नीच और बड़े – छोटे का भेद न करते हुए लोगों को मौत की नींद सुला रहा है. जिसके चलते लोगों में डर का माहौल बना हुआ है. वहीं इस महामारी को देश में फैलने से रोकने के लिए सरकार द्वारा 21 दिनों तक लॉकडाउन करने का फैसला लोगों के लिए जी जंजाल बना हुआ है. गरीब और मजदूर रोजी – रोटी के लिए मौहताज हो रहें है. लॉकडाउन के दौरान गरीब और मजदूर को एक तरफ कुआं है तो दूसरी तरफ खाई दिखाई दे रही है.

वहीं इस संकट की घड़ी में गरीब और मजदूर के लिए एक राहत भरी खबर सामने आई है. भिवानी जिलाधीश अजय कुमार ने बताया कि भारत सरकार के निर्देशानुसार कोविड-19 महामारी के चलते कोई भी उद्योग, दुकान, वाणिज्य और प्रतिष्ठान संचालक अपने संस्थान में काम करने वाले किसी भी मजदूर को काम से नहीं निकाल सकता है. और न ही उनका वेतन काट सकता है.

जिलाधीश अजय कुमार ने बताया कि अगर कोई इन आदेशों की अवेहलना करता पाया जाता है तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी. जिलाधीश ने बताया कि भारत सरकार के आदेशानुसार प्रतिष्ठानों में काम करने वाले लोगों को लॉकडाउन के दौरान वेतन देने की जिम्मेदारी उद्योग संचालकों की है. साथ ही उन्होंने मकान मालिक को भी हिदायद देते हुए कहा वो प्रतिष्ठानों में काम करने वाले लोगों को लॉकडाउन को दौरान मकान से नहीं निकाल सकते हैं. साथ ही इन लोगों से एक माह का किराया भी नहीं लिया जाएगा.

जिलाधीश ने बताया कि सरकार के आदेश अनुशार कोई भी प्रतिष्ठान और उद्योग संचालक अपने श्रमिकों को इस संकट की गड़ी में काम से नहीं निकाल सकता है. लॉकडाउन के दौरान भी उनके कर्मचारी ड्यूटी पर ही माने जाएंगे. जिलाधीश ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 में निहित प्रावधानों के अंतगर्त प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए आदेश दिए हैं कि जिला में किसी भी श्रमिक और कर्मचारी जो जिला की विभिन्न ईकाईयों, उद्योगों,कार्यालयों में कार्यरत हैं. लॉकडाउन के दौरान उन्हें पूरा वेतन दिया जाएगा और श्रमिकों को नौकरी से नहीं निकाला जाएगा.

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जिलाधीश ने बताया कि आदेशों की उल्लंघन करने वालों के खिलाफ राष्ट्रीय आपदा अधिनियम 2005 की धारा 51 के तहत कार्रवाई की जाएगी. जिसमें एक साल की सजा और जुर्माना दोनों का प्रावधान है. यदि किसी को जानमाल की हानि होती है तो दो वर्ष की सजा का भी प्रावधान है. जिलाधीश ने बताया कि प्रशासन द्वारा इस संबंध में सूचना के लिए कंट्रोल रूम बनाएं गए हैं. जिलाधीश ने बताया कि अगर कोई प्रतिष्ठान और उद्योग संचालक आदेशों अवेहला करता है तो आप इन नंबरों पर जानकारी दे सकतें हैं. 1077, 01664-242893, 9817887242. आदेशों की अवेहलना करने वालों के खिलाफ प्रशासन द्वारा तुरंत कार्रवाई की जाएगी.

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