भिवानी: प्राइवेट स्कूल से सरकारी स्कूल में दाखिला लेने के इच्छुक छात्र-छात्रों को बड़ी राहत देते हुए हरियाणा शिक्षा विभाग की ओर से आदेश जारी किया गया कि जिन छात्रों के पास एसएलसी (स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट) नहीं है और जो प्राइवेट से सरकारी स्कूल में आना चाहते हैं उन्हें बिना एसएलसी के ही दाखिला दे दिया जाएगा.
इस फैसले पर फेडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूल्ज ऑफ हरियाणा के महासचिव राम अवतार शर्मा ने कहा कि ऐसा लग रहा है कि हरियाणा शिक्षा विभाग प्राइवेट स्कूलों को खत्म करने पर आमदा है. प्राइवेट स्कूल सरकार से राहत की उम्मीद लगा रहे थे, लेकिन सरकार हमारे स्कूलों को बंद करने पर तुली हुई है और ऐसे निर्णय ले रही है जिनसे प्राइवेट स्कूल अपने आप ही खत्म हो जाएंगे.
शर्मा ने इस लेटर की कड़ी निंदा करते हुए इसे तुरंत वापस लेने की मांग की. उन्होंने कहा कि यदि सरकार इसे वापस नहीं लेती है तो प्राइवेट स्कूल आंदोलन करने पर मजबूर होंगे. उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकरियों को चेतवानी दी कि प्राइवेट स्कूलों को तबाह कर अपने घर को आबाद करने की कोशिश न करें.
क्या है मामला ?
हरियाणा शिक्षा विभाग की ओर से आदेश जारी किया गया है कि जिन छात्रों के पास एसएलसी (स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट) नहीं है और जो प्राइवेट से सरकारी स्कूल में आना चाहते हैं उन्हें बिना एसएलसी के ही दाखिला दे दिया जाएगा.
प्रदेश में ऐसे बहुत से छात्र हैं जो सरकारी स्कूल में दाखिला लेना चाहते हैं, लेकिन लॉकडाउन होने की वजह से उन्हें पिछले स्कूल से एसएलसी नहीं मिल पा रहा था. ऐसे में बच्चे सरकारी स्कूलों में ऑनलाइन दाखिला नहीं ले पा रहे थे. जिसके बाद हरियाणा शिक्षा विभाग की ओर से ये फैसला लिया गया है, ताकि लॉकडाउन की वजह के किसी छात्र का भविष्य अधर में ना लटके. इस फैसले की फेडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूल्ज ऑफ हरियाणा ने निंदी की है.
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