भिवानी: गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में किसान ट्रैक्टर परेड में हिंसा के बाद एक तरफ जहां किसान आंदोलन खत्म होता नजर आ रहा था, तो वहीं राकेश टिकैत के आंसुओं ने किसान आंदोलन को फिर से गति देने का काम किया है. जिसके चलते भिवानी के दो दर्जन से अधिक गांवों के किसान रात को ही ट्रैक्टर लेकर दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर के लिए टिकैत को समर्थन देने के लिए कूच कर गए.
वहीं दिन में भिवानी के गांव धनाना व मिताथल में जाटु खाप द्वारा महापंचायत का आयोजन किया गया, जिसमें किसानों ने सामूहिक रूप से शपथ ली कि वे बगैर हिंसा किए दिल्ली से तब तक नहीं लौटेंगे, तब तक की तीनों कृषि कानून वापस नहीं ले लिए जाते और न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी नहीं दी जाती.
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खाप से जुड़े गांवों को दिल्ली की तरफ कूच करने का आदेश भी खाप प्रधान सूबेदार राजमल द्वारा दिया गया. किसान नेता ने कहा कि जो किसान पिछले काफी समय से दिल्ली में डटे हुए थे, वे अपने गांव में कपड़े व राशन लेने के लिए वापस आए थे. सरकार सजिशन इस आंदोलन को खत्म करने का प्रचार कर रही थी, जो कि गलत है. अब किसान स्थायी रूप से दिल्ली के लिए कूच कर रहे हैं.
किसान नेताओं ने कहा कि उनके आंदोलन से अब पुलिस व मीडिया दूर रहे. क्योंकि वे निष्पक्ष रूप से काम नहीं कर रहे और सच्चाई को दिखाने से परहेज कर रहे हैं. इसी के चलते उन्हें शपथ लेकर दिल्ली की तरफ कूच करना पड़ रहा है. भिवानी जिले के गांव धनाना से 20 ट्रैक्टर-ट्र्रॉली व 10 गाड़ियां और गांव मिताथल से 50 के लगभग ट्रैक्टर दिल्ली की तरफ रवाना हुए.
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