भिवानी: हरियाणा प्रदेश में बेहतर शैक्षणिक माहौल तैयार करने के उद्देश्य से शिक्षा विभाग हरियाणा ने 8वीं कक्षा की परीक्षाएं हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के माध्यम से संचालित करवाने का निर्णय लिया है. वर्ष 2009 तक हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड 8वीं की परीक्षाएं लेता था, लेकिन राइट टू एजुकेशन एक्ट के चलते शिक्षा बोर्ड ने 8वीं की बोर्ड परीक्षाएं बंद कर दी थी.
8वीं बोर्ड में फेल होने पर भी 9वीं में दिया जाएगा प्रवेश
पिछले तीन सालों से शिक्षा बोर्ड शिक्षा विभाग को 8वीं कक्षा की परीक्षाएं लेने के लिए पत्र लिख रहा था, जिस पर कार्रवाई करते हुए हरियाणा सरकार व शिक्षा विभाग ने 8वीं कक्षा में बोर्ड की परीक्षाएं लेने का निर्णय ले लिया है. हालांकि इस निर्णय में ये साफ कहा गया है कि राइट टू एजुकेशन के तहत भले ही 8वीं कक्षा में बच्चे फेल हों, लेकिन उन्हें फेल न करके 9वीं कक्षा में प्रवेश दे दिया जाएगा.
हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन डॉ. जगबीर सिंह ने सरकार के इस निर्णय के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि सरकार द्वारा शिक्षा बोर्ड को 8वीं कक्षा में बोर्ड लागू करने का पत्र मिल चुका है. वर्ष 2021 के मार्च-अप्रैल में होने वाली 10वीं व 12वीं की परीक्षाओं के साथ ही 8वीं की भी बोर्ड की परीक्षाएं इसी सत्र से संचालित करवाई जाएंगी. उन्होंने कहा कि पहले जो बच्चे सातवीं कक्षा तक बगैर पढ़ें 8वीं कक्षा में दाखिल हो जाते थे, वे अब 8वीं कक्षा का मूल्यांकन बोर्ड द्वारा किए जाने के चलते अधिक मेहनत करेंगे, जिसके चलते 9वीं व 10वीं कक्षाओं का शैक्षणिक माहौल सुधरेगा.
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उन्होंने ये भी स्पष्ट किया कि राइट टू एजुकेशन के तहत 8वीं कक्षा की परीक्षा बोर्ड द्वारा लिए जाने के बाद भी बच्चों को सभी विषयों में फेल होने पर भी फेल न करके 9वीं कक्षा में प्रवेश दे दिया जाएगा और इन 8वीं बोर्ड में फेल विद्यार्थियों को एक वर्ष के दौरान पास होने के लिए दो अवसर दिए जाएंगे. गौरतलब है कि भले ही 8वीं कक्षा की परीक्षाओं का मूल्यांकन व संचालन हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड करेगा, लेकिन इन परीक्षाओं को देने वाले बच्चों को कतई घबराने की जरूरत नहीं, क्योंकि नियमों के अनुसार इन बच्चों को फेल होने के बाद भी अगली कक्षा में प्रवेश मिल जाएगा.