भिवानी: पश्चिम बंगाल के चुनाव व नतीजों के बाद वहां हो रही घटनाओं की आंच पूरे देश में फैल रही है. इसके विरोध में भाजपा ने पूरे देश में जिला स्तर पर विरोध प्रदर्शन कर ममता पर गुंडागर्दी करने का आरोप लगाए और वहां राष्ट्रपति शासन लागू करवाकर जांच की मांग की. हालांकि इस दौरान कोरोना व लॉकडाउन के नियमों की सरेआम उलंघना देखने को मिला.
धरने पर बैठे भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की संख्या भले ही कम है, पर कोरोना महामारी व लॉकडाउन की सरेआम उल्लंघना इन नेताओं द्वारा की गई. ये नेता एक तरफ तो पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र ना होने की दुहाई देकर विरोध कर रहे हैं, लेकिन इस विरोध में खुद कोरोना व लॉकडाउन की उल्लंघना कर रहे हैं. यानि कि जिस चीज का विरोध कर रहे हैं, उसका खुद पालन नहीं कर रहे हैं. ये धरना बिना प्रशासन की अनुमति के दिया गया. इनका कहना है कि अनुमति मांगी थी, पर मिली नहीं.
भाजपा के जिला प्रधान शंकर धूपड़, युवा मामलों के चेयरमैन मुकेश गौड़ व प्रदेश उपाध्यक्ष ठा. विक्रम सिंह ने कहा कि ममता ने पहले ही इशारा कर दिया था कि सेना जाने के बाद खेल होगा. उन्होंने कहा कि जीत के बाद रंग गुलाल उड़ाया जाता है, पर ममता के समर्थक भाजपा कार्यकर्ता खून से खेल रहे हैं. महिलाओं का दुष्कर्म कर रहे हैं. ऐसे में वहां केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रपति शासन लागू किया जाए और पूरे मामले की जांच करवाए जाए.
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एक तरफ देश कोरोना महामारी से जूझ रहा है और लॉकडाउन के चलते लोग घरों में दुबके बैठे हैं. वहीं दूसरी तरफ भाजपा नेता बिना किसी अनुमति के ना केवल कोरोना, बल्कि लॉकडाउन के नियमों तथा प्रशासन को ठेंगा दिखाते हुए पश्चिम बंगाल का मामला उठा रहे हैं. अच्छा हो कि ये नेता इस महामारी में घर रहकर जरूरतमंदों की यथासंभव मदद करें, क्योंकि सियासत के लिए तो पूरी उम्र पड़ी है.