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भिवानी: लॉकडाउन के दौरान गरीबों की सहायता के लिए आगे आ रही सामाजिक संस्थाएं

लॉकडाउन के दौरान गरीब लोगों की सहायता के लिए सामाजिक संस्थाएं आगे आ रही हैं. वहीं भिवानी में भी जिला परिषद के पूर्व अध्यक्ष राजबीर फरटिया ने लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों और असहाय लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था जारी रखने का निर्णय लिया है.

Bhiwani Social institutions are distributing food to poor people during Lockdown
Bhiwani Social institutions are distributing food to poor people during Lockdown
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Published : Apr 8, 2020, 3:00 PM IST

भिवानी: लॉकडाउन के दौरान आमजन के सामने रोटी- रोजी का संकट पैदा हो गया है. रोज कमाने खाने वाले लोगों को भोजन के लिए मशक्कत करनी पड़ रही है. वहीं इस आपदा के दौर में गरीब और असहाय लोगों की सहायता के लिए सामाजिक और धार्मिक संस्थाएं आगे आ रहीं हैं.सामाजिक और धार्मिक संस्थाओं द्वारा गरीब लोगों को भोजन दिया जा रहा है.

वहीं भिवानी में जिला परिषद के पूर्व अध्यक्ष राजबीर फरटिया गरीब लोगों की सहायता के लिए आगे आए हैं. बताया जा रहा है कि राजबीर फरटिया ने लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों और असहाय लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था जारी रखने का निर्णय लिया है. साथ ही गरीब लोगों को राशन भी बांटा जा रहा है.राजबीर फरटिया ने कहा कि इस आपदा संकट की घड़ी में हम सभी का दायित्व बनता है कि हम सब मिलकर जरूरतमंदों की सहायता करें.

कोरोना महामारी के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए पूरे देश में 21 दिनो के लिए लॉकडाउन किया गया है. लॉकडाउन के दौरान गरीब लोगों को हो रही परेशानी को देखते हुए.लोहारू में कई सामाजिक संगठन इन दिनों जरूरतमंदों को राशन सामग्री और भोजन के पैकेट उपलब्ध करवा रही हैं. लोहारू में पूर्व चेयरमैन राजबीर सिंह फरटिया के अलावा सेनानी ग्रुप के सदस्य और व्यापार मंडल की टीम जरूरतमंदों को राशन के साथ - साथ भोजन के पैकेट भी बांट रहीं हैं.

पूर्व जिला परिषद चेयरमैन राजबीर फरटिया ने बताया कि लोहारू, बहल और सिवानी में भोजन और राशन बांटा जा रहा है. उन्होंने कहा कि पूरे हल्के में जरूरतमंद लोगों को राशन और भोजन पहुंचाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि अगर लॉकडाउन की अवधि बढ़ती भी है तो उनका राशन वितरण का कार्य जारी रहेगा. उन्होंने बताया कि प्रतिदिन लोहारू में करीब दो हजार से अधिक लोगों तक भोजन पहुंचाया जा रहा है.

ये भी पढ़ेंः लॉकडाउनः इन दो बड़ी कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को अधर में छोड़ा, पानी पीकर काट रहे वक्त

कोरोना के कहर के चलते पूरे देश में 21 दिनों के लिए लॉकडाउन की गया. लॉकडाउन के दौरान लोगों की रोटी रोजी के साधन बंद हो गए हैं. जिसके चलते गरीब लोगों के घर का चूल्हा जलना बंद हो गया है. लोगों को हो रही परेशानी को देखते हुए सामाजिक संस्थाएं सहायता के लिए आगे आ रहीं हैं. प्रदेशभर में सामाजिक संस्थाओं द्वारा भोजन वितरित किया जा रहा है. आपदा के दौर में गरीब लोगों की सहायता कर सामाजिक संस्थाएं मानवता की मिशाल पेश कर रहीं हैं.

भिवानी: लॉकडाउन के दौरान आमजन के सामने रोटी- रोजी का संकट पैदा हो गया है. रोज कमाने खाने वाले लोगों को भोजन के लिए मशक्कत करनी पड़ रही है. वहीं इस आपदा के दौर में गरीब और असहाय लोगों की सहायता के लिए सामाजिक और धार्मिक संस्थाएं आगे आ रहीं हैं.सामाजिक और धार्मिक संस्थाओं द्वारा गरीब लोगों को भोजन दिया जा रहा है.

वहीं भिवानी में जिला परिषद के पूर्व अध्यक्ष राजबीर फरटिया गरीब लोगों की सहायता के लिए आगे आए हैं. बताया जा रहा है कि राजबीर फरटिया ने लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों और असहाय लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था जारी रखने का निर्णय लिया है. साथ ही गरीब लोगों को राशन भी बांटा जा रहा है.राजबीर फरटिया ने कहा कि इस आपदा संकट की घड़ी में हम सभी का दायित्व बनता है कि हम सब मिलकर जरूरतमंदों की सहायता करें.

कोरोना महामारी के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए पूरे देश में 21 दिनो के लिए लॉकडाउन किया गया है. लॉकडाउन के दौरान गरीब लोगों को हो रही परेशानी को देखते हुए.लोहारू में कई सामाजिक संगठन इन दिनों जरूरतमंदों को राशन सामग्री और भोजन के पैकेट उपलब्ध करवा रही हैं. लोहारू में पूर्व चेयरमैन राजबीर सिंह फरटिया के अलावा सेनानी ग्रुप के सदस्य और व्यापार मंडल की टीम जरूरतमंदों को राशन के साथ - साथ भोजन के पैकेट भी बांट रहीं हैं.

पूर्व जिला परिषद चेयरमैन राजबीर फरटिया ने बताया कि लोहारू, बहल और सिवानी में भोजन और राशन बांटा जा रहा है. उन्होंने कहा कि पूरे हल्के में जरूरतमंद लोगों को राशन और भोजन पहुंचाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि अगर लॉकडाउन की अवधि बढ़ती भी है तो उनका राशन वितरण का कार्य जारी रहेगा. उन्होंने बताया कि प्रतिदिन लोहारू में करीब दो हजार से अधिक लोगों तक भोजन पहुंचाया जा रहा है.

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कोरोना के कहर के चलते पूरे देश में 21 दिनों के लिए लॉकडाउन की गया. लॉकडाउन के दौरान लोगों की रोटी रोजी के साधन बंद हो गए हैं. जिसके चलते गरीब लोगों के घर का चूल्हा जलना बंद हो गया है. लोगों को हो रही परेशानी को देखते हुए सामाजिक संस्थाएं सहायता के लिए आगे आ रहीं हैं. प्रदेशभर में सामाजिक संस्थाओं द्वारा भोजन वितरित किया जा रहा है. आपदा के दौर में गरीब लोगों की सहायता कर सामाजिक संस्थाएं मानवता की मिशाल पेश कर रहीं हैं.

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