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'टाइगर जिंदा है' गैंग देता था ट्रांसपोर्टरों को आरटीए की जानकारी

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Published : Sep 12, 2020, 10:44 PM IST

अंबाला की एडीसी ने आरटीए विभाग के साथ मिलकर एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया, जिसका नाम 'टाइगर जिंदा है'. जो हरियाणा में तैनात आरटीओ की रेकी करता था.

tiger zinda hai racket eight members  arrested in ambala
tiger zinda hai racket eight members arrested in ambala

अंबाला: एडीसी ने आरटीए विभाग के साथ मिलकर एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया, जिसका नाम 'टाइगर जिंदा है'. इस गिरोह के सदस्य आरटीए विभाग की छापामारी की सूचना ट्रांसपोर्टरों को दिया करते थे. जिस कारण सरकार को काफी नुकसान हो रहा था.

जानकारी में सामने आया है कि ये एक बहुत ही बड़ा गिरोह है, जो हरियाणा में तैनात आरटीओ की रेकी करता है और ट्रांसपोर्टरों को उनकी गतिविधियों के बारे में जानकारी देता है. इसके बदले में वो इन ट्रांसपोर्टरों से हर महीने पैसे भी लेते थे.

'टाइगर जिंदा है' देता था ट्रांसपोर्टरों को आरटीए की जानकारी, देखें वीडियो

ऐसे हुआ खुलासा

3 दिन पहले नारायणगढ़ में एडीसी एवं आरटीए अंबाला की गाड़ी को एक गाड़ी ने टक्कर मारी थी. मामले को ज्यादा गंभीरता से ना लेते हुए एडीसी ने उसी टाइम पुलिस को इसकी सूचना दी और पुलिस ने गाड़ी चालकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया. लेकिन एडीसी अंबाला को ये मामला कुछ और ही लगा.

उन्होंने जब अपने स्टाफ से बात की तो उन्हें पता लगा कि ये गाड़ी उनका अंबाला कैंट से पीछा कर रही थी. उन्होंने पुलिस को साथ में न लेते हुए अपनी ही टीम के साथ इस मामले की जांच शुरू कर दी और जब जांच की परतें खुलना शुरू हुई तो एडीसी मैडम भी दंग रह गईं.

उन्होंने पाया कि ये एक पूरा गिरोह है जो पिछले कई वर्षों से अंबाला में तैनात आरटीओ की गाड़ी की रेकी करते है और ट्रांसपोर्टरों को उनकी लोकेशन की जानकारी देता है, जिससे ये ट्रांसपोर्टर अपनी गाड़ियां खड़ी कर लेते हैं और चालान से बच जाते हैं.

व्हाट्सएप ग्रुप बनाया

उन्हें पता लगा कि ये गिरोह पिछले कई सालों से आरटीए की रेकी कर रहा था और इन्होंने व्हाट्सएप पर कई ग्रुप बना रखे थे, जिसमें गिरोह के सरगना ने अपना एक ग्रुप 'टाइगर जिंदा है' के नाम से बना रखा था और उसमें शहर के जाने-माने ट्रांसपोर्ट भी जुड़े हुए थे. इन्हीं व्हाट्सएप ग्रुपों में गिरोह का सरगना आरटीओ के नाका की जानकारी देता था और इन ट्रांसपोर्टरों से हर महीने पैसे वसूलता था.

इस बारे अंबाला की एडीसी ने बताया कि अभी तक हम इस मामले में 8 लोगों को गिरफ्तार कर चुके हैं और इन लोगों से कई फोन बरामद हुए हैं. इन मोबाइल फोन में कोई व्हाट्सएप ग्रुप बनाएं गए हुए थे और उन व्हाट्सएप ग्रुपों में हमारी लोकेशन लोकल ट्रांसपोर्टरों को शेयर की जाती थी.

ये भी पढ़ें- लाठीचार्ज में घायल हुए किसान से मिले बलराज कुंडू, बोले- लहू की हर बूंद का हिसाब होगा

अंबाला: एडीसी ने आरटीए विभाग के साथ मिलकर एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया, जिसका नाम 'टाइगर जिंदा है'. इस गिरोह के सदस्य आरटीए विभाग की छापामारी की सूचना ट्रांसपोर्टरों को दिया करते थे. जिस कारण सरकार को काफी नुकसान हो रहा था.

जानकारी में सामने आया है कि ये एक बहुत ही बड़ा गिरोह है, जो हरियाणा में तैनात आरटीओ की रेकी करता है और ट्रांसपोर्टरों को उनकी गतिविधियों के बारे में जानकारी देता है. इसके बदले में वो इन ट्रांसपोर्टरों से हर महीने पैसे भी लेते थे.

'टाइगर जिंदा है' देता था ट्रांसपोर्टरों को आरटीए की जानकारी, देखें वीडियो

ऐसे हुआ खुलासा

3 दिन पहले नारायणगढ़ में एडीसी एवं आरटीए अंबाला की गाड़ी को एक गाड़ी ने टक्कर मारी थी. मामले को ज्यादा गंभीरता से ना लेते हुए एडीसी ने उसी टाइम पुलिस को इसकी सूचना दी और पुलिस ने गाड़ी चालकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया. लेकिन एडीसी अंबाला को ये मामला कुछ और ही लगा.

उन्होंने जब अपने स्टाफ से बात की तो उन्हें पता लगा कि ये गाड़ी उनका अंबाला कैंट से पीछा कर रही थी. उन्होंने पुलिस को साथ में न लेते हुए अपनी ही टीम के साथ इस मामले की जांच शुरू कर दी और जब जांच की परतें खुलना शुरू हुई तो एडीसी मैडम भी दंग रह गईं.

उन्होंने पाया कि ये एक पूरा गिरोह है जो पिछले कई वर्षों से अंबाला में तैनात आरटीओ की गाड़ी की रेकी करते है और ट्रांसपोर्टरों को उनकी लोकेशन की जानकारी देता है, जिससे ये ट्रांसपोर्टर अपनी गाड़ियां खड़ी कर लेते हैं और चालान से बच जाते हैं.

व्हाट्सएप ग्रुप बनाया

उन्हें पता लगा कि ये गिरोह पिछले कई सालों से आरटीए की रेकी कर रहा था और इन्होंने व्हाट्सएप पर कई ग्रुप बना रखे थे, जिसमें गिरोह के सरगना ने अपना एक ग्रुप 'टाइगर जिंदा है' के नाम से बना रखा था और उसमें शहर के जाने-माने ट्रांसपोर्ट भी जुड़े हुए थे. इन्हीं व्हाट्सएप ग्रुपों में गिरोह का सरगना आरटीओ के नाका की जानकारी देता था और इन ट्रांसपोर्टरों से हर महीने पैसे वसूलता था.

इस बारे अंबाला की एडीसी ने बताया कि अभी तक हम इस मामले में 8 लोगों को गिरफ्तार कर चुके हैं और इन लोगों से कई फोन बरामद हुए हैं. इन मोबाइल फोन में कोई व्हाट्सएप ग्रुप बनाएं गए हुए थे और उन व्हाट्सएप ग्रुपों में हमारी लोकेशन लोकल ट्रांसपोर्टरों को शेयर की जाती थी.

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