अंबाला: हरियाणा सरकार में मंत्री अनिल विज अंबाला कैंट से विधायक हैं. भले ही इलाके के विधायक राज्य सरकार में मंत्री हों और अपने हल्के में बहुत सी परियोजनाएं जैसे रीजनल साइंस म्यूजियम, शहीदी स्मारक या फिर कैंसर केयर अस्पताल भी लेकर आए हों लेकिन जमीनी स्तर पर अंबालावासियों ने उन्हें 5 वर्षों के कार्यकाल के दौरान हुए विकास के कार्यों को लेकर 10 में से सिर्फ दो 4 या फिर 5 ही अंक दिए हैं.
गंदगी से ज्यादा परेशान हैं लोग
अंबाला कैंट के विकास कार्यों को लेकर जब हमारी टीम जुलाह बस्ती पहुंची जो कि विधायक अनिल विज के निवास स्थान से मात्र 500 मीटर की दूरी पर है तो वहां के निवासियों ने कहा कि वह कई बार विधायक और उनके नुमाइंदों के पास अपनी मांगों को लेकर गए लेकिन किसी ने भी उनकी सुध नहीं ली.
उन्होंने कहा कि उनके इलाके में गंदगी का ढ़ेर लगा हुआ है, पानी की निकासी का कोई बंदोबस्त नहीं है. इसके अलावा कई घरों में शौचालय तक नहीं बने हैं लेकिन विधायक सिवाय आश्वासन के उन्हें आज तक किसी भी समस्या से निजात नहीं दिला पाए. जुलाह बस्ती के निवासियों ने अनिल विज को विकास कार्यों को लेकर मात्र 2 अंक दिए.
'गलियों के निर्माण में हुआ घटिया सामग्री का इस्तेमाल'
वहीं गांव शाहपुर के निवासियों ने बताया कि यहां पर सिर्फ अमीरों और जमींदारों के ही काम होते हैं बाकी तबके के लोगों के काम नहीं होते. यहां पर स्ट्रीट लाइटें तो लगी हैं व गलियों के निर्माण कार्य भी चल रहे हैं लेकिन यह कार्य पिछले 3 वर्षों से ज्यों के त्यों ही चले आ रहे हैं और हमारे हालात जैसे पहले थे वैसे ही आज भी बने हुए हैं उनमें कोई बदलाव नहीं आया.
हालांकि उन्होंने कहा की विव ने अपने कार्यकाल के दौरान गांव में गलियां बनाने का काम जरूर किया है लेकिन यह समय पर पूरा नहीं हो रहा है और ना ही गलियों के निर्माण में लगाए जाने वाला मेटेरियल उच्च स्तर का है. शाहपुर वासियों से अपने विधायक को 10 में से पिछले 5 वर्ष के दौरान हुए विकास के कार्यों को लेकर अंक देने के बारे में पूछा तो लोगों ने उन्हें 2 से 5 अंक दिए.
एक तरफ राज्य सरकार अपने कार्यकाल के दौरान कई विकास कार्य करवाने के दावे कर रही है तो वहीं अंबाला कैंट विधानसभा क्षेत्र में लोगों को मूलभूत सुविधाओं के लिए भी तरसना पड़ रहा है. ऐसे में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं और यह देखना दिलचस्प होगा कि लोग क्या फिर से एक बार मौजूदा विधायक पर ही विश्वास जताएंगे या फिर फिर किसी अन्य पार्टी के नेता को चुनते हैं.