अंबाला: प्रदेश में एक बार फिर चुनावी माहौल बन चुका है. इस बार प्रदेश में निकाय चुनावों को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. बता दें कि, 27 दिसंबर को सोनीपत, अंबाला, पंचकूला में निगम चुनाव और रेवाड़ी में नगर परिषद के लिए मतदान होगा. वहीं रोहतक के सांपला, हिसार के उकलाना और रेवाड़ी के धारूहेड़ा में भी उपचुनाव होंगे.
अंबाला में मूलभूत सुविधाओं का लिया जायजा
चुनाव से पहले गठबंधन सरकार प्रदेश में मूलभूत सुविधाओं जैसे पीने के पानी की व्यवस्था, साफ सफाई आदि जरूरतों को पूरा करने का दम भर रही है. ऐसे में ईटीवी भारत की टीम अंबाला के इलाकों में मूलभूत सुविधाओं का जायजा लेने पहुंची.
सीवर का गंदा पानी पीने को मजबूर लोग
ईटीवी भारत की टीम ने अंबाला शहर विधानसभा का दौरा किया. इस दौरान जो हालात देखने को मिले वो सच में ही हैरान करने वाले थे. कुछ इलाकों में लोग सीवर का गंदा पानी पीने को मजबूर हैं.
अंबाला शहर विधानसभा में ये देखने को मिला कि पॉश इलाके जैसे मॉडल टाउन, सेक्टर्स और अन्य इलाकों में तो आमजन को साफ-सुथरा पानी पीने को मिल रहा है, लेकिन शहर के बीचों-बीच बहुत से ऐसे इलाके भी हैं जहां पीने के पानी की भारी किल्लत है.
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हम बात कर रहे हैं अंबाला शहर स्थित एशिया की सबसे बड़ी होलसेल कपड़ा मार्केट के नजदीक लगते जींद हाउस की जहां पर करीबन 200 से 300 घर हैं, लेकिन पिछले काफी समय से यहां के निवासी सीवर का गंदा पानी पीने को मजबूर हैं.
गंदा पानी पीकर लोग हो रहे बीमार
जींद हाउस के निवासियों का कहना है कि गंदा पानी पीने की वजह से यहां पर दो-तीन लोगों की मृत्यु भी हो चुकी है. इसके अलावा बच्चे और बूढ़े भी बीमारियों के शिकार हो रहे हैं, लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं होती.
लोगों ने आरोप लगाया कि गंदे पानी की समस्या से निजात पाने के लिए पब्लिक हेल्थ विभाग और यहां तक कि विधायक असीम गोयल से भी गुहार लगाई, लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई. हालात ये हैं कि हमें अंबाला शहर रेलवे स्टेशन से जो हमारे इलाके से 1.5 किलोमीटर दूर है, वहां से पानी भरकर लाना पड़ता है.
कैमरे से बचते दिखे अधिकारी
उन्होंने कहा कि वोट मांगने सब आ जाते हैं, लेकिन बाद में वे हमें पहचानते नहीं है, समस्या का निपटारा करना तो बहुत दूर की बात है. वहीं इस मसले को लेकर जब हमारी टीम पब्लिक हेल्थ विभाग पहुंची, तो पहले विभाग के अधिकारी इस मुद्दे पर कैमरे के सामने बात करने को तैयार नहीं हुए.
फिर उन्होंने अनौपचारिक रूप से बताया कि सीवर की नई पाइपलाइन डालने के लिए नगर निगम को बाकायदा लेटर लिखा था, लेकिन उन्होंने अभी तक सीवर की पाइप नहीं डाली. जिस वजह से ये दिक्कत आ रही है. बाद में जेई कर्मजीत ने कहा कि आप के माध्यम से ये समस्या हमारे संज्ञान में आई हैं. हम इसे तुरंत ठीक करवाने का कार्य करेंगे.
क्या लोग दे पाएंगे वोट की चोट?
खैर, अधिकारी तो एक बार फिर मीडिया के सामने समस्या का समाधान कराने की बात कहकर निकल गए, लेकिन ये समाधान हो पाएगा या नहीं ये देखने वाली बात है. वहीं ये भी देखने वाली बात होगी कि लोग इस समस्या के समाधान के इंतजार में रहेंगे या फिर नेताओं को वोट की चोट देंगे.
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