अंबाला: उत्तराखंड की अलग-अलग जगहों से अपने घर से भाग कर आए 4 बच्चों को जिला बाल कल्याण संरक्षण अधिकारी ने अपने कार्यालय में उनके परिजनों को सौंप दिया. ये सभी बच्चे उत्तराखंड के अलग-अलग शहरों से भाग कर आए थे, जिन्हें अंबाला क्राइम ब्रांच के अधिकारी राजेश कुमार और सीडब्ल्यूसी ने उत्तराखंड से आए सब इंस्पेक्टर और उनके परिजनों को कागजी कार्रवाई पूरी कर सौंप दिया गया.
अपने माता-पिता से मिले बिछड़े बच्चे
लगभग 4 महीने पहले अपने परिवार से बिछड़े बच्चों को जिला बाल कल्याण संरक्षण अधिकारी ने उनके परिजनों को सौंप दिया. अपने बच्चों से मिलकर उनके परिजनों की आंखों में आंसू आ गए. ये सभी बच्चे क्राइम ब्रांच के एएसआई राजेश कुमार को अंबाला छावनी रेलवे स्टेशन पर मिले थे. जिन्हें राजेश ने अंबाला के नारायणगढ़ के अनाथ आश्रम में छोड़ दिया और उन बच्चों से बार-बार उनके घर का पता पूछते रहे. लेकिन बच्चे अपने मां बाप से बिछड़ कर सब कुछ भूल गए थे. राजेश ने बताया कि काफी मेहनत करने के बाद बच्चों ने अपने अपने घरों का अधूरा सा पता बताया.
जिस पर काफी मेहनत कर उनके परिजनों को ढूंढ निकाला और उत्तराखंड पुलिस की मदद से बच्चों के परिजन यहां आए और सीडब्ल्यूसी द्वारा काउंसलिंग के बाद बच्चों को उनके परिजनों को सौंप दिया है. उत्तराखंड से आए सब इंस्पेक्टर कृपाल सिंह ने बताया कि अंबाला पुलिस से मिली सूचना के बाद बच्चों के परिजनों को ढूंढ कर यहां लाए हैं.
एएसआई राजेश कुमार ने नारायणगढ़ अनाथ आश्रम से सभी बच्चों को सीडब्ल्यूसी को सौंप दिया. जहां पर उनकी बेंच ने काउंसलिंग करने के बाद और बच्चों द्वारा अपने मां-बाप की सही पहचान बताने के बाद उन्हें सौंप दिया गया.
सीडब्ल्यूसी सदस्य रेखा शर्मा ने बताया कि ये चारों बच्चे उत्तराखंड की अलग-अलग जगहों से हैं जो रेलवे स्टेशन से मिले थे और सभी अपने घरों से भागे हुए हैं. उन्होंने बताया कि ये बच्चे घर से इसलिए भागे क्योंकि इनके मां-बाप इन्हें मारते थे. उन्होंने कहा कि इन बच्चों के परिजन आ गए हैं और उन्हें समझाकर उन्हें भेज दिया जाएगा.
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