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अंबाला: ये कैसी व्यवस्था, बिन क्लास रूम कैसे मिलेगी सही शिक्षा?

स्कूल के टीचर राजेश कुमार ने बताया कि हमने खुद शिक्षा विभाग के अधिकारियों को पत्र लिखकर यहां के हालातों के बारे में सूचित किया है, लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं मिला.

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Published : Aug 2, 2019, 6:28 PM IST

एक छत के नीचे पढ़ते पहली से पांचवी तक के छात्र

अंबाला: ईटीवी भारत की टीम ने अंबाला शहर विधानसभा क्षेत्र के महमूदपुर गांव के प्राइमरी स्कूल का दौरा किया. स्कूल के हालात देखकर आप भी दंग रह जाएंगे. प्राइमरी स्कूल पहली से पांचवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों के लिए है. यहां पर कुल 26 मासूम शिक्षा प्राप्त करते हैं और उन्हें मात्र दो अध्यापक पढ़ाते हैं. ईटीवी भारत की टीम को स्कूल के अध्यपक राजेश कुमार ने बताया कि स्कूल में मात्र एक क्लासरूम है. जहां पर पहली से लेकर पांचवीं तक के छात्र इकट्ठे शिक्षा प्राप्त करते हैं. अध्यापक भी वहीं बैठते हैं, इसके अलावा उनके पास कोई और क्लासरूम नहीं है. जिससे उन्हें खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

एक ही छत के नीचे पहली से पांचवीं तक के छात्र

स्कूल के अध्यापक राजेश कुमार ने बताया कि जब पहली कक्षा और पांचवीं कक्षा तक के बच्चों की कक्षाएं इकट्ठी लगती हैं तो सबसे ज्यादा परेशानी बच्चों को होती है. क्योंकि पहली कक्षा वालों को पांचवी के सवाल नहीं समझ नहीं आते और पांचवी कक्षा के विद्यार्थियों को पहली कक्षा के सवालों में कोई रुचि नहीं दिखती. लेकिन बच्चे हल्ला ना डालें इसलिए उन्हें एक ही क्लास रूम के अंदर जबरन बिठाना पड़ता है.

क्लिक कर देखें वीडियो.

वहीं राजेश कुमार ने बताया कि सरकार द्वारा स्मार्ट क्लासेस के लिए जो साजो सामान भेजा गया है. उसका कोई उपयोग यहां नहीं हो पा रहा है, क्योंकि इस स्कूल के अंदर सिगनल्स नहीं आते. राजेश कुमार ने बताया कि हमने खुद शिक्षा विभाग के अधिकारियों को पत्र लिखकर यहां के हालातों के बारे में सूचित किया है. लेकिन अभी तक कोई उत्तर नहीं मिला.

गांव की सरपंच कुलजीत कौर से बात की गई तो उन्होंने बताया कि हमने स्कूल के लिए गली बनवाई है, पानी की टंकी रखवाई है. वहीं जब ईटीवी भारत की टीम ने एक गांव के लोगों से बात की तो लोगों ने बताया कि यह गांव शुरू से ही कांग्रेसी गांव रहा है. जिस वजह से विधायक असीम गोयल इसकी अनदेखी कर रहे हैं.

अंबाला: ईटीवी भारत की टीम ने अंबाला शहर विधानसभा क्षेत्र के महमूदपुर गांव के प्राइमरी स्कूल का दौरा किया. स्कूल के हालात देखकर आप भी दंग रह जाएंगे. प्राइमरी स्कूल पहली से पांचवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों के लिए है. यहां पर कुल 26 मासूम शिक्षा प्राप्त करते हैं और उन्हें मात्र दो अध्यापक पढ़ाते हैं. ईटीवी भारत की टीम को स्कूल के अध्यपक राजेश कुमार ने बताया कि स्कूल में मात्र एक क्लासरूम है. जहां पर पहली से लेकर पांचवीं तक के छात्र इकट्ठे शिक्षा प्राप्त करते हैं. अध्यापक भी वहीं बैठते हैं, इसके अलावा उनके पास कोई और क्लासरूम नहीं है. जिससे उन्हें खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

एक ही छत के नीचे पहली से पांचवीं तक के छात्र

स्कूल के अध्यापक राजेश कुमार ने बताया कि जब पहली कक्षा और पांचवीं कक्षा तक के बच्चों की कक्षाएं इकट्ठी लगती हैं तो सबसे ज्यादा परेशानी बच्चों को होती है. क्योंकि पहली कक्षा वालों को पांचवी के सवाल नहीं समझ नहीं आते और पांचवी कक्षा के विद्यार्थियों को पहली कक्षा के सवालों में कोई रुचि नहीं दिखती. लेकिन बच्चे हल्ला ना डालें इसलिए उन्हें एक ही क्लास रूम के अंदर जबरन बिठाना पड़ता है.

क्लिक कर देखें वीडियो.

वहीं राजेश कुमार ने बताया कि सरकार द्वारा स्मार्ट क्लासेस के लिए जो साजो सामान भेजा गया है. उसका कोई उपयोग यहां नहीं हो पा रहा है, क्योंकि इस स्कूल के अंदर सिगनल्स नहीं आते. राजेश कुमार ने बताया कि हमने खुद शिक्षा विभाग के अधिकारियों को पत्र लिखकर यहां के हालातों के बारे में सूचित किया है. लेकिन अभी तक कोई उत्तर नहीं मिला.

गांव की सरपंच कुलजीत कौर से बात की गई तो उन्होंने बताया कि हमने स्कूल के लिए गली बनवाई है, पानी की टंकी रखवाई है. वहीं जब ईटीवी भारत की टीम ने एक गांव के लोगों से बात की तो लोगों ने बताया कि यह गांव शुरू से ही कांग्रेसी गांव रहा है. जिस वजह से विधायक असीम गोयल इसकी अनदेखी कर रहे हैं.

Intro:सरकार और प्रशासन के दावों की पोल खोलता अंबाला शहर विधानसभा क्षेत्र का महमूदपुर गांव का गवर्नमेंट प्राइमरी स्कूल।

न बैठने के लिए क्लासरूम्स
ना अध्यापकों के लिए स्टाफ रूम
स्कूल की इमारत जर्जर हालात में
पानी की निकासी का कोई प्रावधान नहीं
न मोबाइल के सिगनल्स

यह है खट्टर सरकार के अच्छे दिन।



Body:ईटीवी भारत की टीम ने अंबाला शहर विधानसभा क्षेत्र के महमूदपुर गांव के गवर्नमेंट प्रायमरी स्कूल का दौरा किया। स्कूल के हालात देखकर आप भी दंग रह जाएंगे।

यह गवर्नमेंट प्राइमरी स्कूल पहली से पांचवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों के लिए है यहां पर कुल 26 मासूम शिक्षा प्राप्त करते हैं और उन्हें मात्र दो अध्यापक पढ़ाते हैं।

स्कूल के अंदर पहुंचते ही सबसे पहले हमारा ध्यान खींचा जर्जर हुई स्कूल की इमारत ने स्कूल में बताओ अध्यापक के तौर पर अपनी सेवाएं दे रहे राजेश कुमार ने बताया कि हमने बच्चों को सख्त हिदायत दे रखी है कि वह इस स्कूल की इमारत की तरफ ना जाए नहीं तो किसी भी वक्त कोई बड़ा हादसा घट सकता है साथ ही उन्होंने बताया कि पानी की निकासी का स्कूल के अंदर कोई प्रावधान नहीं है जिस वजह से कई कई दिनों तक बारिश का पानी स्कूल के अंदर ही जमा रहता है और जिससे बीमारियां फैलने का खतरा भी बना रहता है।

ईटीवी भारत की टीम को राजेश कुमार ने यह भी बताया कि स्कूल के अंदर मात्र एक क्लासरूम है जहां पर पहले से लेकर पांचवी तक के बच्चे इकट्ठे शिक्षा प्राप्त करते हैं अध्यापक भी वही बैठते हैं इसके अलावा उनके पास कोई और क्लासरूम नहीं है जिससे उन्हें खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

उन्होंने बताया कि जब पहली कक्षा और पांचवी कक्षा तक के बच्चों की क्लासेस इकट्ठी लगती हैं तो सबसे ज्यादा परेशानी बच्चों को होती है क्योंकि पहली कक्षा वालों को पांचवी के सवाल नहीं समझ नहीं आते और पांचवी कक्षा के विद्यार्थियों को पहली कक्षा के सवालों में कोई रुचि नहीं दिखती लेकिन बच्चे हल्ला ना डालें इस करके हमें उन्हें जबरदस्ती एक ही क्लास रूम के अंदर जबरन बिठाना पड़ता है।

वहीं राजेश कुमार ने बताया कि सरकार द्वारा स्मार्ट क्लासेस के लिए जो साजो सामान भेजा गया है उसका कोई उपयोग यहां नहीं हो पा रहा क्योंकि इस स्कूल के अंदर कोई सिगनल्स नहीं आते। साथ ही अगर बिजली चली जाए तो कई कई घंटों तक या फिर कहे कई-कई दिनों तक बच्चों और अध्यापकों को बिना बिजली के रहना पड़ता है।

राजेश कुमार ने बताया कि हमने खुद शिक्षा विभाग के अधिकारियों को पत्र लिखकर यहां के हालातों के बारे में सूचित किया है लेकिन अभी तक कोई उत्तर नहीं मिला।

राजेश कुमार ने यह भी बताया कि आज स्कूल के अंदर अगर 26 विद्यार्थी पढ़ रहे हैं तो वह सारी हमारी मेहनत का नतीजा है यूपी सरकार द्वारा प्रवेश उत्सव मनाया जाता है जिसके अंतर्गत सरकारी अध्यापक गांव-गांव जाकर लोगों को सरकारी स्कूल में अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए प्रेरित किया जाता है तो इस बार हमने 26 बच्चों की ऐडमिशंस स्कूल में करवाई हैं।

साथ ही उन्होंने बताया कि कि यदि किसी भी स्कूल के अंदर 25 से कम विद्यार्थी होते हैं तो उस स्कूल को बंद कर दिया जाता है लेकिन हमने स्कूल को बंद होने नहीं दिया। साथ ही उन्होंने बताया कि गांव के सरपंच भी स्कूल के हालात ठीक करने के लिए अपने स्तर पर प्रयत्न कर रहे हैं।




ईटीवी भारत की टीम ने जब गांव की सरपंच कुलजीत कौर से बात करी तो उन्होंने बताया कि हमने स्कूल के लिए गली बनवाई है पानी की टंकी रखवाई है। इसके अलावा सरपंच साहिबा ने 2-3 और गांव में किए विकास के कार्य गिनवा दिए।

जब उनसे पूछा गया कि अभी तक इतने सालों के अंदर आपने स्कूल के हालातों को बेहतर करने के लिए क्या कार्य किए तो सरपंच साहिबा ने कहा हम प्रयत्न कर रहे हैं।
जब उनसे पूछा गया कि आपके खुद के बच्चे कहां पढ़ते हैं तो उन्होंने बताया कि मेरे बच्चे प्राइवेट स्कूल में पढ़ते हैं।
इसके अलावा जब उनसे पूछा गया कि अंबाला शहर से विधायक असीम गोयल आपके गांव में कितनी बार आए और अब तक आपने उनको अपना स्कूल से संबंधित मांग पत्र क्यों नहीं दिया तो साहिबा ने बताया की विधायक असीम गोयल लोक सभा इलेक्शंस के दौरान इस गांव में दो बार आए हैं और बहुत जल्द उन्हें स्कूल से संबंधित मांगों का मांग पत्र दिया जाएगा।


बाइट कुलजीत कौर सरपंच महमूदपुर गांव


वहीं जब ईटीवी भारत की टीम ने एक गांव के लोगों से बात करी तो लोगों ने बताया कि यह गांव शुरू से ही कांग्रेसी गांव रहा है जिस वजह से विधायक असीम गोयल इसकी अनदेखी कर रहे हैं उन्होंने बताया कि विधानसभा चुनावों के दौरान विधायक असीम गोयल को इस गांव से सिर्फ 45 वोट मिले थे शायद उसी वजह से विधायक असीम गोयल यहां के विकास कार्य नहीं करवा रहे हैं साथ ही उन्होंने बताया कि अपने 5 साल के कार्यकाल के दौरान विधायक असीम गोयल मात्र दो बार वह भी लोकसभा के चुनावों के दौरान आए थे और उसके इलावा वह कभी नहीं आए।

बाइक ग्रामीण



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