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गैस चेंबर में तब्दील हुआ अंबाला, लोगों को सांस लेने में हो रही परेशानी - अंबाला में प्रदूषण

अंबाला में एयर क्वालिटी इंडेक्स 278 तक जा पहुंचा है, जो लोगों के लिए बहुत हानिकारक है. पहले दिवाली और अब पराली ने लोगों की जान को आफत में डाल दिया है.

पराली
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Published : Nov 2, 2019, 1:18 PM IST

अंबाला: दिवाली को 6 दिन बीतने के बावजूद पटाखों का असर कम होने का नाम नहीं ले रहा है. वहीं अब पराली भी धड़ल्ले से जलाई जा रही है. जिससें वायु और जहरीली होती जा रही है. यहां सरकारी चेतावनी भी बेअसर होती दिखाई दे रही है. अंबाला पूरी तरह से धुएं की चपेट में है.

प्रदूषण से लोगों को हो रही परेशानी
बात करें अंबाला के एयर क्वालिटी इंडेक्स की तो वो 278 तक जा पहुंचा है, जो लोगों के लिए बहुत हानिकारक है. जिससे लोगों को आंखों में दिक्कत, सांस लेने में परेशानी और खांसी जैसी समस्याएं आने लगी है. जिसकी वजह से अस्पतालों मे भी लोगों का तांता लगा है. डॉक्टरों की सलाह है कि लोग नाक-मुंह ढक कर बाहर निकलें और ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाएं ताकि प्रदूषण की रोकथाम की जा सके.

जानें कैसे गैस चेंबर में तब्दील हुआ पराली

अंबाला की हवा में घुला जहर
अंबाला तक पूरा जीटी रोड धुएं की चपेट में है. हालत ये है कि सुबह-शाम विजिबिलिटी कम होने से लोगों को लाइट जलाकर गाड़ियां चलाने पड़ रही हैं. इतना ही नहीं प्रदेश के 16 जिलों में एयर क्वॉलिटी इंडेक्स 300 से ऊपर है, जबकि पानीपत-करनाल व कुरुक्षेत्र में 400 से ऊपर है. अभी तक मिले आंकड़ों के मुताबिक हरियाणा के गांवों में 5453 जगह पराली जलाई गई है.

जानें किस जिले के कितने गांव में जलाई गई पराली

  • अंबाला के 30 गांव शामिल हैं, जहां 143 जगह खेतों में पराली जलाई गई
  • भिवानी के 10 गांवों में 23 जग हखेतों में पराली जलाई गई
  • फतेहाबाद के 30 गांवों में 1210 जगह खेतों में पराली जलाई गई
  • हिसार के 30 गांवों में 189 जगह खेतों में पराली जलाई गई
  • झज्जर के 17 गांवों में 31 जगह खेतों में पराली जलाई गई
  • जींद के 30 गांवों में 667 जगह खेतों में पराली जलाई गई
  • कैथल के 30 गांवों में 666 जगह खेतों में पराली जलाई गई
  • करनाल के 30 गांवों में 509 जगह खेतों में पराली जलाई गई
  • कुरुक्षेत्र के 30 गांवों में 333 जगह खेतों में पराली जलाई गई
  • पलवल के 30 गांवों में 204 जगह खेतों में पराली जलाई गई
  • पंचकूला के 12 गांवों में 16 जगह खेतों में पराली जलाई गई
  • पानीपत के 25 गांवों में 38 जगह खेतों में पराली जलाई गई
  • रोहतक के 24 गांवों में 56 जगह खेतों में पराली जलाई गई
  • सिरसा के 30 गांवों में 1121 जगह खेतों में पराली जलाई गई
  • सोनीपत के 30 गांवों में 45 जगह खेतों में पराली जलाई गई
  • यमुनानगर के 30 गांवों में 96 जगह खेतों में पराली जलाई गई
  • चरखी दादरी, फरीदाबाद, महेंद्रगढ़, नूंह व गुरुग्राम के 10 गांव में 10 जगह पराली खेतों में ही जलाई गई

पिछले एक सप्ताह का वायु गुणवत्ता सूचकांक

25 अक्टूबर 225
26 अक्टूबर 300
27 अक्टूबर 347
28 अक्टूबर 386
29 अक्टूबर 353
30 अक्टूबर 356
31 अक्टूबर 367

ये है एक्यूआई के मानक

0-50 अच्छी
51-100 संतोषजनक
101-200 औसत
201-300 खराब
301-400 बेहद खराब
401-500 गंभीर
500 से ज्यादा खतरनाक

ये भी पढ़ें: टोहाना में पराली जलाने वाले 5 किसानों पर मामला दर्ज, SDO की शिकायत पर कार्रवाई

अंबाला: दिवाली को 6 दिन बीतने के बावजूद पटाखों का असर कम होने का नाम नहीं ले रहा है. वहीं अब पराली भी धड़ल्ले से जलाई जा रही है. जिससें वायु और जहरीली होती जा रही है. यहां सरकारी चेतावनी भी बेअसर होती दिखाई दे रही है. अंबाला पूरी तरह से धुएं की चपेट में है.

प्रदूषण से लोगों को हो रही परेशानी
बात करें अंबाला के एयर क्वालिटी इंडेक्स की तो वो 278 तक जा पहुंचा है, जो लोगों के लिए बहुत हानिकारक है. जिससे लोगों को आंखों में दिक्कत, सांस लेने में परेशानी और खांसी जैसी समस्याएं आने लगी है. जिसकी वजह से अस्पतालों मे भी लोगों का तांता लगा है. डॉक्टरों की सलाह है कि लोग नाक-मुंह ढक कर बाहर निकलें और ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाएं ताकि प्रदूषण की रोकथाम की जा सके.

जानें कैसे गैस चेंबर में तब्दील हुआ पराली

अंबाला की हवा में घुला जहर
अंबाला तक पूरा जीटी रोड धुएं की चपेट में है. हालत ये है कि सुबह-शाम विजिबिलिटी कम होने से लोगों को लाइट जलाकर गाड़ियां चलाने पड़ रही हैं. इतना ही नहीं प्रदेश के 16 जिलों में एयर क्वॉलिटी इंडेक्स 300 से ऊपर है, जबकि पानीपत-करनाल व कुरुक्षेत्र में 400 से ऊपर है. अभी तक मिले आंकड़ों के मुताबिक हरियाणा के गांवों में 5453 जगह पराली जलाई गई है.

जानें किस जिले के कितने गांव में जलाई गई पराली

  • अंबाला के 30 गांव शामिल हैं, जहां 143 जगह खेतों में पराली जलाई गई
  • भिवानी के 10 गांवों में 23 जग हखेतों में पराली जलाई गई
  • फतेहाबाद के 30 गांवों में 1210 जगह खेतों में पराली जलाई गई
  • हिसार के 30 गांवों में 189 जगह खेतों में पराली जलाई गई
  • झज्जर के 17 गांवों में 31 जगह खेतों में पराली जलाई गई
  • जींद के 30 गांवों में 667 जगह खेतों में पराली जलाई गई
  • कैथल के 30 गांवों में 666 जगह खेतों में पराली जलाई गई
  • करनाल के 30 गांवों में 509 जगह खेतों में पराली जलाई गई
  • कुरुक्षेत्र के 30 गांवों में 333 जगह खेतों में पराली जलाई गई
  • पलवल के 30 गांवों में 204 जगह खेतों में पराली जलाई गई
  • पंचकूला के 12 गांवों में 16 जगह खेतों में पराली जलाई गई
  • पानीपत के 25 गांवों में 38 जगह खेतों में पराली जलाई गई
  • रोहतक के 24 गांवों में 56 जगह खेतों में पराली जलाई गई
  • सिरसा के 30 गांवों में 1121 जगह खेतों में पराली जलाई गई
  • सोनीपत के 30 गांवों में 45 जगह खेतों में पराली जलाई गई
  • यमुनानगर के 30 गांवों में 96 जगह खेतों में पराली जलाई गई
  • चरखी दादरी, फरीदाबाद, महेंद्रगढ़, नूंह व गुरुग्राम के 10 गांव में 10 जगह पराली खेतों में ही जलाई गई

पिछले एक सप्ताह का वायु गुणवत्ता सूचकांक

25 अक्टूबर 225
26 अक्टूबर 300
27 अक्टूबर 347
28 अक्टूबर 386
29 अक्टूबर 353
30 अक्टूबर 356
31 अक्टूबर 367

ये है एक्यूआई के मानक

0-50 अच्छी
51-100 संतोषजनक
101-200 औसत
201-300 खराब
301-400 बेहद खराब
401-500 गंभीर
500 से ज्यादा खतरनाक

ये भी पढ़ें: टोहाना में पराली जलाने वाले 5 किसानों पर मामला दर्ज, SDO की शिकायत पर कार्रवाई

Intro:पराली जलाए जाने और दीपावली पर पटाखे फोड़े जाने का असर दिवाली बीतने के 6 दिन बाद भी कम होने का नाम नही ले रहा । जिसके चलते एयर क्वालिटी इंडेक्स दिवाली के बाद से 117 तक जा पहुंचा है। ऐसे में लोगों को सांस लेने में दिक्कत, आंखों में जलन की शिकायतें आने लगी हैं। लोगों को सुबह की सैर करने में भी परेशानी आ रही है।Body:दिवाली को 6 दिन बीतने के बावजूद पटाखों का असर कम होने का नाम नहीं ले रहा है। वहीं खेतों में किसानों द्वारा पराली जलाए जाने से भी प्रदूषण लगातार बड़ रहा है। ऐसे में अंबाला का एयर क़्वालिटी इंडेक्स 117 तक जा पहुंचा है। जिससे लोगों आंखों में दिक्कत, सांस लेने में परेशानी, खांसी जैसी समस्याएं आने लगी हैं। वहीं शहर की सड़कों व हाईवे पर प्रदूषण की सफेद चादर बिछी है, और आये दिन लगातार बढ़ती ही जा रही है। ऐसे में सुबह की सैर करने आने वाले लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हाईवे पर वाहनों की रफ्तार कम हो गई है और लोग वाहनों की लाइट जलाकर चल रहे हैं।

बाईट :-- 1-4 सैर करने निकले लोग

वीओ :-- दिवाली के बाद से लगातार बड़ रहे प्रदूषण से अस्पतालों में भी मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। खांसी, सांस लेने में परेशानी, आंखों में जलन के मरीज ज्यादा आ रहे हैं। डॉक्टर की सलाह है कि लोग नाक मुंह ढक कर बाहर निकलें और ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाएं ताकि प्रदूषण की रोकथाम की जा सके।

बाइट : डॉ मनदीप, एसएमओ नागरिक अस्पताल।
Conclusion:
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