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अंबाला में अब नहीं जलाई जाएगी पराली, प्रशासन ने निकाला ये अनोखा समाधान

अंबाला प्रशासन ने किसानों द्वारा पराली को जलाने की बजाय इसका नया समाधान निकाला है. अंबाला के उपायुक्त ने पराली से भरे 3 ट्रकों को गौशाला के लिए रवाना किया है और लोगों से अपील की है कि किसान अब पराली नहीं जलाएं. ये पराली अब पशुओं के चारे के रूप में इस्तेमाल की जाएगी.

अंबाला में अब नहीं जलाई जाएगी पराली
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Published : Nov 23, 2019, 1:24 PM IST

अंबाला: प्रदूषण और पराली से निजात पाने के लिए अंबाला प्रशासन हर संभव प्रयास कर रहा है. इसी कड़ी में अंबाला प्रशासन ने किसानों द्वारा पराली को जलाने की बजाय इसका नया समाधान निकाला है. अंबाला प्रशासन ने अब पराली को चारे के रूप में इस्तेमाल करने की शुरुआत की है.

3 ट्रक पराली गौशाला के लिए रवाना
इसी कड़ी में अंबाला के उपायुक्त ने पराली से भरे 3 ट्रकों को गौशाला के लिए रवाना किया. उपायुक्त अंबाला ने अपील की है कि किसान अब पराली को जलाये नहीं क्योंकि किसानों की पराली अब पशुओं का पेट भरने का काम करेगी. पको बता दें कि बिना एक भी पैसा लिए किसानों ने तीन ट्रक पराली प्रशासन को भेजी है.

अंबाला में अब नहीं जलाई जाएगी पराली

ईटीवी भारत की टीम ने विशेषज्ञों से बातचीत की
पशुओं को हरे चारे के साथ पराली देना कितना उचित होगा ये जानने के लिए जब ईटीवी भारत की टीम ने विशेषज्ञों से बात की तो उन्होंने बताया कि सूखे चारे की कमी होने पर पराली को सुखाकर कटिंग करने के बाद हरे चारे में मिलाकर इसका इस्तेमाल किया जा सकता है और इसमें हाई कैल्शियम के साथ प्रोटीन की मात्रा भी भरपूर होती है. पशु विशेषज्ञों ने किसानों से भी अपील की है कि पराली को जलाने की बजाय पशुओं के आहार के रूप में इसका इस्तेमाल करें.

ये भी पढ़ें: बहादुरगढ़ के ये खिलाड़ी अब देश के बाहर लहराएंगे परचम!

अंबाला: प्रदूषण और पराली से निजात पाने के लिए अंबाला प्रशासन हर संभव प्रयास कर रहा है. इसी कड़ी में अंबाला प्रशासन ने किसानों द्वारा पराली को जलाने की बजाय इसका नया समाधान निकाला है. अंबाला प्रशासन ने अब पराली को चारे के रूप में इस्तेमाल करने की शुरुआत की है.

3 ट्रक पराली गौशाला के लिए रवाना
इसी कड़ी में अंबाला के उपायुक्त ने पराली से भरे 3 ट्रकों को गौशाला के लिए रवाना किया. उपायुक्त अंबाला ने अपील की है कि किसान अब पराली को जलाये नहीं क्योंकि किसानों की पराली अब पशुओं का पेट भरने का काम करेगी. पको बता दें कि बिना एक भी पैसा लिए किसानों ने तीन ट्रक पराली प्रशासन को भेजी है.

अंबाला में अब नहीं जलाई जाएगी पराली

ईटीवी भारत की टीम ने विशेषज्ञों से बातचीत की
पशुओं को हरे चारे के साथ पराली देना कितना उचित होगा ये जानने के लिए जब ईटीवी भारत की टीम ने विशेषज्ञों से बात की तो उन्होंने बताया कि सूखे चारे की कमी होने पर पराली को सुखाकर कटिंग करने के बाद हरे चारे में मिलाकर इसका इस्तेमाल किया जा सकता है और इसमें हाई कैल्शियम के साथ प्रोटीन की मात्रा भी भरपूर होती है. पशु विशेषज्ञों ने किसानों से भी अपील की है कि पराली को जलाने की बजाय पशुओं के आहार के रूप में इसका इस्तेमाल करें.

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Intro:अब पराली प्रदूषण की जिम्मेदार नहीं होगी और न ही किसानों को पराली जलाने की जरूरत पड़ेगी। क्यूंकि अंबाला में प्रशासन ने अब प्रदूषण की दोषी पराली से गायों के पेट भरने की मुहीम छेड़ी है। ध्यान फाउंडेशन की मदद से अंबाला प्रशासन पराली को गौशाला में भेजेगा। इसकी शुरुआत अंबाला के उपायुक्त ने पराली के तीन ट्रक गौशाला के लिए रवाना कर की। वहीं डिप्टी डायरेक्टर ऑफ़ एनिमल हस्बेंड्री की माने तो गायों को पराली सुखाकर देना गायों की सेहत के लिए भी लाभदायक रहेगा। Body:- प्रदूषण और पराली से निजात पाने के लिए अंबाला प्रशासन हर संभव प्रयास कर रहा है। इसी कड़ी में अंबाला प्रशासन ने किसानों द्वारा पराली को जलाने की बजाय इसका नया समाधान निकाला है। अंबाला प्रशासन ने अब पराली को चारे के रूप में इस्तेमाल करने की शुरुआत की है। अंबाला के उपायुक्त ने पराली से भरे 3 ट्रकों को गौशाला के लिए रवाना किया। उपायुक्त अंबाला ने अपील की है कि किसान अब पराली को जलाये नहीं क्योंकि किसानों की पराली अब पशुओं का पेट भरने का काम करेगी।

बाईट 01 - अशोक कुमार - उपायुक्त

वीओ- पराली को जलाने की जगह पशुओं के लिए इस्तेमाल करने की तरकीब अंबाला के जिला खाद्य एंव आपूर्ति अधिकारी ने बताई थी। जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि पराली के तीनों ट्रक किसानों द्वारा उन्हें बिलकुल मुफ्त दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि गायों का पेट भरने की इस मुहीम के लिए किसानों ने तीन ट्रक पराली के एक भी पैसा लिए बिना प्रशासन को दिए हैं।

बाईट 02 - निशांत राठी - DFSC

वीओ - पशुओं को हरे चारे के साथ पराली देना कितना उचित होगा ये जानने के लिए हमने पशु विशेषज्ञों से भी बातचीत की। उन्होंने बताया कि सूखे चारे की कमी होने पर पराली को सुखाकर कटिंग करने के बादहरे चारे में मिलाकर इसका इस्तेमाल किया जा सकता है और इसमें हाई कैल्शियम के साथ प्रोटीन की मात्रा भी भरपूर होती है। पशु विशेषज्ञों ने किसानों से भी अपील की है कि किसान पराली को जलाने की बजाय पशुओं के आहार के रूप में इसका इस्तेमाल करें।

बाईट 03 - डॉ० प्रेम सिंह - डिप्टी डायरेक्टर एनिमल हस्बेंड्रीConclusion:
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