नई दिल्ली : केंद्र सरकार की अमेरिकी की इलेक्ट्रिक कार बनाने वाली कंपनी टेस्ला को प्रोत्साहन देने के लिए कोई अलग नीति लाने की योजना नहीं है. एक सरकारी अधिकारी ने यह जानकारी दी. अधिकारी ने कहा कि टेस्ला वाहन या आधुनिक केमिस्ट्री सेल के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत समर्थन उपायों के लिए आवेदन कर सकती है. सरकार पहले ही 18,100 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल (एसीसी) बैटरी स्टोरेज के लिए पीएलआई योजना पेश कर चुकी है. इसके अलावा वाहन, वाहन कलपुर्जों और ड्रोन उद्योग के लिए 26,058 करोड़ रुपये की पीएलआई योजना लाई गई है.
एक सरकारी अधिकारी ने कहा-
‘हमने टेस्ला से कहा है कि जो नीतियां सभी के लिए पहले से हैं, वह भी उनके तहत आवेदन कर सकती है. उनका स्वागत है. आमतौर पर नीतियां सभी के लिए समान हैं. एक कंपनी के लिए सरकार अलग नीति नहीं बना सकती. ऐसे में अभी उनके साथ विशेष बर्ताव करने की कोई योजना नहीं है.’
अधिकारी ने बताया कि टेस्ला को बैटरी की आपूर्ति करने वाली सबसे बड़ी आपूर्तिकर्ता पैनासोनिक के प्रतिनिधि हमसे मिले हैं. ‘उन्होंने कहा है कि वे बैटरी बनाना चाहते हैं. हमने उन्हें पीएलआई एसीसी बैटरी के तहत आवेदन करने का सुझाव दिया है.’ सरकार ने पिछले सप्ताह 20 गीगावॉट घंटा (जीडब्ल्यूएच) आधुनिक केमिस्ट्री सेल विनिर्माण की पीएलआई योजना के तहत नए सिरे से बोलियां मांगी हैं.
इलेक्ट्रिक वाहनों पर आयात शुल्क में कटौती की मांग
टेस्ला के प्रतिनिधियों ने पिछले महीने वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय सहित विभिन्न मंत्रालयों के अधिकारियों से मिलने के लिए देश का दौरा किया था. अमेरिका की इलेक्ट्रिक कार विनिर्माता ने 2021 में भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों पर आयात शुल्क में कटौती की मांग की. अभी पूर्ण निर्मित इकाई (सीबीयू) के रूप में आयातित कारों पर इंजन आकार और लागत, बीमा और ढुलाई (सीआईएफ) मूल्य के आधार पर 60 से 100 प्रतिशत का सीमा शुल्क लगता है.
2024 में मस्क का भारत आने का प्लान
दुनिया की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक कार कंपनी टेस्ला इंक के प्रमुख एलन मस्क ने पिछले महीने न्यूयॉर्क में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की थी. प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद मस्क ने कहा था उनकी 2024 में भारत यात्रा की योजना है.
ये भी पढ़ें- |
(भाषा)