नई दिल्ली: भारत में लगातार बिजनस क्षेत्र में विकास देखने को मिल रहा है. भारत में परिवार-स्वामित्व वाले बिजनेस का एक लंबा और शानदार इतिहास रहा है. एक पीढ़ी अपने आने वाले पीढ़ी को परिवारिक व्यवसाय को सौंप देते है. पारिवारिक व्यवसाय में लेटेस्ट तरीका अपनाकर बिजनेस को आगे बढ़ाने का काम करते है. इन व्यवसाय में अक्सर मैन्युफैक्चरिंग, कपड़ा, कृषि और खुदरा जैसे क्षेत्र शामिल है. भारत के पारिवारिक व्यवसाय समूह लगातार बदलते वैश्विक परिदृश्य के साथ तालमेल बिठाने के लिए नए जमाने की तकनीक को अपना रहे हैं और इसमें भारी निवेश कर रहे हैं.
इन संस्थापकों ने अपने कारोबार को सौंपा-
- रिलायंस परिवार- रिलायंस इंडस्ट्रीज के मालिक धीरुभाई अंबानी ने अपने जाने के बाद अनिल और मुकेश अंबानी के बीच अपने कंपनी का बटवारा किया. इस बटवारे में बड़ें बेटे मुकेश अंबानी के हाथ रिलायंस इंडस्ट्रीज आई. जिसकी कमान उन्होंने बखुबी संभाली है. रिलायंस इंडस्ट्रीज आज देश की सबसे बड़ी कंपनियों के लिस्ट में आती है. मौजूदा समय में मुकेश अंबानी के तीन बच्चे है, जिन्होंने कंपनी में डायरेक्टर की पद को संभाला है.
- गोदरेज परिवार- गोदरेज ग्रुप देश की सबसे पूराने कारोबारियों के लिस्ट में पहले नमबर पर आती है. इस कंपनी की स्थापना अर्देशिर गोदरेज और पिरोजशा बुर्जोरजी गोदरेज ने साल 1897 में की थी. फिलहाल, गोदरेज ग्रुप का कारोबार पिरोजशा बुर्जोरजी गोदरेज के बेटे संभाल रहे है.
- प्रेमजी परिवार- देश की तीसरी बड़ी आईटी कंपनी विप्रो के पूर्व चेयरमैन अजीज प्रेमजी के रिटायर होने के बाद उन्होंने कंपनी के चेयरमैन अपने बेटे राशिद प्रेमजी को बनाया है. वहीं, अपने दूसरे बेटे को अजीज प्रेमजी एंडोमेंट फंड का वाइस प्रेसिडेंट बनाया है.
- पीरामल परिवार- पीरामल ग्रुप देश के सबसे बड़े कारोबारी के लिस्ट में आते है. फिलहाल कंपनी की बाद-डोर अजय पीरामल की बेटी और उनके बेटे संभाल रहे है. लेकिन अजय पीरामल ग्रुप के चेयरमैन बने हुए है.
- नादर परिवार- एचसीएल टेक्नोजी के संस्थापक और पूर्व चेयरमैन ने कंपनी की कमान अपनी बेटी रोशनी नादर को सौंप दी है.
- ल्यूपिन फार्मा परिवार- ल्यूपिन फार्मा के संस्थापक देश बंधु गुप्ता ने कंपनी के सीईओ के पद पर अपनी बेटी विनीता गुप्ता को बैठाया है. ये कंपनी भारत की तीसरी और दुनिया की सातवी सबसे बड़ी कंपनी है.