नई दिल्ली: अमेरिका की ग्लोबल एनर्जी मॉनिटर रिपोर्ट के मुताबिक भारत की कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) में आने वाले सालों में नौकरियों का संकट मंडरा सकता है. इस रिपोर्ट के मुताबिक 2050 तक 73,800 नौकरियों को खत्म करने की संभावना जताई गई हैं, क्योंकि भारत ने फॉसिल फ्यूल से ग्रीन ऊर्जा की ओर बढ़ने का संकल्प लिया है. बता दें, कोल इंडिया लिमिटेड सरकारी उपक्रमों में सबसे बड़ा वर्कफोर्स है.
अलग-अलग देशों की जलवायु परिवर्तन संकल्प के आधार पर रिपोर्ट में बताया गया है कि जस्ट ट्रांजिशन के कारण 2050 तक दुनिया भर में दस लाख से अधिक नौकरियों में कटौती होने की संभावना है. इसमें भारत के अलावा, चीन भी शामिल है, जहां 241,900 छंटनी के साथ सबसे अधिक नुकसान होगा. जीईएम ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि चीन का कोयला उद्योग, दुनिया का सबसे बड़ा, 1.5 मिलियन से अधिक लोगों को रोजगार देता है. वहीं, भारत, दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा कोयला उत्पादक देश है.
कोल इंडिया के एंप्लॉय पर मंडरा रहा छंटनी का खतरा
चीन के Shanxi Province के आकार का लगभग आधा वर्कफोर्स है. भारत आधिकारिक तौर पर अपनी परिचालन खदानों में लगभग 337,400 खनिकों को रोजगार देता है. हालांकि कुछ रिपोर्ट से मिली जानकारी के मुताबिक स्थानीय खनन क्षेत्र में प्रत्येक डायरेक्ट एंप्लॉय के लिए चार informal employees हैं.
GEM रिपोर्ट में कहा गया है कि Coal India 2050 तक 73,800 डायरेक्ट एंप्लॉय की सबसे अधिक छंटनी का सामना कर रहा है.
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि लगभग आधे मिलियन श्रमिक (414,200) खदानों का संचालन करते हैं जो 2035 से पहले अपने संचालन के अंत तक पहुंच सकते हैं, जिससे खनन क्षेत्र में रोज लगभग 100 श्रमिक प्रभावित होंगे. अध्ययन के लिए, GEM ने 2.7 मिलियन की कुल कार्यबल वाली दुनिया भर में 4,300 सक्रिय और प्रस्तावित कोयला खदान परियोजनाओं को कवर किया.