चंडीगढ़: पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है. पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट में खरीदार और डेवलपर की ओर से अपील दाखिल की गई थी. जिसमें हाई कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि बिल्डर निर्माण करने के बाद पहली मंजिल पर अतिक्रमण कर निर्माण नहीं कर सकेगा. अब ग्राउंड लेवल से पहली मंजिल पर छत का विस्तार करके प्लॉट में वृद्धि नहीं की जा सकेगी.
बता दें कि जो लोग घरों के प्लॉट को बढ़ाने के लिए अपने घर की जमीनी स्तर से ऊपर की मंजिलों का विस्तार करते थे. वो अब पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के फैसले के बाद ऐसा नहीं कर सकेंगे. पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि प्लॉट साइज के बाहर किसी भी तरह की बालकनी और कमरे अब नहीं बनाए जा सकेंगे.
पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के जस्टिस अनिल क्षेत्रपाल ने स्पष्ट कर दिया कि डेवलपर सेल डीड में सड़क के रूप में बनाए गए मार्ग पर अन्य अधिकारों का दावा नहीं किया जा सकेगा. बता दें कि ये फैसला उस समय सामने आया है, जब आमतौर पर बालकनी, संरचनात्मक कैनोपियां का सड़कों पर अवैध निर्माण दिखाई देता है.
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जस्टिस क्षेत्रपाल ने फैसला सुनाते हुए कहा कि एक खरीदार और मालिक को उसकी ओर से खरीदे गए क्षेत्र की पहली मंजिल के अलावा निर्माण करने का और कोई अधिकार नहीं है. जब वो किसी सार्वजनिक स्थल पर हो. इसके अलावा डेवलपर जिसने मार्केट का निर्माण करते हुए एक सड़क बनाई है. पर सेल डीड में उसका उल्लेख नहीं किया तो वो किसी भी तरह से उस मार्ग पर अन्य अधिकार नहीं जता सकता है.