कुरुक्षेत्र: लॉकडाउन में रोडवेज बसों के पहिए थमने से परिवहन विभाग को नुकसान हो रहा है. लॉकडाउन की मार कुरुक्षेत्र डिपो को भी झेलनी पड़ रही है. पहले से ही घाटे में चल रहा कुरुक्षेत्र डिपो का घाटा लॉकडाउन के कारण और भी बढ़ गया है. कुरुक्षेत्र डिपो से पिछले 3 दिन से ट्रायल बसें चलाई तो चलाई जा रही हैं, लेकिन बसों में एक भी यात्री नहीं बैठा. बसे खाली डिपो लौट रही है.
लॉकडाउन के कारण करोड़ों का नुकसान
कुरुक्षेत्र डिपो को पिछले दो महीने में लॉकडाउन के चलते उसे करीब 10 करोड़ का नुकसान झेलना पड़ा है. डिपो की जिले में लगभग 174 बसें हैं. जिनकी महीने की आय लगभग 4 करोड़ 30 लाख रुपये के आस-पास है. लॉकडाउन के कारण बसे नहीं चलते से करोड़ों का नुकसान हुआ है.
- मार्च में 4 करोड़ 78 लाख 38 हजार का घाटा
- अप्रैल में 4 करोड़ 18 लाख का घाटा
डिपो के सीनियर अकाउंटेंट सतपाल सिंह ने बताया कि डिपो पहले से ही घाटे में चल रहा है. डिपो की आय लगभग 4 करोड़ 30 लाख रुपये महीने है और खर्च 6.30 करोड़ रुपये है. सतपाल सिंह ने बताया कि ग्वालियर, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के प्रवासी मजदूरों को रोडवेज की बसों में भेजा गया है. इन बसों ने 24 हजार किलोमीटर का सफर तय किया है. जिसके चलते करीब 273000 रुपये का डीजल का खर्च हुआ है.
नहीं मिल रहे यात्री
उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के दौरान 3 दिन से ट्रायल के लिए बसें चलाई जा रही हैं. लेकिन एक भी यात्री सफर नहीं कर रहा है. जिसके चलते कुरुक्षेत्र डिपो को और घाटा उठाना पड़ रहा है. सतपाल सिंह ने बताया कि कुरुक्षेत्र डिपो की स्थिति सामान्य होने में लंबा समय लग सकता है.
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