जींद: लॉकडाउन को लेकर कई लोगों का रोजगार खतरे में आ गया है, तो कई लोग अपनी नौकरी से हाथ भी धो बैठे हैं. जींद की सब्जी मंडी में मासाखोरों पर काम न मिलने से बेरोजगारी संकट बना हुआ है. इस वजह लोगों को अपना घर चलाने में परेशानी आ रही है.
लॉकडाउन में मासाखोरों की बड़ी मुश्किले
ये लोग अपने रोजगार को फिर से पटरी पर लाने के लिए बार-बार डीसी आदित्य दहिया से मांग कर चूके है, लेकिन इसके बाद भी मासाखोरों को मंडी में बैठकर सब्जी बेचने की इजाजत नहीं मिल रही है. अब रोजगार के बंद होने से परेशान मासाखोरों ने मजबूर होकर हड़ताल की चेतावनी दे डाली है.
रोजगार पर मडराया संकट
मासाखोरों का कहना है कि सब्जी मंडी में हमारा परिवार पीढ़ी दर पीढ़ी अपना रोजगार किए हुए हैं और कोरोना की महामारी में हमारा ये रोजगार भी छीन गया है. जिला प्रशासन द्वारा आदेश है कि सब्जी सीधा व्यापारियों से खरीदी जाए और उसके बाद सब्जी मंडी की बजाए सब्जी बाहर बेची जाए.
कई दिनों से मंडी बंद पड़ी है
बता दें कि काफी दिन पहले सब्जी मंडी में एक शख्स कोरोना पॉजिटिव मिला था. वो पूरी तरह से ठीक हो कर के घर जा चुका है. मासाखोरों की मांग है कि उनको जिला प्रशासन द्वारा इजाजत दी जाए कि मंडी में काम पर लौट कर अपना रोजगार चला सके और अपने परिवार का पालन पोषण कर सके.
जिला प्रशासन ने मामला संज्ञान में लिया
गौरतलब है कि शनिवार को विधायक डॉ. मिढ़ा ने भी डीसी से मुलाकात कर इन मासाखोरों को सब्जी मंडी में बैठने की परमिशन देने की मांग की थी. डीसी डॉ. आदित्य दहिया ने कहा कि एसडीएम को आदेश दिया है कि मासाखोरों की आजीविका चलाने के लिए कोई रास्ता निकाला जाए. अभी मंडी के अंदर नहीं तो आसपास बैठने की जगह चिह्नित की जाए.