भिवानी: लॉकडाउन में सबसे ज्यादा दिक्कत मजदूरों को हो रही है. इन मजदूरों को दो वक्त की रोटी भी नहीं मिल पा रही है. इसी बीच भिवानी में मनरेगा मजदूरों की हालत को लेकर मजदूर यूनियन ने प्रदर्शन किया. अखिल भारतीय खेत मजदूर यूनियन के आह्वान पर देशव्यापी अभियान के तहत सीटू ने मनरेगा मजदूरों की 10 सूत्रीय मागों को लागू करवाने के लिए जिला उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा है.
बता दें कि यूनियन के पदाधिकारियों की ओर से शारीरिक दूरी बनाए रखते हुए मास्क लगाकर लघु सचिवालय के सामने प्रदर्शन किया. इसके बाद जिला उपायुक्त की ओर से तहसीलदार को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया. मनरेगा कामगार यूनियन भिवानी के सचिव कामरेड ओमप्रकाश और सीटू जिला सचिव अनिल कुमार ने बताया कि मनरेगा मजदूरों की हालत सकंट में है, इसलिए वे 10 सूत्रीय मांग ज्ञापन के माध्यम से कर रहे हैं.
ये हैं मांग
- सभी गांव में मनरेगा का काम चालू हो,
- 200 दिन के काम के साथ 600 रुपये दिहाड़ी मिले
- सभी जॉब कार्ड का नवीनीकरण हो
- मनरेगा मजदूर की काम के दौरान मृत्यु पर 5 लाख रुपये का मुआवजा
- हर महीने हर व्यक्ति को 10 किलो अनाज मिले
- एक किलो दाल प्रति महीने फ्री में दिया जाए
- अन्य आवश्यक वस्तु 6 माह तक फ्री दी जाए
- कृषि कार्य मनरेगा से करवाए जाए
- जब तक 600 रुपये दिहाड़ी हो तब तक न्यूनतम वेतन 347 किया जाए
- 7500 रुपये नकद प्रति महीने सहायता के रुप में दिया जाए.
भिवानी में कृषि बड़े पैमाने पर की जाती है. इसलिए यहां कृषि में काम की कमी नहीं रहती है. खेती में काम करने वाले मजदूरों की मजदूरी मनरेगा में काम करने वाले मजदूरों की तुलना में ज्यादा होती है. जिसको लेकर मनरेगा मजदूरों ने मांग की है.