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दिल्ली कूच करेंगे भिवानी के किसान, 2 दिसंबर से आंदोलन में होंगे शामिल

किसान आंदोलन लगातार तेज होता जा रहा है. अब भिवानी के किसानों ने भी दिल्ली कूच करने का फैसला लिया है. भिवानी के सैकड़ों किसान 2 दिसंबर को दिल्ली में जारी किसानों के आंदोलन में शामिल होंगे.

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Published : Nov 30, 2020, 5:10 PM IST

bhiwani farmers meeting
भिवानी किसान संगठन बैठक

भिवानी: अखिल भारतीय किसान सभा भिवानी कमेटी की ओर से निर्णय लिया गया है कि कमेटी जिले के हर गांव में जाएगी, ताकि जिले के हर किसान को जारी आंदोलन में शामिल होने के लिए प्रेरित किया जा सके.

इस अभियान की शुरुआत अलखपुरा, किरावड़, किरावड़ की ढ़ाणी, बलयाली गांव से की गई. कमेटी के इस अभियान में मजदूरों का संगठन सीटू भी शामिल हुआ. इस दौरान किसानों की बैठक करके उन्हें दिल्ली कूच के लिए प्रेरित किया गया. बैठक में ये फैसला लिया गया कि इन गांवों के किसान 2 दिसंबर को दिल्ली किसानों के धरने में शामिल होंगे.

किसान बैठक को संबोधित करते हुए कमेटी के राज्य उपप्रधान मास्टर शेर सिंह ने कहा कि आज किसान अपनी जायज मांगों को लेकर दिल्ली और बॉर्डर पर धरना देने पर मजबूर हैं. सभी किसान कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं, क्योंकि ये कानून किसानों के विरोधी हैं. केंद्र सरकार ये कानून किसानों पर थोपने का काम कर रही है.

ये भी पढ़िए: टिकरी बॉर्डर पर आंदोलन में शामिल किसान की हार्ट अटैक से मौत

इसके साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि प्रदर्शन कर रहे किसान इन कानूनों के अलावा पराली जलाने का जुर्माना और सजा खत्म करने और 23 फसलों को लाभकारी दामों पर खरीदे जाने की मांग कर रहे हैं.

भिवानी: अखिल भारतीय किसान सभा भिवानी कमेटी की ओर से निर्णय लिया गया है कि कमेटी जिले के हर गांव में जाएगी, ताकि जिले के हर किसान को जारी आंदोलन में शामिल होने के लिए प्रेरित किया जा सके.

इस अभियान की शुरुआत अलखपुरा, किरावड़, किरावड़ की ढ़ाणी, बलयाली गांव से की गई. कमेटी के इस अभियान में मजदूरों का संगठन सीटू भी शामिल हुआ. इस दौरान किसानों की बैठक करके उन्हें दिल्ली कूच के लिए प्रेरित किया गया. बैठक में ये फैसला लिया गया कि इन गांवों के किसान 2 दिसंबर को दिल्ली किसानों के धरने में शामिल होंगे.

किसान बैठक को संबोधित करते हुए कमेटी के राज्य उपप्रधान मास्टर शेर सिंह ने कहा कि आज किसान अपनी जायज मांगों को लेकर दिल्ली और बॉर्डर पर धरना देने पर मजबूर हैं. सभी किसान कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं, क्योंकि ये कानून किसानों के विरोधी हैं. केंद्र सरकार ये कानून किसानों पर थोपने का काम कर रही है.

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इसके साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि प्रदर्शन कर रहे किसान इन कानूनों के अलावा पराली जलाने का जुर्माना और सजा खत्म करने और 23 फसलों को लाभकारी दामों पर खरीदे जाने की मांग कर रहे हैं.

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