पंचकूला: एजेएल प्लॉट आवंटन मामले में ईडी की विशेष अदालत में वीरवार को सुनवाई हुई. लेकिन इस दौरान कोरोना के चलते हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा और एजेएल के रिप्रेजेन्टेटिव कोर्ट में पेश नहीं हुए. वहीं आरोपी मोती लाल वोरा स्वास्थ्य ठीक नहीं होने के चलते हाजिरी माफी पर रहे. वीरवार को सुनवाई के दौरान कुछ खास कार्रवाई नहीं हुई केवल आरोपियों की हाजिरी लगी. मामले के अगली सुनवाई अब 11 जून को होगी. 11 जून को आरोपियों पर चार्ज लगाए जाने को लेकर बहस जारी रहेगी.
बता दें कि हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खिलाफ विशेष सीबीआई अदालत में एजेएल प्लॉट आवंटन मामले में आरोप तय करने के लिए बहस चल रही है. सीबीआई के विशेष जज जगदीप से इन मामलों की सुनवाई कर रहे हैं. हुड्डा पर आरोप है कि उन्होंने 64.93 करोड़ रुपये का प्लॉट एजेएल को 69 लाख 39 हजार रुपये में दिया था.
बता दें परिवर्तन निदेशालय ने पंचकूला में एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) को एक भूखंड आवंटन से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा से पूछताछ की थी. इस दौरान भूपेंद्र सिंह हुड्डा के धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत बयान दर्ज किए गए थे.
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ईडी की जांच में पाया गया था कि हुड्डा ने हरियाणा का मुख्यमंत्री रहने के दौरान अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया था. इस दौरान उन्होंने ये भूखंड पुनः आवंटन की आड़ में नए सिरे से एजेएल को 1982 की दर और ब्याज के साथ फर्जी तरीके से आवंटित की थी. बताया गया था कि 2005 में इस पुनः आवंटन से एजेएल को अनुचित फायदा हुआ. ईडी के मुताबिक इस भूखंड का बाजार मूल्य 64.93 करोड़ रुपये था. जिसमें हुड्डा को 69.39 लाख रुपये में आवंटित किया गया था.