हिसार: आर्य नगर हिसार के एक मामले में गांव के ही एक गैर अनुसूचित जाति समुदाय के व्यक्ति पर आरोप है कि वाल्मीकि समुदाय के अधिवक्ता की पत्नी के साथ छेड़खानी की तथा जब उसे रोका गया तो उसने दम्पति को जातिसूचक गालियां बकना शुरू कर दिया तथा दंपत्ति के साथ मारपीट की. इस मामले में आर्य नगर के विकास ने थाना आजाद नगर में छेड़खानी, मारपीट, जान से मारने की धमकी व एससी एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया था तथा जांच के दौरान इस बारे में बयान भी दर्ज कराए थे और ऑडियो, वीडियो रिकॉर्डिंग भी पेश की थी.
वकील रजत कल्सन का कहना है कि एक वीडियो रिकॉर्डिंग में आरोपी जातिसूचक गालियां बकने के बारे में माफी मांगता नजर आ रहा था. परंतु जांच अधिकारी ने एससी समुदाय के प्रति दुर्भावना के चलते गैरकानूनी तरीके से इस मुकदमे में एससी एसटी एक्ट की धाराओं को हटा दिया तथा अदालत में चालान पेश कर दिया. इस बारे में हमने अदालत में इस पर याचिका दायर कर विरोध जताया तथा अदालत से मांग की कि इस मामले में डीएसपी जोगिंदर शर्मा से स्पष्टीकरण मांगा जाए और मुकदमे में एससी एसटी एक्ट की धारा जोड़कर इसे विशेष अदालत में ट्रांसफर किया जाए.
वकील ने कहा कि इस मामले में पिछली चार तारीख पेशियों से डीएसपी जानबूझकर अदालत में पेश नहीं हो रहा है क्योंकि उसके पास उसकी गैर कानूनी करतूत का कोई जवाब नहीं है. लेकिन उसे इस बारे में लिखित स्पष्टीकरण देना होगा. आज भी इस मामले में तारीख पेशी पर उसे अदालत में पहुंचना था परंतु वह नहीं पहुंचा जिसके चलते अदालत ने उसके खिलाफ वारंट जारी कर दिए हैं.
वकील रजत कल्सन ने कहा कि जिस तरह से हरियाणा में पुलिस अधिकारी एससी एसटी एक्ट के केसों को नाजायज तरीके से खारिज कर रहे हैं, हमें इस मामले में मजबूती से अपना कानूनी पक्ष रखना होगा अन्यथा हरियाणा पुलिस एससी एसटी एक्ट को खत्म करने के लिए पूरी तरह कमर कस चुकी है. हमें भी अपने इस एकमात्र सुरक्षा कवच को बचाने के लिए कमर कसनी होगी.