नई दिल्ली: भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक डॉ. राजीव बहल ने मंगलवार को कहा कि दो भारतीय कंपनियां डेंगू के टीके विकसित करने के लिए परीक्षण कर रही हैं.
दो कंपनियों-पैनेसिया और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) द्वारा किया गया ट्रायल पूरा होने के अलग-अलग चरणों में है. परीक्षण ICMR के सहयोग से किए जा रहे हैं. रामबाण ने चरण I/II किया है और 18 से 60 वर्ष की आयु के बीच के 100 वयस्कों पर परीक्षण पूरा किया गया है.
डॉ. बहल ने कहा, हालांकि पैनेशिया को तीन महीने पहले परीक्षणों को पूरा करना था और उत्पादों को बनाना था, लेकिन अब इसने अगस्त की एक नई समयरेखा निर्धारित की है. टीके की प्रभावकारिता के बारे में पूछे जाने पर डॉ. बहल ने कहा कि वर्तमान में इसकी सटीक प्रभावकारिता है. प्रभावकारिता परीक्षण अभी शुरू होना बाकी है. जब तक और जब तक प्रभावकारिता परीक्षण नहीं किया जाता है, तब तक हम यह नहीं कह सकते कि टीके कितने सफल होंगे.
ICMR के डीजी ने बताया कि अध्ययन का प्राथमिक उद्देश्य सुरक्षा मूल्यांकन, इम्यूनोजेनेसिटी और विरेमिया मूल्यांकन है. बहल ने कहा, 'अब, कंपनी आईसीएमआर के 20 विभिन्न स्थलों पर 18 से 80 वर्ष की आयु के 10,335 स्वस्थ वयस्कों पर परीक्षण करेगी.'
बहल ने कहा कि SII जो परीक्षण भी कर रहा है, वह 60 वयस्कों के साथ पहले चरण को पूरा कर चुका है. परीक्षण का प्राथमिक उद्देश्य सुरक्षा मूल्यांकन था. ICMR के आंकड़ों के अनुसार, 2022 में भारत में डेंगू के कुल मामले 110,473 थे. ICMR ने कहा कि भारत भर के कई राज्यों में डेंगू के कई मामले सामने आए हैं.
पढ़ें- ICMR Report : मॉडरेट असर वाला टीका भारत में टीबी के खिलाफ लड़ाई में होगा कारगर