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तेजिंदर बग्गा को बड़ी राहत, हाईकोर्ट ने 5 जुलाई तक गिरफ्तारी पर लगाई रोक

बीजेपी नेता तेजिंदर पाल बग्गा की गिरफ्तारी मामले (Tejinder Bagga case in high court) पर मंगलवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. हाईकोर्ट ने बग्गा की गिरफ्तारी पर 5 जुलाई तक रोक लगा दी है.

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Published : May 10, 2022, 10:04 AM IST

Updated : May 10, 2022, 5:27 PM IST

चंडीगढ़: पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट से बीजेपी नेता तेजिंदर बग्गा को बड़ी राहत मिली है. मंगलवार को सुनवाई के बाद कोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश को 5 जुलाई तक बरकरार रखने के आदेश दिए हैं. इस आदेश के बाद अब 5 जुलाई तक तेजिंदर बग्गा की गिरफ्तारी नहीं हो सकती है. दरअसल हाईकोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान बग्गा की गिरफ्तारी पर 10 मई तक रोक लगाई थी और अब उसी आदेश को 5 जुलाई तक जारी रखने के आदेश दिए हैं. अब इस मामले की सुनवाई 6 जुलाई को होगी.

मंगलवार को अधिवक्ता पुनीत बाली ने पंजाब सरकार की तरफ से पक्ष रखा. वहीं हरियाणा सरकार की तरफ से बताया गया कि उनकी तरफ से सीसीटीवी फुटेज को संभालकर रखा गया है. पंजाब सरकार ने कहा कि उस फुटेज को कोर्ट में पेश किया जाए. वहीं दिल्ली पुलिस की तरफ से कहा गया कि पंजाब सरकार की तरफ से दायर हेबियस कॉर्पस (habeas corpus) पेटिशन का कोई मतलब नहीं है क्योंकि पंजाब सरकार का कोई भी पुलिस अधिकारी दिल्ली या हरियाणा पुलिस की हिरासत में है.

जानिये तेजिंदर बग्गा मामले में हाईकोर्ट में क्या हुआ ?

दरअसल पंजाब सरकार की तरफ से बार-बार कहा जाता रहा है कि बग्गा को गिरफ्तार करने दिल्ली गई पंजाब पुलिस के जवानों को पहले दिल्ली पुलिस और फिर पंजाब आते वक्त हरियाणा पुलिस में हिरासत में लिया था. इसी वजह से पंजाब की तरफ से सीसीटीवी फुटेज संरक्षित करने वाली याचिका हाईकोर्ट में दायर की गई थी. सुनवाई के बाद कोर्ट ने बग्गा की गिरफ्तारी पर 5 जुलाई तक रोक लगा दी.

बग्गा से दो बार पूछताछ कर सकती है पंजाब पुलिस- पंजाब-हरियाणा हाइकोर्ट ने बग्गा को 6 जुलाई तक राहत तो दी है लेकिन साथ ही पुलिस को भी पूछताछ की सशर्त अनुमति दी है. कोर्ट ने आदेश दिया है कि इस एक आईपीएस अधिकारी की मौजूदगी में पंजाब पुलिस तेजिंदर बग्गा से इस दौरान दो बार एक-एक घंटे के लिए पूछताछ कर सकती है. इस टीम में 3 से ज्यादा लोग नहीं होने चाहिए.

केंद्र और दिल्ली पुलिस को नोटिस- पिछली सुनवाई के दौरान पंजाब पुलिस की तरफ से हाइकोर्ट में दो याचिकाएं दायर की गई थी. जिनमें से पहली केंद्र सरकार और केंद्र सरकार को मामले में पक्षकार बनाने की मांग थी और दूसरी हरियाणा और दिल्ली पुलिस के सीसीटीवी फुटेज को संरक्षित करने की मांग थी. दरअसल पंजाब की तरफ से दिल्ली पुलिस औऱ हरियाणा पुलिस पर पंजाब पुलिस के अधिकारियों को हिरासत में रखने के आरोप लगे थे, दिल्ली औऱ हरियाणा पुलिस ने इस बात से इनकार किया था. जिस पर पंजाब की तरफ से सीसीटीवी फुटेज सहेज कर रखने की मांग की गई. मंगलवार को हाइकोर्ट ने पंजाब सरकार की दोनों याचिकाओं को स्वीकार करते हुए केंद्र औऱ हरियाणा सरकार को नोटिस भेज दिया है. वहीं हरियाणा पुलिस की तरफ से कोर्ट में बताया गया है कि उनकी तरफ से सीसीटीवी फुटेज सुरक्षित रख लिए गए हैं.

6 मई को बग्गा की हुई थी गिरफ्तारी- दरअसल बीजेपी नेता तजिंदर सिंह बग्गा को 6 मई की सुबह पंजाब पुलिस ने दिल्ली से गिरफ्तार किया था. बग्गा के खिलाफ मोहाली की अदालत ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया था. तेजिंदर सिंह बग्गा ने इस वारंट के खिलाफ पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट (Tejinder Bagga case in high court) का रुख किया था. इस मामले पर 7-8 मई की आधी रात को सुनवाई हुई और 10 मई तक बग्गा की गिरफ्तारी पर कोर्ट ने रोक लगा दी. जस्टिस अनूप चितकारा ने अपने आवास पर आधी रात को अत्यावश्यक आधार पर बग्गा की याचिका पर सुनवाई की थी.

पंजाब के एडवोकेट जनरल ने राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को बताया था कि 10 मई सुबह 11 बजे तक तेजिंदर बग्गा (Tajinder Singh Bagga) के खिलाफ जारी नॉन बेलेबल वारंट पर कार्रवाई नहीं करेंगे. जिसके बाद कोर्ट ने कहा कि एडवोकेट जनरल की बात को ध्यान में रखते हुए इस मामले को 10 मई को सुनवाई के लिए रखा जाए. तेजिंदर पाल सिंह बग्गा के वकील चेतन मित्तल ने कहा कि अदालत ने प्राथमिकी को रद्द करने की मांग वाली याचिका पर अगली तारीख तक दंडात्मक कार्रवाई से सुरक्षा प्रदान की है.

तेजिंदर सिंह बग्गा केस क्या है- पंजाब पुलिस ने अप्रैल में भड़काऊ भाषण देने के मामले और आपराधिक धमकी के केस में बग्गा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी. मोहाली निवासी आप नेता सन्नी अहलूवालिया की शिकायत पर यह मामला दर्ज किया गया है. 31 मार्च को बग्गा भाजपा युवा मोर्चा के साथ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे. बग्गा के 31 मार्च के बयान को लेकर एक अप्रैल को उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी.

तेजिंदर बग्गा के खिलाफ मामला दर्ज करने के बाद पंजाब पुलिस ने 6 मई को सुबह बग्गा को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया. बीजेपी नेता की गिरफ्तारी होने से हड़कंप मच गया. दिल्ली और पंजाब पुलिस इस मामले को लेकर आमने-सामने हो गई. पंजाब पुलिस बग्गा को गिरफ्तार करके हरियाणा के रास्ते पंजाब जा रही थी. इसी बीच दिल्ली पुलिस सक्रिय हो गई और कुरुक्षेत्र में हरियाणा पुलिस ने पंजाब पुलिस को रोक लिया.

तेजिंदर सिंह बग्गा की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली में बग्गा के परिजनों की तरफ से एक एफआईआर दर्ज करवाई गई. दिल्ली पुलिस ने पंजाब पुलिस पर बग्गा के अपहरण का केस दर्ज किया और उसे बरामद करने तुरंत निकल पड़ी. इस मामले की जानकारी दिल्ली पुलिस की तरफ से हरियाणा पुलिस को दी गई. जिस पर कार्रवाई करते हुए कुरुक्षेत्र में पंजाब पुलिस की टीम को हरियाणा पुलिस ने रोक लिया गया. हरियाणा, पंजाब और दिल्ली पुलिस कुरुक्षेत्र के पीपली सदर थाने में इकट्ठा हो गई. जिसके बाद हरियाणा पुलिस ने बग्गा को दिल्ली पुलिस के हवाले कर दिया.

ये भी पढ़ें-तेजिंदर बग्गा को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट से राहत, 10 मई तक गिरफ्तारी पर रोक

चंडीगढ़: पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट से बीजेपी नेता तेजिंदर बग्गा को बड़ी राहत मिली है. मंगलवार को सुनवाई के बाद कोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश को 5 जुलाई तक बरकरार रखने के आदेश दिए हैं. इस आदेश के बाद अब 5 जुलाई तक तेजिंदर बग्गा की गिरफ्तारी नहीं हो सकती है. दरअसल हाईकोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान बग्गा की गिरफ्तारी पर 10 मई तक रोक लगाई थी और अब उसी आदेश को 5 जुलाई तक जारी रखने के आदेश दिए हैं. अब इस मामले की सुनवाई 6 जुलाई को होगी.

मंगलवार को अधिवक्ता पुनीत बाली ने पंजाब सरकार की तरफ से पक्ष रखा. वहीं हरियाणा सरकार की तरफ से बताया गया कि उनकी तरफ से सीसीटीवी फुटेज को संभालकर रखा गया है. पंजाब सरकार ने कहा कि उस फुटेज को कोर्ट में पेश किया जाए. वहीं दिल्ली पुलिस की तरफ से कहा गया कि पंजाब सरकार की तरफ से दायर हेबियस कॉर्पस (habeas corpus) पेटिशन का कोई मतलब नहीं है क्योंकि पंजाब सरकार का कोई भी पुलिस अधिकारी दिल्ली या हरियाणा पुलिस की हिरासत में है.

जानिये तेजिंदर बग्गा मामले में हाईकोर्ट में क्या हुआ ?

दरअसल पंजाब सरकार की तरफ से बार-बार कहा जाता रहा है कि बग्गा को गिरफ्तार करने दिल्ली गई पंजाब पुलिस के जवानों को पहले दिल्ली पुलिस और फिर पंजाब आते वक्त हरियाणा पुलिस में हिरासत में लिया था. इसी वजह से पंजाब की तरफ से सीसीटीवी फुटेज संरक्षित करने वाली याचिका हाईकोर्ट में दायर की गई थी. सुनवाई के बाद कोर्ट ने बग्गा की गिरफ्तारी पर 5 जुलाई तक रोक लगा दी.

बग्गा से दो बार पूछताछ कर सकती है पंजाब पुलिस- पंजाब-हरियाणा हाइकोर्ट ने बग्गा को 6 जुलाई तक राहत तो दी है लेकिन साथ ही पुलिस को भी पूछताछ की सशर्त अनुमति दी है. कोर्ट ने आदेश दिया है कि इस एक आईपीएस अधिकारी की मौजूदगी में पंजाब पुलिस तेजिंदर बग्गा से इस दौरान दो बार एक-एक घंटे के लिए पूछताछ कर सकती है. इस टीम में 3 से ज्यादा लोग नहीं होने चाहिए.

केंद्र और दिल्ली पुलिस को नोटिस- पिछली सुनवाई के दौरान पंजाब पुलिस की तरफ से हाइकोर्ट में दो याचिकाएं दायर की गई थी. जिनमें से पहली केंद्र सरकार और केंद्र सरकार को मामले में पक्षकार बनाने की मांग थी और दूसरी हरियाणा और दिल्ली पुलिस के सीसीटीवी फुटेज को संरक्षित करने की मांग थी. दरअसल पंजाब की तरफ से दिल्ली पुलिस औऱ हरियाणा पुलिस पर पंजाब पुलिस के अधिकारियों को हिरासत में रखने के आरोप लगे थे, दिल्ली औऱ हरियाणा पुलिस ने इस बात से इनकार किया था. जिस पर पंजाब की तरफ से सीसीटीवी फुटेज सहेज कर रखने की मांग की गई. मंगलवार को हाइकोर्ट ने पंजाब सरकार की दोनों याचिकाओं को स्वीकार करते हुए केंद्र औऱ हरियाणा सरकार को नोटिस भेज दिया है. वहीं हरियाणा पुलिस की तरफ से कोर्ट में बताया गया है कि उनकी तरफ से सीसीटीवी फुटेज सुरक्षित रख लिए गए हैं.

6 मई को बग्गा की हुई थी गिरफ्तारी- दरअसल बीजेपी नेता तजिंदर सिंह बग्गा को 6 मई की सुबह पंजाब पुलिस ने दिल्ली से गिरफ्तार किया था. बग्गा के खिलाफ मोहाली की अदालत ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया था. तेजिंदर सिंह बग्गा ने इस वारंट के खिलाफ पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट (Tejinder Bagga case in high court) का रुख किया था. इस मामले पर 7-8 मई की आधी रात को सुनवाई हुई और 10 मई तक बग्गा की गिरफ्तारी पर कोर्ट ने रोक लगा दी. जस्टिस अनूप चितकारा ने अपने आवास पर आधी रात को अत्यावश्यक आधार पर बग्गा की याचिका पर सुनवाई की थी.

पंजाब के एडवोकेट जनरल ने राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को बताया था कि 10 मई सुबह 11 बजे तक तेजिंदर बग्गा (Tajinder Singh Bagga) के खिलाफ जारी नॉन बेलेबल वारंट पर कार्रवाई नहीं करेंगे. जिसके बाद कोर्ट ने कहा कि एडवोकेट जनरल की बात को ध्यान में रखते हुए इस मामले को 10 मई को सुनवाई के लिए रखा जाए. तेजिंदर पाल सिंह बग्गा के वकील चेतन मित्तल ने कहा कि अदालत ने प्राथमिकी को रद्द करने की मांग वाली याचिका पर अगली तारीख तक दंडात्मक कार्रवाई से सुरक्षा प्रदान की है.

तेजिंदर सिंह बग्गा केस क्या है- पंजाब पुलिस ने अप्रैल में भड़काऊ भाषण देने के मामले और आपराधिक धमकी के केस में बग्गा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी. मोहाली निवासी आप नेता सन्नी अहलूवालिया की शिकायत पर यह मामला दर्ज किया गया है. 31 मार्च को बग्गा भाजपा युवा मोर्चा के साथ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे. बग्गा के 31 मार्च के बयान को लेकर एक अप्रैल को उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी.

तेजिंदर बग्गा के खिलाफ मामला दर्ज करने के बाद पंजाब पुलिस ने 6 मई को सुबह बग्गा को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया. बीजेपी नेता की गिरफ्तारी होने से हड़कंप मच गया. दिल्ली और पंजाब पुलिस इस मामले को लेकर आमने-सामने हो गई. पंजाब पुलिस बग्गा को गिरफ्तार करके हरियाणा के रास्ते पंजाब जा रही थी. इसी बीच दिल्ली पुलिस सक्रिय हो गई और कुरुक्षेत्र में हरियाणा पुलिस ने पंजाब पुलिस को रोक लिया.

तेजिंदर सिंह बग्गा की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली में बग्गा के परिजनों की तरफ से एक एफआईआर दर्ज करवाई गई. दिल्ली पुलिस ने पंजाब पुलिस पर बग्गा के अपहरण का केस दर्ज किया और उसे बरामद करने तुरंत निकल पड़ी. इस मामले की जानकारी दिल्ली पुलिस की तरफ से हरियाणा पुलिस को दी गई. जिस पर कार्रवाई करते हुए कुरुक्षेत्र में पंजाब पुलिस की टीम को हरियाणा पुलिस ने रोक लिया गया. हरियाणा, पंजाब और दिल्ली पुलिस कुरुक्षेत्र के पीपली सदर थाने में इकट्ठा हो गई. जिसके बाद हरियाणा पुलिस ने बग्गा को दिल्ली पुलिस के हवाले कर दिया.

ये भी पढ़ें-तेजिंदर बग्गा को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट से राहत, 10 मई तक गिरफ्तारी पर रोक

Last Updated : May 10, 2022, 5:27 PM IST
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