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राकेश टिकैत की घोषणा, 'अग्निपथ' के खिलाफ 24 जून को देशव्यापी प्रदर्शन करेगा किसान मोर्चा

हरियाणा के करनाल में एसकेएम समन्वय समिति के निर्णय के अनुसार 24 जून को देशभर के जिला व तहसील मुख्यालयों पर अग्निपथ योजना के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा प्रदर्शन करेगा.'

Samyukta Kisan Morcha
Samyukta Kisan Morcha
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Published : Jun 20, 2022, 7:05 PM IST

Updated : Jun 20, 2022, 11:10 PM IST

नई दिल्ली: संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने सेना में भर्ती से जुड़ी अग्निपथ योजना के खिलाफ 24 जून को देशव्यापी प्रदर्शन करने की घोषणा की है. किसान नेता राकेश टिकैत ने सोमवार को कहा कि विरोध प्रदर्शन का निर्णय करनाल (हरियाणा) में एसकेएम की समन्वय समिति की बैठक के दौरान लिया गया. टिकैत ने शुक्रवार को प्रदर्शन के लिए युवाओं, नागरिक संस्थाओं और राजनीतिक दलों के समर्थन का आग्रह किया है.

टिकैत ने कहा, 'करनाल में एसकेएम समन्वय समिति के निर्णय के अनुसार 24 जून को देशभर के जिला व तहसील मुख्यालयों पर अग्निपथ योजना के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा प्रदर्शन करेगा.' भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता टिकैत ने ट्वीट किया, 'युवाओं, नागरिक संस्थाओं, दलों से एकत्रित होने की अपील है. भारतीय किसान यूनियन का 30 जून को होने वाला प्रदर्शन 24 जून को होगा.'

संयुक्त किसान मोर्चा
संयुक्त किसान मोर्चा

अग्निपथ योजना को देश के भविष्य के साथ खिलवाड़ बताते हुए संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि यह न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा और बेरोजगार युवाओं के सपनों के साथ खिलवाड़ है, बल्कि देश के किसान परिवारों के साथ भी धोखा है. इस देश का जवान वर्दीधारी किसान है. अधिकांश सैनिक किसान परिवार से हैं. सेना की नौकरी लाखों किसान परिवारों के मान और आर्थिक संबल से जुड़ी है. यह देश के लिए शर्म का विषय है कि "वन रैंक वन पेंशन" के वादे के साथ पूर्व सैनिकों की रैली से अपना विजय अभियान शुरू करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अब "नो रैंक नो पेंशन" की इस योजना को लाद दिया है.

मोर्चा ने कहना है कि सेना में नियमित भर्ती में भारी कटौती उन किसान पुत्रों के साथ धोखा है जिन्होंने बरसों से फौज में सेवा करने का सपना संजोया था. यह संयोग नहीं है कि इस योजना में "ऑल इंडिया ऑल क्लास" के नियम से भर्ती करने पर उन सभी इलाकों से भर्ती में सबसे ज्यादा कटौती होगी, जहां किसान आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया गया था. किसान आंदोलन के हाथों अपनी पराजय से तिलमिलाई हुई इस सरकार का किसानों से बदला उतारने का एक और हथकंडा है.

टिकैत के संगठन भाकियू ने पहले 30 जून को अग्निपथ योजना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया था. भाकियू कृषि कानूनों के खिलाफ एसकेएम के नेतृत्व वाले आंदोलन का हिस्सा थी. कृषि कानून वापस ले लिए गए थे.

यह भी पढ़ें- युवाओं को अपनी हड्डियां गलाने के बाद मिलती है सेना में नौकरी: वरुण गांधी

नई दिल्ली: संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने सेना में भर्ती से जुड़ी अग्निपथ योजना के खिलाफ 24 जून को देशव्यापी प्रदर्शन करने की घोषणा की है. किसान नेता राकेश टिकैत ने सोमवार को कहा कि विरोध प्रदर्शन का निर्णय करनाल (हरियाणा) में एसकेएम की समन्वय समिति की बैठक के दौरान लिया गया. टिकैत ने शुक्रवार को प्रदर्शन के लिए युवाओं, नागरिक संस्थाओं और राजनीतिक दलों के समर्थन का आग्रह किया है.

टिकैत ने कहा, 'करनाल में एसकेएम समन्वय समिति के निर्णय के अनुसार 24 जून को देशभर के जिला व तहसील मुख्यालयों पर अग्निपथ योजना के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा प्रदर्शन करेगा.' भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता टिकैत ने ट्वीट किया, 'युवाओं, नागरिक संस्थाओं, दलों से एकत्रित होने की अपील है. भारतीय किसान यूनियन का 30 जून को होने वाला प्रदर्शन 24 जून को होगा.'

संयुक्त किसान मोर्चा
संयुक्त किसान मोर्चा

अग्निपथ योजना को देश के भविष्य के साथ खिलवाड़ बताते हुए संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि यह न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा और बेरोजगार युवाओं के सपनों के साथ खिलवाड़ है, बल्कि देश के किसान परिवारों के साथ भी धोखा है. इस देश का जवान वर्दीधारी किसान है. अधिकांश सैनिक किसान परिवार से हैं. सेना की नौकरी लाखों किसान परिवारों के मान और आर्थिक संबल से जुड़ी है. यह देश के लिए शर्म का विषय है कि "वन रैंक वन पेंशन" के वादे के साथ पूर्व सैनिकों की रैली से अपना विजय अभियान शुरू करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अब "नो रैंक नो पेंशन" की इस योजना को लाद दिया है.

मोर्चा ने कहना है कि सेना में नियमित भर्ती में भारी कटौती उन किसान पुत्रों के साथ धोखा है जिन्होंने बरसों से फौज में सेवा करने का सपना संजोया था. यह संयोग नहीं है कि इस योजना में "ऑल इंडिया ऑल क्लास" के नियम से भर्ती करने पर उन सभी इलाकों से भर्ती में सबसे ज्यादा कटौती होगी, जहां किसान आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया गया था. किसान आंदोलन के हाथों अपनी पराजय से तिलमिलाई हुई इस सरकार का किसानों से बदला उतारने का एक और हथकंडा है.

टिकैत के संगठन भाकियू ने पहले 30 जून को अग्निपथ योजना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया था. भाकियू कृषि कानूनों के खिलाफ एसकेएम के नेतृत्व वाले आंदोलन का हिस्सा थी. कृषि कानून वापस ले लिए गए थे.

यह भी पढ़ें- युवाओं को अपनी हड्डियां गलाने के बाद मिलती है सेना में नौकरी: वरुण गांधी

Last Updated : Jun 20, 2022, 11:10 PM IST
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