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हरियाणा में ज़हरीले जाम पर सियासत ज़ोरदार, यमुनानगर मौत मामले में विपक्ष ने सरकार को घेरा, न्यायिक जांच की मांग

Politics on Yamunanagar Hooch Tragedy : यमुनानगर में जहरीली शराब पीने से हुई मौतों पर अब विपक्ष सरकार पर हमलावर हो गया है. कहा जा रहा है कि अगर पहले की घटनाओं पर सरकार एक्शन लेती तो शायद इस घटना को टाला जा सकता था. वहीं पुलिस की कार्रवाई को लेकर भी कई सवाल है.

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हरियाणा में ज़हरीले जाम पर सियासत ज़ोरदार
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 9, 2023, 4:13 PM IST

चंडीगढ़ : हरियाणा के यमुनानगर में ज़हरीली शराब से मौत मामले में सियासत शुरू हो गई है. बुधवार को जब ये घटना हुई तो उस वक्त हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर यमुनानगर के जगाधरी विधानसभा में ही जनसंवाद कर रहे थे जो कि घटनास्थल से महज 44 किलोमीटर की दूरी पर है. विपक्ष पूरे मामले को लेकर सरकार को घेर रहा है.

सवालों में पुलिस की कार्रवाई : यमुनानगर में जहरीली शराब पीने से 7 लोगों की मौत की घटना के बाद पुलिस की कार्रवाई पर भी लोग सवाल उठा रहे हैं. पुलिस ने मामले में हत्या का केस दर्ज किया है. पुलिस इसे संदिग्ध मामला बता रही है, जबकि लोग कह रहे हैं कि मौतें जहरीली शराब पीने से हुई है.

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ज़हरीली शराब से मौत पर मातम

इनेलो के निशाने पर सरकार : इनेलो के वरिष्ठ नेता और ऐलनाबाद से विधायक अभय चौटाला कहते हैं कि सरकार अगर सोनीपत या फिर पानीपत के मामले में सख्त एक्शन लेती तो यमुनानगर में ऐसी घटना नहीं होती. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार कार्रवाई करने के बजाय ऐसे लोगों को संरक्षण देने का काम कर रही है. पुलिस की नाक के नीचे ही ऐसा हो रहा है. वहीं जब लॉकडाउन लगा था तो तब भी उस दौरान शराब और नशीले पदार्थ बेचे जाते रहे. उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों की ज्यूडिशियल जांच होनी चाहिए. पुलिस ऐसे मामलों में ईमानदारी से काम नहीं कर सकती क्योंकि वो अकसर दबाव में होती है.

ये भी पढ़ें : हरियाणा में जहरीली शराब पीने से 7 लोगों की मौत, जानिए क्यों सवालों में है पुलिस की जांच?

कांग्रेस ने उठाए सवाल : जहरीली शराब के मामले को लेकर कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता केवल ढींगरा कहते हैं कि ये घटना इस बात को दर्शाती है कि सरकार का तंत्र पूरी तरह से फेल हो चुका है. वे कहते हैं कि सरकार जहरीली शराब के नेटवर्क पर शिकंजा कसने में नाकाम रही है. साथ ही उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का बुधवार को यमुनानगर जिले में जनसंवाद था. लेकिन इसके बावजूद वहां ये दुखद घटना हो गई जिससे ये साबित होता है कि सरकारी तंत्र अवैध शराब के कारोबारियों के सामने कितना लाचार हो गया है.

'आप' का सरकार पर वार : इस मामले में आम आदमी पार्टी के अंबाला लोकसभा क्षेत्र के जॉइंट सेक्रेटरी ललित त्यागी कहते हैं कि अवैध शराब की बिक्री पर रोक लगाने में सरकार बुरी तरह फेल हो गई है.

ये भी पढ़ें : मां ने नशे के लिए पैसा नहीं दिया तो बेटे ने रोटी वाले तवे से मार डाला, बाद में बोला- पछतावा है

बीजेपी ने क्या कहा ? : यमुनानगर में हुई घटना पर बोलते हुए सीएम के मीडिया सचिव प्रवीण अत्रे कहते हैं कि ये बेहद दुखद घटना है. वे कहते हैं कि सरकार ऐसे मामलों को लेकर गंभीर है और दोषियों के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा.

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घटना के बाद जमा हुए लोग

ज़हरीले जाम के आंकड़े : दिसंबर 2022 में हरियाणा विधानसभा में गृह मंत्री अनिल विज ने आंकड़े पेश करते हुए बताया था कि साल 2016 से 2022 के बीच हरियाणा के अलग-अलग जिलों में ज़हरीली शराब से कुल 36 मौतें हुई थी. इनमें साल 2016 में 2 मौतें, 2020 में 30 मौतेंं जबकि 2022 में कुल 4 मौतें ज़हरीली शराब पीने से हुई थी.

चंडीगढ़ : हरियाणा के यमुनानगर में ज़हरीली शराब से मौत मामले में सियासत शुरू हो गई है. बुधवार को जब ये घटना हुई तो उस वक्त हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर यमुनानगर के जगाधरी विधानसभा में ही जनसंवाद कर रहे थे जो कि घटनास्थल से महज 44 किलोमीटर की दूरी पर है. विपक्ष पूरे मामले को लेकर सरकार को घेर रहा है.

सवालों में पुलिस की कार्रवाई : यमुनानगर में जहरीली शराब पीने से 7 लोगों की मौत की घटना के बाद पुलिस की कार्रवाई पर भी लोग सवाल उठा रहे हैं. पुलिस ने मामले में हत्या का केस दर्ज किया है. पुलिस इसे संदिग्ध मामला बता रही है, जबकि लोग कह रहे हैं कि मौतें जहरीली शराब पीने से हुई है.

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ज़हरीली शराब से मौत पर मातम

इनेलो के निशाने पर सरकार : इनेलो के वरिष्ठ नेता और ऐलनाबाद से विधायक अभय चौटाला कहते हैं कि सरकार अगर सोनीपत या फिर पानीपत के मामले में सख्त एक्शन लेती तो यमुनानगर में ऐसी घटना नहीं होती. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार कार्रवाई करने के बजाय ऐसे लोगों को संरक्षण देने का काम कर रही है. पुलिस की नाक के नीचे ही ऐसा हो रहा है. वहीं जब लॉकडाउन लगा था तो तब भी उस दौरान शराब और नशीले पदार्थ बेचे जाते रहे. उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों की ज्यूडिशियल जांच होनी चाहिए. पुलिस ऐसे मामलों में ईमानदारी से काम नहीं कर सकती क्योंकि वो अकसर दबाव में होती है.

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कांग्रेस ने उठाए सवाल : जहरीली शराब के मामले को लेकर कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता केवल ढींगरा कहते हैं कि ये घटना इस बात को दर्शाती है कि सरकार का तंत्र पूरी तरह से फेल हो चुका है. वे कहते हैं कि सरकार जहरीली शराब के नेटवर्क पर शिकंजा कसने में नाकाम रही है. साथ ही उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का बुधवार को यमुनानगर जिले में जनसंवाद था. लेकिन इसके बावजूद वहां ये दुखद घटना हो गई जिससे ये साबित होता है कि सरकारी तंत्र अवैध शराब के कारोबारियों के सामने कितना लाचार हो गया है.

'आप' का सरकार पर वार : इस मामले में आम आदमी पार्टी के अंबाला लोकसभा क्षेत्र के जॉइंट सेक्रेटरी ललित त्यागी कहते हैं कि अवैध शराब की बिक्री पर रोक लगाने में सरकार बुरी तरह फेल हो गई है.

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बीजेपी ने क्या कहा ? : यमुनानगर में हुई घटना पर बोलते हुए सीएम के मीडिया सचिव प्रवीण अत्रे कहते हैं कि ये बेहद दुखद घटना है. वे कहते हैं कि सरकार ऐसे मामलों को लेकर गंभीर है और दोषियों के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा.

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घटना के बाद जमा हुए लोग

ज़हरीले जाम के आंकड़े : दिसंबर 2022 में हरियाणा विधानसभा में गृह मंत्री अनिल विज ने आंकड़े पेश करते हुए बताया था कि साल 2016 से 2022 के बीच हरियाणा के अलग-अलग जिलों में ज़हरीली शराब से कुल 36 मौतें हुई थी. इनमें साल 2016 में 2 मौतें, 2020 में 30 मौतेंं जबकि 2022 में कुल 4 मौतें ज़हरीली शराब पीने से हुई थी.

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