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त्रिपुरा में राजनीतिक हिंसा : भाजपा कार्यकर्ताओं पर तोड़फोड़ व आगजनी के आरोप - माकपा के कार्यालयों पर हमला

त्रिपुरा में राजनीतिक हिंसा का दौर जारी है. हिंसक भीड़ ने विपक्षी पार्टी माकपा के कम से कम आठ पार्टी कार्यालयों पर हमला किया. कुछ कार्यलयों को जला दिया गया और कुछ को क्षतिग्रस्त कर दिया गया है. हिंसा में कई वाहनों और अन्य संपत्तियों को तोड़ दिया गया.

त्रिपुरा में राजनीतिक हिंसा
त्रिपुरा में राजनीतिक हिंसा
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Published : Sep 9, 2021, 9:39 AM IST

Updated : Sep 9, 2021, 10:44 AM IST

अगरतला : त्रिपुरा में मुख्य विपक्षी मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के कम से कम आठ पार्टी कार्यालयों को या तो जला दिया गया या क्षतिग्रस्त कर दिया गया, जबकि अगरतला और राज्य के तीन अन्य जिलों में बुधवार को कई वाहनों और अन्य संपत्तियों को तोड़ दिया गया. बुधवार को हुई हिंसा से अगरतला शहर के लोगों में दहशत फैल गई. शहरवासियों ने लंबे समय के बाद ऐसी हिंसा देखी.

भाजपा कार्यकर्ताओं ने बुधवार को वाम दलों की हिंसक राजनीति के खिलाफ रैली निकाली थी. इस दौरान भाजपा समर्थकों द्वारा कथित तौर पर कुछ वाहनों को आग लगा दी गई. माकपा नेताओं ने आरोप लगाया कि जैसे ही भाजपा की रैली मेलारमठ पहुंची, भाजपा समर्थकों का एक समूह पार्टी मुख्यालय में घुस गया और तोड़फोड़ की. कई वाहनों और मोटरसाइकिलों को आग के हवाले कर दिया गया.

त्रिपुरा में राजनीतिक हिंसा

उन्होंने बताया कि भाजपा समर्थकों की भीड़ ने एक स्थानीय मीडिया हाउस के दफ्तर में भी घुसकर तोड़फोड़ की. हालांकि, भाजपा नेताओं ने इन आरोपों का खंडन किया है.

माकपा पोलित ब्यूरो सदस्य और पूर्व मुख्यमंत्री माणिक सरकार ने कहा कि अगरतला में पार्टी कार्यालयों पर हमलों के लिए भाजपा नेताओं के नेतृत्व में सत्ताधारी पार्टी के कार्यकर्ता जिम्मेदार हैं. सरकार ने कहा कि त्रिपुरा के विभिन्न हिस्सों में माकपा के पार्टी कार्यालयों में आगजनी और अभूतपूर्व हमलों के दौरान उन्होंने मुख्य सचिव कुमार आलोक और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से बात की और उनसे इस पूर्व नियोजित राजनीतिक हिंसा को रोकने का अनुरोध किया.

उन्होंने मीडिया से कहा, ज्यादातर जगहों पर पुलिस मूकदर्शक बनी रही, क्योंकि भाजपा के लोगों ने लगभग एक साथ 8 से 10 स्थानों पर आतंक का राज फैलाया.

त्रिपुरा वाम मोर्चा के संयोजक बिजन धर ने कहा कि बिशालगढ़ में माकपा के जिला कार्यालय को पहले एक बुलडोजर से क्षतिग्रस्त किया गया और फिर आग लगा दी गई, जिससे अधिकांश संपत्ति और कागजात जलकर राख हो गए. उन्होंने यह भी कहा कि अगरतला और राज्य के अन्य स्थानों में छह वाहन और एक दर्जन से अधिक दोपहिया वाहन जला दिए गए.

धर ने मीडिया से कहा, 'मंत्री, राज्य विधानसभा के उपाध्यक्ष और भाजपा के वरिष्ठ नेता अपने पार्टी कार्यकर्ताओं और सदस्यों को विपक्षी पार्टी के सदस्यों और उनके कार्यालयों पर हमले जारी रखने के लिए उकसा रहे हैं.' उन्होंने यह भी कहा कि बुधवार को हुए सिलसिलेवार हमलों में नेता नानी पॉल और पार्थ प्रतिम मजूमदार समेत बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता गंभीर रूप से घायल हो गए.

यह भी पढ़ें- त्रिपुरा में तृणमूल कांग्रेस के नेताओं पर हमला, दो घायल

इस बीच, भाजपा प्रवक्ता नबेंदु भट्टाचार्जी ने कहा कि माणिक सरकार खुद त्रिपुरा के विभिन्न हिस्सों में, शांतिपूर्ण राज्य में अराजकता पैदा करने के लिए हिंसा भड़का रहे हैं. उन्होंने दावा किया कि बुधवार को जब भाजपा सदस्य और नेता अगरतला और राज्य के अन्य हिस्सों में रैलियां कर रहे थे, तो माकपा कार्यकर्ताओं ने उन पर पथराव किया.

अगरतला : त्रिपुरा में मुख्य विपक्षी मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के कम से कम आठ पार्टी कार्यालयों को या तो जला दिया गया या क्षतिग्रस्त कर दिया गया, जबकि अगरतला और राज्य के तीन अन्य जिलों में बुधवार को कई वाहनों और अन्य संपत्तियों को तोड़ दिया गया. बुधवार को हुई हिंसा से अगरतला शहर के लोगों में दहशत फैल गई. शहरवासियों ने लंबे समय के बाद ऐसी हिंसा देखी.

भाजपा कार्यकर्ताओं ने बुधवार को वाम दलों की हिंसक राजनीति के खिलाफ रैली निकाली थी. इस दौरान भाजपा समर्थकों द्वारा कथित तौर पर कुछ वाहनों को आग लगा दी गई. माकपा नेताओं ने आरोप लगाया कि जैसे ही भाजपा की रैली मेलारमठ पहुंची, भाजपा समर्थकों का एक समूह पार्टी मुख्यालय में घुस गया और तोड़फोड़ की. कई वाहनों और मोटरसाइकिलों को आग के हवाले कर दिया गया.

त्रिपुरा में राजनीतिक हिंसा

उन्होंने बताया कि भाजपा समर्थकों की भीड़ ने एक स्थानीय मीडिया हाउस के दफ्तर में भी घुसकर तोड़फोड़ की. हालांकि, भाजपा नेताओं ने इन आरोपों का खंडन किया है.

माकपा पोलित ब्यूरो सदस्य और पूर्व मुख्यमंत्री माणिक सरकार ने कहा कि अगरतला में पार्टी कार्यालयों पर हमलों के लिए भाजपा नेताओं के नेतृत्व में सत्ताधारी पार्टी के कार्यकर्ता जिम्मेदार हैं. सरकार ने कहा कि त्रिपुरा के विभिन्न हिस्सों में माकपा के पार्टी कार्यालयों में आगजनी और अभूतपूर्व हमलों के दौरान उन्होंने मुख्य सचिव कुमार आलोक और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से बात की और उनसे इस पूर्व नियोजित राजनीतिक हिंसा को रोकने का अनुरोध किया.

उन्होंने मीडिया से कहा, ज्यादातर जगहों पर पुलिस मूकदर्शक बनी रही, क्योंकि भाजपा के लोगों ने लगभग एक साथ 8 से 10 स्थानों पर आतंक का राज फैलाया.

त्रिपुरा वाम मोर्चा के संयोजक बिजन धर ने कहा कि बिशालगढ़ में माकपा के जिला कार्यालय को पहले एक बुलडोजर से क्षतिग्रस्त किया गया और फिर आग लगा दी गई, जिससे अधिकांश संपत्ति और कागजात जलकर राख हो गए. उन्होंने यह भी कहा कि अगरतला और राज्य के अन्य स्थानों में छह वाहन और एक दर्जन से अधिक दोपहिया वाहन जला दिए गए.

धर ने मीडिया से कहा, 'मंत्री, राज्य विधानसभा के उपाध्यक्ष और भाजपा के वरिष्ठ नेता अपने पार्टी कार्यकर्ताओं और सदस्यों को विपक्षी पार्टी के सदस्यों और उनके कार्यालयों पर हमले जारी रखने के लिए उकसा रहे हैं.' उन्होंने यह भी कहा कि बुधवार को हुए सिलसिलेवार हमलों में नेता नानी पॉल और पार्थ प्रतिम मजूमदार समेत बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता गंभीर रूप से घायल हो गए.

यह भी पढ़ें- त्रिपुरा में तृणमूल कांग्रेस के नेताओं पर हमला, दो घायल

इस बीच, भाजपा प्रवक्ता नबेंदु भट्टाचार्जी ने कहा कि माणिक सरकार खुद त्रिपुरा के विभिन्न हिस्सों में, शांतिपूर्ण राज्य में अराजकता पैदा करने के लिए हिंसा भड़का रहे हैं. उन्होंने दावा किया कि बुधवार को जब भाजपा सदस्य और नेता अगरतला और राज्य के अन्य हिस्सों में रैलियां कर रहे थे, तो माकपा कार्यकर्ताओं ने उन पर पथराव किया.

Last Updated : Sep 9, 2021, 10:44 AM IST
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