ETV Bharat / bharat

Padmini Ekadashi : हर तीन साल में एक बार होता है पद्मिनी एकादशी व्रत, जानिए क्यों है इतना खास

Padmini Ekadashi Vart : हर तीन साल के बाद पद्मिनी एकादशी का व्रत होता है. इस बार 29 जुलाई को यह व्रत है. पढ़ें पूरी खबर..

author img

By

Published : Jul 29, 2023, 12:20 AM IST

Padmini Ekadashi
पद्मिनी एकादशी व्रत

नई दिल्ली : हिंदू पंचांग के अनुसार हर तीन साल के बाद मलमास आता है. इसे अधिकमास व पुरुषोत्म मास भी कहा जाता है. पद्मिनी एकादशी भी 3-3 साल पर ही होता है. इस कारण मलमास में पड़ने वाले पद्मिनी एकादशी का विशेष महत्व है. इस साल 29 जुलाई को पद्मिनी एकादशी है. वहीं व्रति पारण अगले दिन यानि 30 जुलाई को करेंगे.

धार्मिक मामलों के जानकारों के अनुसार अधिकमास के स्वामी भगवान विष्णु हैं और इस माह में पड़ने वाला एकादशी भी इन्हें ही समर्पित है. ऐसे में पद्मिनी एकादशी में रखने वाले और इस अवसर पर पूजा-अर्चना करने वालों को सामान्य की अपेक्षा कई गुणा फल की प्राप्ति होती है. यही नहीं कई जानकारों का मानना है कि अकेले पद्मिनी एकादशी का व्रत रखने वालों को साल भर के सभी एकादशी के बराबर फल की प्राप्ति होती है.

पद्मिनी एकादशी का मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार सावन महीने के शुक्ल पक्ष की पद्मिनी एकादशी तिथि 28 जूलाई 2023 (दिन शुक्रवार) को दोपहर 2 बजकर 51 मिनट से प्रारंभ होगा. एकादशी तिथि का समापन अगले दिन यानि शनिवार को दोपहर 1 बजकर 05 मिनट पर संपन्न होगा. हिंदू धर्म के अनुसार सभी व्रत-त्योहार उदया तिथि के आधार पर मनाया जाता है, इस कारण पद्मिनी एकादशी व्रत 29 जुलाई, दिन शनिवार को होगा. वहीं पद्मिनी एकादशी का पारण 30 जुलाई को होगा. पारण का समय सुबह 5 बजकर 41 मिनट से सुबह 8 बजकर 24 मिनट तक है.

  • पद्मिनी एकादशी प्रारंभ 28 जूलाई 2023 दिन शुक्रवार दोपहर 2 बजकर 51 मिनट से
  • पद्मिनी एकादशी समाप्ति 29 जूलाई 2023 दिन शनिवार दोपहर 1 बजकर 05 मिनट तक
  • पारण का समय 30 जूलाई दिन रविवार सुबह 5. 41 - 8 .24 मिनट तक

पद्मिनी एकादशी 2023 पूजन विधि
पद्मिनी एकादशी के दिन सूर्योदय से पहले सुबह उठकर स्नान कर पूजा-पाठ के लिए तैयारी कर लें. इसके बाद शुभ-मुहूर्त में भगवान विष्णु की पूजा-पाठ करें. इस दौरान एकादशी व्रत कथा स्वयं पाठ करें या किसी से करायें. संभव हो तो भगवान विष्णु से जुड़े मंत्रों का जाप करें. शुभ मुहूर्त में ब्राह्मण को नियमपूर्वक भोजन कराकर स्वयं पारण करें. इस दौरान जरूरतमंदों को भोजन/मुद्रा आदि दान करें.

ये भी पढ़ें

नई दिल्ली : हिंदू पंचांग के अनुसार हर तीन साल के बाद मलमास आता है. इसे अधिकमास व पुरुषोत्म मास भी कहा जाता है. पद्मिनी एकादशी भी 3-3 साल पर ही होता है. इस कारण मलमास में पड़ने वाले पद्मिनी एकादशी का विशेष महत्व है. इस साल 29 जुलाई को पद्मिनी एकादशी है. वहीं व्रति पारण अगले दिन यानि 30 जुलाई को करेंगे.

धार्मिक मामलों के जानकारों के अनुसार अधिकमास के स्वामी भगवान विष्णु हैं और इस माह में पड़ने वाला एकादशी भी इन्हें ही समर्पित है. ऐसे में पद्मिनी एकादशी में रखने वाले और इस अवसर पर पूजा-अर्चना करने वालों को सामान्य की अपेक्षा कई गुणा फल की प्राप्ति होती है. यही नहीं कई जानकारों का मानना है कि अकेले पद्मिनी एकादशी का व्रत रखने वालों को साल भर के सभी एकादशी के बराबर फल की प्राप्ति होती है.

पद्मिनी एकादशी का मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार सावन महीने के शुक्ल पक्ष की पद्मिनी एकादशी तिथि 28 जूलाई 2023 (दिन शुक्रवार) को दोपहर 2 बजकर 51 मिनट से प्रारंभ होगा. एकादशी तिथि का समापन अगले दिन यानि शनिवार को दोपहर 1 बजकर 05 मिनट पर संपन्न होगा. हिंदू धर्म के अनुसार सभी व्रत-त्योहार उदया तिथि के आधार पर मनाया जाता है, इस कारण पद्मिनी एकादशी व्रत 29 जुलाई, दिन शनिवार को होगा. वहीं पद्मिनी एकादशी का पारण 30 जुलाई को होगा. पारण का समय सुबह 5 बजकर 41 मिनट से सुबह 8 बजकर 24 मिनट तक है.

  • पद्मिनी एकादशी प्रारंभ 28 जूलाई 2023 दिन शुक्रवार दोपहर 2 बजकर 51 मिनट से
  • पद्मिनी एकादशी समाप्ति 29 जूलाई 2023 दिन शनिवार दोपहर 1 बजकर 05 मिनट तक
  • पारण का समय 30 जूलाई दिन रविवार सुबह 5. 41 - 8 .24 मिनट तक

पद्मिनी एकादशी 2023 पूजन विधि
पद्मिनी एकादशी के दिन सूर्योदय से पहले सुबह उठकर स्नान कर पूजा-पाठ के लिए तैयारी कर लें. इसके बाद शुभ-मुहूर्त में भगवान विष्णु की पूजा-पाठ करें. इस दौरान एकादशी व्रत कथा स्वयं पाठ करें या किसी से करायें. संभव हो तो भगवान विष्णु से जुड़े मंत्रों का जाप करें. शुभ मुहूर्त में ब्राह्मण को नियमपूर्वक भोजन कराकर स्वयं पारण करें. इस दौरान जरूरतमंदों को भोजन/मुद्रा आदि दान करें.

ये भी पढ़ें

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.